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कोरबा : अधिकारी पर ठेकेदार भारी: मनमाने तरीके से कराया जा रहा पाली से पोड़ी- सिल्ली सड़कमार्ग का पुर्ननिर्माण एवं उन्नयन कार्य, पुल- पुलिया निर्माण में गुणवत्ताहीन सामाग्री का उपयोग, अधिकारी कठपुतली बने बैठे तो क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को झांकने तक की फुर्सत नही

कोरबा : अधिकारी पर ठेकेदार भारी: मनमाने तरीके से कराया जा रहा पाली से पोड़ी- सिल्ली सड़कमार्ग का पुर्ननिर्माण एवं उन्नयन कार्य, पुल- पुलिया निर्माण में गुणवत्ताहीन सामाग्री का उपयोग, अधिकारी कठपुतली बने बैठे तो क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को झांकने तक की फुर्सत नही

कोरबा/पाली:- छत्तीसगढ़ राज्य सड़क क्षेत्र परियोजना (ए.डी.बी. प्रोजेक्ट) के तहत 55. 096 करोड़ से हो रहे 21. 481 किलोमीटर के पाली से पोड़ी- सिल्ली तक सड़क पुर्ननिर्माण एवं उन्नयन के कार्य मे नियोजित ठेकेदार द्वारा जमकर मनमानी बरती जा रही है। जहां निर्धारित अनुबंध समय सीमा से काफी पीछे चल रहे कछुआ गति सड़क निर्माण के इस कार्य मे पुल- पुलिया निर्माण के दौरान भी गुणवत्ताहीन निर्माण सामाग्री का उपयोग करते हुए कार्य को अंजाम दिया जा रहा है।

बता दें कि पाली- पोड़ी होते हुए रतनपुर एवं बेलगहना को जोड़ने वाले उक्त सड़क मार्ग का पुर्ननिर्माण व उन्नयन कार्य का ठेका मेसर्स के.एल.ए.- वी.के.जी. (जेबी) कंपनी द्वारा लिया गया है। जिसका कार्यदेश 15 जून 2020 को जारी होने के साथ 20 माह की अवधि में कार्य पूर्ण किया जाना निर्धारित है। लेकिन ठेकेदार की मनमानी के कारण कार्य कछुआ चाल से चल रहा है, व अभी तक जिसका 40 फीसदी कार्य ही पूर्ण हो पाया है। जबकि जारी अनुबंध के अनुसार 18 माह गुजर चुके है और केवल 02 माह ही शेष बचे है, और इन दो महीने गुजरने पश्चात 20 माह की तय अवधि पूर्ण हो जाएगी। ऐसे में लगता है कि ठेकेदार के हाथों अलादिन का जादुई चिराग लग गया है, जिसे रगड़ते ही शायद यह सड़क सरपट- चकाचक बन जाए। और धूल, गिट्टी, मिट्टी से जूझते इस मार्ग पर आवागमन करने वाले लोगों को राहत मिल जाए। दूसरी ओर कार्य निर्माण ठेकेदार द्वारा पुल- पुलिया निर्माण मे जमकर भर्राशाही बरतते हुए गुणवत्ताहीन कार्य कराया जा रहा है। 21. 481 किलोमीटर सड़क पुर्ननिर्माण एवं उन्नयन कार्य के दौरान मार्ग में 01 वृहद, 07 माध्यम एवं 67 नग पाइप/स्लैब/बॉक्स पुल का निर्माण कराया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग के देखरेख में हो रहे कार्य पे पुल- पुलिया निर्माण में कांक्रीटिंग के दौरान प्राक्कलन के विपरीत निर्माण सामाग्री का उपयोग किया जा रहा है, जबकि जो कांक्रीट सामाग्री क्वालिटी परीक्षण हेतु रखा जा रहा उसमें अतिरिक्त सीमेंट डालकर गुणवत्तापरख दिखाने का प्रयास किया जा रहा है। इस प्रकार जमकर गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। जिसका मौके पे जाकर जांच करने पर सारी सच्चाई सामने आ जाएगी। लेकिन ऐसा नही हो पा रहा है, जिससे होने वाले कार्य की मजबूती पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है। जबकि इस कार्य का देखरेख करने वाले संबंधित अधिकारी ठेकेदार के हाथों की कठपुतली बन उनके इशारे पर डांस कर रहे है, तो वही क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले जनप्रतिनियों के पास भी इतनी फुर्सत नही कि किस कदर कार्य कराया जा रहा है, उसका मौके पर जाकर दृश्यांकन कर सके। इस संबंध पर जब कार्य की गति व निर्माण गुणवत्ता को लेकर परियोजना प्रबंधक ए.के. दीवान से फोन पर बात किया गया तब उन्होंने यह कहा कि ठेकेदार हमारी एक नही सुनते, आप उनसे ही बात कीजिये। अब आप समझ गए होंगे कि ठेकेदार के आगे अधिकारियों की कैसी चलती है। बहरहाल इस पूरे निर्माण कार्य पर गुणवत्ता को लेकर कोई देखने- बोलने वाला नही है, इसीलिए ठेकेदार द्वारा अपनी मनमर्जी की जा रही है।