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गौरेला पेंड्रा मरवाही: सरकारी बड़े झाड़ जंगल भूमि की हो गई बिक्री….राजस्व अधिकारियो की भूमिका भी “संदिग्ध”..

गौरेला पेंड्रा मरवाही: सरकारी बड़े झाड़ जंगल भूमि की हो गई बिक्री….राजस्व अधिकारियो की भूमिका भी “संदिग्ध”

 

 

गौरेला पेंड्रा मरवाही: जिले के ग्राम बसंतपुर से रतनपुर मुख्य मार्ग में बड़े झाड़ की जंगल भूमि की खरीदी बिक्री की गई है ! जो बेशकीमती जमीन शासन के मद में रहते हुए जरूरी शासकीय कार्यों में उपयोग ली जा सकती थी, उसे मिलीभगत कर बेच दी गई हैं। खास बात यह है कि जमीन बेचने से पहले कलेक्टर की अनुमति तक नहीं ली गई। बड़े झाड़ की जंगल के जमीन की रजिस्ट्री के साथ साथ जमीन पर मुरूम एवं पत्थरो का अवैध उत्खनन का कार्य व साल-सरई के वृक्षों की अवैध कटाई एवं निस्तारी तालाब को मुरूम पाटा भी गया है

मामले में जिला कलेक्टर से शिकायत करते बताया गया है की जिले के ग्राम आमाडांड प. ह 13 तहसील पेण्ड्रा में विकास सिंह राठौर के द्वारा बसंतपुर से रतनपुर मुख्य मार्ग पर सब स्टेशन के बगल में बड़े झाड़ के जंगल मद की भूमि का रजिस्ट्री कराया गया है उक्त जमीन पर केता द्वारा मुरूम एवं पत्थरों की अवैध उत्खनन कार्य किया जा रहा है. जिसमें ग्राम पंचायत आमाडाढ के सरपंच की संलिप्तता है। क्रेता के पिता जीवन सिंह राठौर जनपद पंचायत पेण्ड्रा के उपाध्यक्ष एवं कांग्रेस के नेता है जो अपने प्रभाव के कारण प्रशासन में अच्छा दखल रखते है.

इस कारण प्रशासन इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करता है। वर्तमान में कई घन फुट पत्थरों का अवैध उत्खनन किया जा चुका है एवं बिक्री किया जा रहा है व मुरूम का भी अवैध उत्खनन कार्य किया जा रहा है। उक्त जमीन पर साल साजा के बहुत पुराने वृक्षों को काटा जा रहा है, जिसके झूठ का निशान वर्तमान में देखे जा सकते हैं। इन वृक्षों का भी अवैध परिवहन रात्रि में किया जा रहा है. चूंकि अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल करते हुए उक्त कृत्य किया जा रहा है और ग्रामीणों में भय पैदा किया जा रहा है। उसी जमीन से लगी हुई वन अधिकार पटटे की भूमि को भी नोटरी से खरीदा जा रहा है। व गरीब ग्रामीणों की जमीन पर कब्जा किया जा रहा है।

इतना ही नहीं बल्कि बिक्री नकल प्रदान करते समय विभाग के प्रभारी से मुहर व नंबर लेकर सत्यापन तक नहीं कराया गया और सीधे तौर पर तहसीलदार व नायब तहसीलदार से बिक्री नकल लेकर जमीन बेच दी गई। जो कि नियमानुसार विक्रय नहीं हो सकती थी, बावजूद इसके रजिस्ट्री की गई। मामले को लेकर जिला डीएम , डीएफओ से शिकायत कर कार्यवाही की मांग की गई है ..!

सरकारी बड़े झाड़ जंगल भूमि की हो गई बिक्री

उक्त नकल प्रदान करने के पहले पटवारी व राजस्व अधिकारी ने मूल अभिलेख मिशल 1929 से 1973 के अभिलेख से वास्तविकता की पड़ताल नहीं की। कयास लगाया जा रहा है कि भू माफिया को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से शासकीय आवंटित बड़े झाड़ के जंगल की भूमि की खरीदी बिक्री की गई। …

राजेश यादव शिकायतकर्ता