छेरछेरा कोठी के धान ल हेरते हेरा…! जिले में मनाया गया दान का महापर्व छेरछेरा
कोरबा(CGNEWS365.COM)/ 17 जनवरी 2022- जिले में सोमवार को दान का महापर्व छेरछेरा धूमधाम से उत्साह के साथ मनाया गया। बच्चों की टोली ने हर साल की तरह घर-घर जाकर धान एकत्रित किया। छेरछेरा पर्व को पौष माह में पुन्नी के दिन मनाने की परंपरा है। छेरछेरा त्यौहार एक दूसरे को सहयोग करने का संदेश देता है।
इस दिन किसान नई फसल होने पर त्यौहार मनाते हैं। कोरोना काॅल के दौर में यह पर्व और अधिक प्रासंगिक हुआ है, ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंदों की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ सके। छत्तीसगढ़ की लोक परंपरा के इस पर्व पर घर-घर जाकर छेरछेरा माई कोठी के धान ल हेरतेहेरा की आवाज अपनी परंपरा और संस्कृति का आभास कराती है। मान्यता है कि किसान परिवारों की कोठी धान से छलकती है, उसी में से कुछ दान करने का पर्व है पुन्नी छेरछेरा। छेरछेरा महापर्व में छत्तीसगढ़ी पकवान चीला, ठेठरी, खुरमी जैसे पकवान बनाकर अपने ईश्टदेवता, ग्रामदेवता और धरती माता की पूजा कर सुख समृद्धि की कामना की जाती है, ताकि जीवन खुशहाल बना रहे। इस दिन मां शकंभरी की पूजा होती है। पौराणिक मान्यता है कि भगवान शिव भिक्षा मांगने माता पार्वती के घर गए थे। वह तिथि थी पौष माह की पूर्णिमा। इसी मान्यता से छेरछेरा पर्व मनाया जाता है। विवाह से पूर्व भगवान शिव ने पार्वती की परीक्षा ली थी। उनमें से एक परीक्षा यह भी थी।