गौरेला पेंड्रा मरवाही: मुख्यमंत्री भुपेश बघेल के आदेश की उड़ाई जा रही धज्जियां….प्रधानमंत्री सड़क में चोरी का अवैध मुरूम खपाया जा रहा ! जिला प्रशासन मौन
प्रधानमंत्री सड़क में चोरी का अवैध मुरूम खपाया जा रहा !
गौरेला पेंड्रा मरवाही: जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में होने वाले सड़क निर्माण के कार्यों में खनिज संसाधन की चोरी कर उसका अवैध खनन कर उपयोग किया जा रहा है। यह सिलसिला कोई आज का नहीं बल्कि वर्षों से चलता आ रहा है किंतु इस ओर से जहां खनिज अमला उदासीन बना हुआ है वहीं राजस्व विभाग भी कोई मतलब नहीं रख रहा। इससे सीधे तौर पर सरकार को राजस्व की हानि तो हो ही रही है। जगह-जगह से बेतरतीब ढंग से अपने मतलब के अनुसार मुरूम को खोदेने से जमीन भी खराब हो रही है।
वर्तमान में पेंड्रा के बारीउमराव पंचायत में मुरूम का अवैध उत्खनन जोरों पर है। इन अवैध खनन और परिवहन कर्ताओं तथा निर्माण में चोरी का मुरुम खपाने वालों पर कार्यवाही करने में अधिकारियों के हाँथ-पाँव फूल रहे हैं। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक इस अवैधानिक मुरुम का उपयोग प्रधानमंत्री सडक निर्माण पेंड्रा पतगवा पंचायत से झाबर पंचायत मार्ग में किया जा रहा है। उक्त सड़क में चोरी के अवैध मुरुम बड़े पैमाने पर खपाये जा रहे हैं। इससे निश्चित ही शासन को राजस्व की हानि हो रही है, जो उसे राजस्व भूमि से मुरुम खनन की अनुमति लेने पर राजस्व के रूप में प्राप्त होती। बहरहाल देखना यह है कि खनिज के चोरों/अवैधकारियों पर किस तरह का एक्शन कब तक और किस तरह से लिया जाएगा?
0 जाने पर मिलता है सन्नाटा
मजे की बात तो यह है कि अवैध रूप से मुरूम का बेधड़क होकर खनन तो किया जा रहा है लेकिन जैसे ही शिकायत करने की चर्चा होती है, तो मौके को साफ-सुथरा किया जाकर वहां से गाड़ियों को हटा दिया जाता है। अधिकारी जब यहां किसी तरह की जांच-पड़ताल के लिए खुद पहुंचते हैं या किसी टीम को भेजते हैं तो सन्नाटा पसरा हुआ मिलता है। ऐसे में अधिकारी यह कहकर अपनी कलम बचा लेते हैं कि मौके पर तो कुछ मिला नहीं, कार्यवाही क्या करते? लेकिन वे यह क्यों भूल जाते हैं कि मौके पर जमीन तो खुदी हुई और मुरूम निकले हुए तो नजर आते ही हैं। आखिर इसके बारे में छानबीन क्यों नहीं करते कि इस जमीन को इस तरह से किसने, क्यों खुदवायाऔर कब से खोदकर यहां के मुरूम/मिट्टी को कहां उपयोग कर रहा है? दरअसल किसी भी मामले में जड़ तक जाकर कार्रवाई करने की जहमत उठाना ही नहीं चाहते, क्योंकि कहीं ना कहीं निचले स्तर से लेकर ऊपर स्तर तक सांठगांठ का बंधन तो रहती ही है। आखिर ग्राम पंचायत पतगवा और खुज्जी बांध इसके आसपास के इलाके में भी तो मुरुम का अवैधानिक खनन एवं परिवहन खनिज व राजस्व विभाग की नाक के नीचे और उसकी पूरी जानकारी में लंबे समय से हो ही रहा है। खनिज विभाग का दलाल इसका मुखिया है।