Covid 19Latest Newsकोरबा न्यूज़ब्रेकिंग न्यूज़स्वास्थ्य

अधिकारियों के संरक्षण में ग्राम पंचायत कर्री में विकास कार्यों के नाम पर सचिव ने किया जमकर भ्रष्टाचार भ्रष्टाचार इतना कि सूचना अधिकार के तहत आवेदन के बाद जानकारी देने को तैयार नही पंचायत सचिव..

कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायत में कर्री में विकास कार्यों के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार किया गया हैं..

पोड़ी उपरोड़ा::–  जिले में जितना भी भ्रष्टाचार की बात की जाए कम है..व जिले के तमाम विभागों में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा पंचायत विभाग में व्यापत है…यहां जनपद पंचायत सीईओ से लेकर पंचायत सचिव तक भ्रष्टाचार के दलदल में गले तक डूबे हुए नजर आ रहे हैं ….ग्राम पंचायतों में हो रहे भ्रष्टाचार को जिला पंचायत से लेकर जनपद पंचायत तक खुलेआम संरक्षण प्रदान किया जा रहा है लगातार मीडिया द्वारा उच्चाधिकारियों को शिकायत करने के बाद भी ग्राम पंचायतों के भ्रष्टाचार पर जिम्मेदार अंकुश लगाने में नाकामयाब साबित हो रहे हैं या फिर जानकर भी अनजान बने बैठे हैं ….बात चाहे फर्जी मस्टर की हो या फिर घटिया और गुणवत्ताहीन कार्य की जिला पंचायत से लेकर जनपद पंचायत तक जिम्मेदार अपना कमीशन बनाने में लगे हुई है और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं जिससे कि सरपंच सचिव और अधिकारियों के हौसले बुलंद हैं….

ताजा मामला जिले की सबसे चर्चित और भ्रष्टाचार से जानने वाले जनपद पंचायत पोड़ी उपरोड़ा का है जहां इसके अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत कर्री में विकास कार्यों के नाम पर पंचायत सचिव द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया गया हैं…

कर्री ग्राम पंचायत के सचिव ने बगैर निर्माण कार्य कराए, व आधे-अधूरे निर्माण कार्य को पूर्ण कराकर लाखों रुपए डकार गए हैं। हैरानी की बात तो यह है कि अधिकारी जानकर अनजान बने हुए हैं। उक्त कारनामे में ग्राम पंचायत सचिव की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है।….बताया जाता है कि इनको सीधा सीधा संरक्षण पोड़ी उपरोड़ा जनपद पंचायत अधिकारी द्वारा दिया जाता हैं.. जिसकी वजह से ही पूर्व में ग्रामीणों ने कई बार शिकायत भी की है। व मीडिया द्वारा लगातार समाचार प्रकाशित की जा रही है किंतु इसके बावजूद ना कार्यवाही की जा रही है ….ना ही भ्रष्टाचार कम होने का नाम ले रहा हैं….

सूचना का अधिकार के तहत आवेदन के बाद भी जानकारी नहीं

ग्रामीण द्वारा पंचायत अंतर्गत की गई कार्यो की जानकारी हेतु सूचना के अधिकार के तहत सचिव से जानकारी हेतु आवेदन लगाया गया था… किंतु भरस्टाचार में लिप्त सचिव द्वारा उचित जानकारी नही दी गयी…गलत जानकारी देकर ग्रामीण को ग़ुमराह किया* गया …. *इससे तो यह कहना गलत नही होगा कि भ्रष्टाचार की पोल न खुल न खुल जाए शायद इसी वजह से* उचित जानकारी नही दी जा रही हैं *वही ग्रामीण का कहना है कि इस सम्बंध में प्रथम अपील जल्द की जाएगी….