जातिवाद की जगह ले रहा राष्ट्रवाद—- अर्जुन सिंह प्रवक्ता जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़
जातिवाद की जगह ले रहा राष्ट्रवाद—- अर्जुन सिंह प्रवक्ता
दिल्ली: देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश सहित अन्य चार राज्य मणिपुर गोवा उत्तराखंड और पंजाब के परिणाम कल आ गए इस चुनाव और उसके परिणाम ने बहुत से भ्रम तोड़े एवं राष्ट्र के लिए नई दिशा एवं दशा तय करने का कार्य किया है।
जिन भी राजनीतिक पार्टियों को और जाति के ठेकेदारों को लगता था की जीत का मतलब सिर्फ जातिगत गुणा भाग है उन सभी पार्टियों को उत्तर प्रदेश के चुनाव से यह देखना चाहिए कि अब लोग जातिवाद से ऊपर उठकर धर्मवाद और राष्ट्रवाद की ओर विकासवाद की ओर बढ़ रहे हैं इसका सबसे बड़ा प्रमाण बहुजन समाज पार्टी का एक सीट पर आ जाना सोशल इंजीनियरिंग के नाम पर धर्म को जाति के नाम पर बांटने के फेक विडियोज एवं मेसेज के नाम पर भ्रम फैलाने के अखिलेश यादव जी के प्रयास का सफल ना होना है।
मैं जैसा पूर्व से ही कहता आया की 247 काम करने वाली RSS संघ ने लोगों को यह समझाने में कामयाबी पाई कि आप जाति से पहले हिंदू हैं पारसी हैं बौद्ध हैं क्रिश्चियन हैं जैन हैं सिख हैं उन्होंने यह समझाया लोगों को की 1 वर्ग जो आजादी के समय से ही यह समझ चुका है उन्हीं की तरह हर जाति को धर्म के नाम पर एक करने में सफलता पाई और मुस्लिम वर्ग भी कुछ हद तक यह समझ गया इस चुनाव से की सिर्फ वोट के नाम पर उपयोग होने से अच्छा विकास के नाम पर राष्ट्र के विकास के साथ-साथ स्वयं का विकास जरूरी है। जिसका उदाहरण या परिणाम मुस्लिम बहुल इलाकों में भाजपा की जीत मानी जा सकती है।
उत्तर प्रदेश में जो जीत की गारंटी M +Y (मुस्लिम+ यादव) फार्मूले को माना जाता था उसका मतलब भी बदल गया इस चुनाव में अब जीत की गारंटी M +Y (मोदी +योगी) फार्मूले ने ले ली है मोदी योगी जी के चुनाव मोड में आते साथ संघ द्वारा समझाएं गए धर्म की बातें राष्ट्रवाद से जुड़ती चली गई जिसका परिणाम आज हम सबके सामने हैं।
चुनाव की घोषणा होते साथ लगातार मेरे द्वारा कहा जाता था कि 270 से 280 सीटों के बीच भाजपा रहेगी पर जातिगत चश्मे से देखने वाले लोगों को मेरी बातें सही नहीं लगती थी पर इस चुनाव ने और खासकर हम क्षेत्रीय पार्टी वालों की लाज बचाने वाली आम आदमी पार्टी की पंजाब में एक तरफा जीत ने यह समझा दिया कि चुनाव आप भ्रम फैलाकर जातिगत आधार पर बड़ी-बड़ी गाड़ियों में प्रचार कर नहीं जीत सकते आपको सोच और मानसिकता बदलनी होगी। क्योंकि डिजिटल युग और सोशल मीडिया के युग में जनता समझदार हो चुकी है।
एक नजर इस चुनाव में दूसरी राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस जिसने लगभग 70 साल देश में राज किया उसकी ओर भी डालते हैं इस चुनाव में उसका हाल इतना बुरा होने का कारण सिर्फ और सिर्फ देश को किसान आंदोलन हाथरस कांड लखीमपुर खीरी के नाम पर बांटने और परिवारवाद की मानसिकता का परिणाम है। अब इन्हें आत्ममंथन करने की आवश्यकता बहुत जरूरी है क्योंकि भाई के साथ साथ बहन भी जीत की गारंटी नहीं बन सकी है।
चुनाव पांच राज्य में लड़ा जा रहा था पर उसका सबसे अधिक नुकसान प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हम छत्तीसगढ़ वालों पर पड़ा है और पड़ने वाला है हमारे मुख्यमंत्री जी असम की तरह उत्तर प्रदेश के भी प्रभारी थे और ना जाने कितने संसाधन कुर्बान कर दिए उन्होंने चुनाव जीतने के लिए नहीं सिर्फ आलाकमान को खुश करने रूपी अपनी कुर्सी बचाने के लिए और दिल्ली का रास्ता बनाने के लिए ,मुख्यमंत्री जी आप यह कह सकते हैं की छत्तीसगढ़ वालों तुम लोग कितने खुशनसीब हो कि तुम्हारे मुख्यमंत्री की कुर्सी की कीमत यूपी के मुख्यमंत्री की कुर्सी से भी ज्यादा हो चुकी है क्योंकि इस कुर्सी की कीमत चुनाव जीतने के बाद लगातार दिल्ली में चुकाई जा रही है काश हमारे मुखिया यह समझ पाते की उस कीमत रूपी पैसे की आवश्यकता गरीबों को आवास के लिए संविदा कर्मचारियों को तनख्वाह रूपी पैसे परिवार पालने के लिए विकास कार्यों रूपी छत्तीसगढ़ के विकास के लिए जरूरी था है और रहेगा।
मैं अंत में चार राज्यों में विजय प्राप्त करने वाली भाजपा पार्टी और मोदी योगी जी को बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं एवं प्रत्येक जीते हुए प्रत्याशियों को बधाई देता हूं तथा पंजाब में एक तरफा विजय प्राप्त करने वाली पार्टी आम आदमी पार्टी को बधाई देते हुए यह उम्मीद करता हूं कि भाजपा विरोधी कांग्रेस का विकल्प बनने की महत्वाकांक्षा में आप और तृणमूल कांग्रेस कभी आमने सामने ना आए क्योंकि हम क्षेत्रीय पार्टियों की आखरी उम्मीद आप दोनों ही हैं
अर्जुन सिंह संभागीय प्रवक्ता
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे
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