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जिस संसदीय सचिव की नियुक्ति पर कांग्रेस ने काटा था बवाल, अब वही करने जा रही राज्य में सरकार.. सीएम भुपेश ने दिए संकेत

रायपुर। रमन सरकार के तीसरे कार्यकाल के अंतिम पड़ाव में कांग्रेस ने संसदीय सचिव की नियुक्ति को लेकर राजनितिक बवाल खड़ा किया था। अब अपनी सरकार में भूपेश सरकार भी संसदीय सचिव की नियुक्ति करने का मन बना ली है। खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसके संकेत दिए है।

सीएम भूपेश शनिवार को जिला अध्यक्षों की बैठक की अध्यक्षता करने प्रदेश कार्यालय राजीव भवन पहुंचे थे, यहां बैठक के बाद सीएम भूपेश ने अपने एक बयान में कहा है कि न्यायालय के निर्देश के अनुकूल संसदीय सचिव बनेंगे। उन्हें पूर्व सीएम के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि रमन सिंह पहले ये तय कर लें कि उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर बयान देना है या प्रदेश स्तर का बयान देना है। रमन सिंह को इस मुद्दे पर बोलने का अधिकार नहीं है, उन्होंने 15 साल तक सिर्फ लूट-खसोट किया, एक भी वादा नहीं पूरे करने वाले क्या बोलेंगे।

पूर्व सरकार में थे 11 संसदीय सचिव

भाजपा सरकार में 11 संसदीय सचिवों को मंत्रियों की तरह सुविधाएं और काम करने का अधिकार मिला हुआ था। विपक्ष में रहते हुए मंत्री मोहम्मद अकबर और आरटीआइ कार्यकर्ता राकेश चौबे ने अलग-अलग याचिका लगाई थी। दोनों ने नियुक्तियों को रद करने की अपील की थी। चार-पांच माह पहले अदालत ने आदेश दिया कि संसदीय सचिव अपने पद पर बने रहेंगे, लेकिन इस संबंध में मिलने वाले अधिकार और अतिरिक्त सुविधाओं का उपभोग नहीं कर सकेंगे।

एक बयान में टीएस सिंहदेव ने कहा था बढ़ सकते है पद

पिछले साल 2019 में इस मसले पर टीएस सिंहदेव ने एक बयान में कहा था कि संसदीय सचिवों की नियुक्ति का संविधान में प्रावधान नहीं है, लेकिन छत्तीसगढ़ में इसे लाभ का पद नहीं माना जाता है। इसलिए कांग्रेस सरकार न केवल संसदीय सचिवों की नियुक्ति पर विचार कर रही है बल्कि संख्या भी बढ़ाने की तैयारी में है। । मंत्री टीएस सिंहदेव का कहना है कि सीमा नहीं है। 11 की जगह 13 या 15 संसदीय सचिव भी बनाए जा सकते हैं।