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14 वर्षीय बालक के मौत के जिम्मेदार बालगृह के संचालनकर्ता एनजीओ स्रोत को शीघ्र जारी होगी नोटिस….

डीपीओ शासन से मान्यता ,शासन स्तर से ही होगी मान्यता समाप्त करने की कार्रवाई 

कोरबा। महिला एवं बाल विकास विभाग के अधीन स्रोत (सोशल रिवाइवल ग्रुप ऑफ अर्बन रूरल एंड ट्राईबल ) के द्वारा दर्री थाना अंतर्गत दर्री में संचालित बाल गृह के संचालन में लापरवाही से भागकर नहर में कूदे 14 वर्षीय बच्चे की मौत के मामले में संचालनकर्ता एनजीओ पर जल्द कार्रवाई होगी। जांच समिति ने जिला प्रशासन को प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दिया है ,शीघ्र ही स्रोत को नोटिस जारी की जाएगी। 

यहां बताना होगा कि महिला एवं बाल विकास विभाग के अधीन स्रोत (सोशल रिवाइवल ग्रुप ऑफ अर्बन रूरल एंड ट्राईबल ) के द्वारा दर्री थाना अंतर्गत दर्री में बाल गृह का संचालन किया जा रहा है। यहां देख रेख और संरक्षण के जरूरतमंद बालकों को रखा जाता है। ऐसे बच्चे रहते हैं जिनके मां-बाप पालन पोषण नहीं कर सकते। यहां करीब ऐसे ही 28 बच्चे रहते हैंं। 19 फरवरी की सुबह बाल गृह प्रशासन में तब हड़कंप मच गया। जब उन्हें पता चला कि बाल गृह से 2 बच्चे गायब हैं। एक बच्चा 5वीं क्लास में पढ़ता है तो दूसरा 7वीं में पढ़ता था। बच्चों की उम्र 12 और 14 साल है। दोनों सुबह 7 बजे से गायब थे। इसकी खबर बाल गृह प्रशासन ने दर्री पुलिस को दिया। दोपहर 12 बजे के आस-पास की दोनों बच्चे भागकर बालको क्षेत्र के शिवनगर रुमगरा के पास बहने वाले नहर में नहाने के लिए पहुंच गए। दोनों नहाने के लिए जिस जगह पर कूदे वह जगह काफी गहरी थी, दोनों को इस बात का अंदाजा ही नहीं था। इसके बाद 7वीं में पढ़ने वाला बच्चा वहीं डूब गया जबकि 5वीं क्लास में पढ़ने वाले बच्चे ने तैरकर किसी तरह अपनी जान बचाई थी। पुलिस को मौके से बच्चे का कपड़ा मिला था।

जिस बच्चे ने अपनी जान बचाई, वह नहर के पास से भागता हुआ सीधा बाल गृह पहुंच गया और पूरी जानकारी प्रबंधन को दी थी। दोपहर करीब 2 बजे प्रबंधन ने इसकी जानकारी पुलिस को दी थी जिसके बाद बच्चे की तलाश शुरू कर दी गई थी।आखिरकार घटना के 5 दिन बाद 23 फरवरी को 14 वर्षीय बालक का शव विद्युत उत्पादन कंपनी संयंत्र के सायफन में फंसा हुआ मिला । नहाते वक्त एक युवक को शव दिखा था जिसकी सूचना के आधार पर पुलिस ने गोताखोरों के जरिए शव को सायफन से बाहर निकाला था। युवक के शव की बरामदगी के बाद लोगों में आक्रोश व्याप्त था। सभी की निगाहें प्रशासन की घटनाक्रम के जिम्मेदार एनजीओ की कार्रवाई पर टिकी है। गौरतलब हो घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन एक्शन में आ गया ।

कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने बाल गृह संचालन में लापरवाही के कारण बालक के बाल गृह से निकलकर नहर में डूबने के मामले में अधीक्षक को हटाने के निर्देश दिए थे ।जिस पर त्वरित अमल किया गया। वहीं कलेक्टर रानू साहू ने जांच दल गठित कर संबंधित एनजीओ के जिम्मेदारों पर भी करवाई के निर्देश दिए हैं। समिति को 2 दिन में जांच रिपोर्ट पेश करना था। जांच दल में अपर कलेक्टर सुनील नायक, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग एमडी नायक एवं नगर पुलिस अधीक्षक दर्री सुश्री लितेश सिंह शामिल हैं।जांच दल ने प्रतिवेदन जिला प्रशासन को प्रस्तुत कर दिया है जल्द ही प्रकरण में एनजीओ को नोटिस जारी की जाएगी। 

शासन स्तर से मान्यता शासन स्तर से होगी मान्यता समाप्त करने की कार्रवाई!

जांच दल के सदस्य व डीपीओ महिला एवं बाल विकास विभाग एमडी नायक ने बताया कि स्रोत एनजीओ की मान्यता पंजीयन संबंधी पूरी प्रक्रिया महिला एवं बाल विकास विभाग रायपुर द्वारा किया गया है। लिहाजा इस प्रकरण में भी मान्यता समाप्त करने जैसी कार्रवाई शासन स्तर से ही होगी। इसके लिए एनजीओ के जवाब दावा के परीक्षण उपरांत प्रतिवेदन जिला प्रशासन द्वारा आवश्यक कार्रवाई हेतु शासन को भेजी जाएगी। 

वर्जन 

जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दिए हैं शीघ्र नोटिस जारी होगी 

जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दिए हैं। शीघ्र ही प्रकरण में जवाब दावा के लिए संबंधित एनजीओ को नोटिस जारी की जाएगी। एनजीओ की मान्यता समाप्त करने जैसी कार्रवाई शासन के अधिकार क्षेत्र में हैं। 

एमडी नायक ,डीपीओ मबावि