बैंगलुरू से आए वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ डाॅक्टरों की देखरेख में चल रहा बीमार हाथी का उपचार कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने कठराडेरा पहुंच हाथी के स्वास्थ्य की ली जानकारी अर्द्धव्यस्क हाथी के स्वास्थ्य में आ रहा सुधार, चिकित्सक जता रहे जल्द स्वस्थ्य होने की संभावना
कोरबा वनमंडल अंतर्गत कुदमुरा वनपरिक्षेत्र के ग्राम कठराडेरा में 14 जून से बीमार अर्द्धव्यस्क नर हाथी के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार आ रहा है। बैंगलुरू से आए वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ डाॅक्टरों की देखरेख में हाथी को स्पेशल ट्रीटमेंट के साथ विशेष डाईट दिया जा रहा है। हाथी के स्वास्थ्य की जानकारी लेने आज कोरबा कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल भी मौके पर पहुंची। यहां उन्होने वनमंडलाधिकारी सहित चिकित्सकों से हाथी के किए जा रहे ईलाज की पूरी जानकारी ली। श्रीमती कौशल ने दवाओं के साथ-साथ हाथी के लिए भोजन आदि की भी पर्याप्त व्यवस्था रखने के निर्देश वन अमले सहित प्रशासनिक अधिकारियों को दिए है। उन्होने हाथी के ईलाज के लिए प्रशासन द्वारा सभी संभव सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। इस दौरान अतिरिक्त जिलादण्डाधिकारी संजय अग्रवाल, डीएफओ एन. गुरूनाथन, डिप्टी कलेक्टर देवेन्द्र प्रधान, बैंगलुरू से आए वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ डाॅ. अरूण ए. शाह एवं डाॅ. प्रयाग एच. एस. भी मौजूद रहे।
डाॅ. अरूण शाह ने बताया कि हाथी के पेट में कीड़ो का संक्रमण है जिसके कारण वह कुछ खा पी नहीं पा रहा था। हाथी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैय्या कराकर उसका उपचार किया जा रहा है। इस दौरान हाथी जल्दी रिकवर हो इसके लिए उसे दवाईयों के साथ ही विशेष आहार भी दिया जा रहा है। हाथी के मलमूत्र, खून और गले की लार भी विशेष जांच के लिए रायपुर स्थित लैब भेजी गई है। जांच रिपोर्ट प्राप्त होते ही हाथी को विशेष दवाईयां देना शुरू किया जाएगा। डाॅ. अरूण शाह ने बताया कि लगातार हाथी हर दो घंटे में तापमान और सांस की गति को नापा जा रहा है। उसे बेहतर सुविधा और आराम के लिए हर 6 घंटे में करवट दिलाई जा रही है। हाथी के हड़डियों को नुकसान से बचाने के लिए विशेष दवाईयां तथा स्प्रे भी किए जा रहे है। डाॅक्टरोें ने उम्मीद जताई है कि कुछ ही दिनों में यह नर हाथी पूरी तरह ठीक हो जाएगा।
डीएफओ एन गुरूनाथन ने बताया कि यह हाथी 14 जून को अपने झूंड से बिछडकर कठराडेरा गांव में एक ग्रामीण के घर में घूस गया था और पेट के बल लेट गया था। प्रारंभिक तौर पर कोरबा में उपलब्ध विशेषज्ञ पशु चिकित्सकों ने हाथी की जीवन रक्षा के जरूरी प्राथमिक उपचार किया था। बाद में कलेक्टर व उच्चाधिकारियों के निर्देशन पर हाथी को रेस्क्यु करने के लिए कोरबा तथा बिलासपुर से वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट की टीम भी कठराडेरा पहुंची हुई है।