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मास्टर आफ सेरेमनी आरके पांडेय हुए रिटायर

कोरबा अपने 40 साल के कार्यकाल को पूरा करके मास्टर आफ सेरेमनी आरके पांडेय 30 अप्रैल को रिटायर हुए, आरके पाण्डेय 2.7.1982 को शा हाई स्कूल छुरी में सहायक शिक्षक के पद पर भर्ती होकर अपने कर्तव्य का निर्वहन करने की श्ुरूवात की। इसके पश्चात विभाग द्वारा आयोजित फिजिकल टेनिग्र के लिए ग्वालियर के शिवपुरी मे शामिल हुए। 9.8.1990 में इनको पीटीआई के पद पर शा.उ.मा.विद्यालय में पदोन्नती हुआ। इसके बाद लगातार अपने स्कूल को शिखर तक पहुचाया। शिक्षा विभाग के इकलौते पीटीआई होने का गौरव प्राप्त होने के कारण कई बार जिला खेल अधिकारी का प्रभार दिया गया लेकिन  2018 से लगातार जिला खेल अधिकारी बने रहे और यही से रिटायर हुए। अपने 40 साल के कार्यकाल में सैकड़ो बार कोरबा को राष्टीय और राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं में चैपियनशिप दिलवाया। कोरबा जिला बनने के बाद  राष्टीय एवं राज्यस्तरीय सभी प्रतियोगिताओं में मास्टर आफ सेरेमनी आर के पांडे ने सफल मार्चपास्ट करवाया।
श्री पांडे ने कहा कि 2011 में राष्टीय कबडडी प्रतियोगिता का आयोजन कार्यकाल का सबसे बेहतरीन आयोजन था जिसमें कोरबा का नाम देश के मानचित्र में आया। अपने कार्यकाल के दौरान 15 से ज्यादा जिला शिक्षाधिकारी के साथ काम किया जिसमें हेमंत उपाध्याय का अनुशासन हमेश याद रहेगा। डीईओ ए के भार्गव, डीके कौशिक, आर एन हीराधर एवं सतीश पांडे के साथ काम करना चुनौतीपूर्ण रहा। आर के पाण्डेय को कोरोना में 6 माह काम करने के लिए शिक्षा मंत्री एवं कोरबा के प्रभारी मंत्री प्रेमसाय सिंह के द्वारा 26 जनवरी 2021 को मुख्य समारोह में सम्मानित किया गया। श्री पांडे के द्वारा अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन में महासचिव, शिक्षक फेडरेशन जिलाध्यक्ष, जिला टेड युनियन में उपाध्यक्ष जैसे शिक्षक संगठन के साथ जुडकर महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करते हुए अपने साथियों की समस्या का निराकरण करवाया।
आर के पांडेय हाकी के बेस्ट खिलाड़ी होने की वजह से आॅल इंडिया हाकी प्रतियोगिता में खेलकर कई पुरस्कार जीत चुके है। रिटायर होने के बाद घर परिवार को समय देना चाहते है। बाकी खाली समय नये खिलाडि़यों को प्रशिक्षण देगें।
आर के पांडेय ने कहा कि उनकी पत्नी श्रीमती सविता पांडे एवं दो बेटियां पायल और पूजा ने पूरा सहयोग किया जिसके कारण अपने जीवन के महत्वपूर्ण 40 साल का कार्यक्राल सुदंर तरीके से पूरा कर पाये। अब आगे का समय परिवार के लिए दूगंा।