मनरेगा मामला,शासन ने फिर लिया समय हाईकोर्ट से पड़ी फटकार
मरवाही मनरेगा मामला,शासन ने फिर लिया समय हाईकोर्ट से पड़ी फटकार
6 दिसंबर तक हर हाल में मंगाई जानकारी
बिलासपुर: मरवाही वनमंडल के अंतर्गत हुए भ्रष्टाचार के एक मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए शासन द्वारा बार-बार समय लेने पर नाराजगी जाहिर की। याचिकाकर्ता के पत्र पर क्या कार्रवाई हुई, यह शासन के वकील अब तक नहीं बता पा रहे हैं। डिवीजन बेंच ने 6 दिसंबर तक हर हाल में पूरी जानकारी पेश करने के लिए कहा है। अन्यथा, कड़ी कार्रवाई की बात कही गई है।
मरवाही वनमंडल के अंतर्गत वर्ष 2020-21 में काम स्वीकृत हुए थे, जिसमें 4 करोड़ 72 लाख रुपए के घोटाले की बात सामने आई। इस दौरान पुल और स्टॉप डेम बनाने के लिए मनरेगा के तहत 40 प्रतिशत तक काम किया गया था,
लेकिन इसमें 90 प्रतिशत तक राशि खर्च हो गई थी। जिसमे मनरेगा के बड़े अफसरों ने जांच की थी, तब तकरीबन दो दर्जन लोग दोषी पाए गए थे। उन्हें निलम्बित कर दिया गया था, लेकिन बाद में वन विभाग की मिलीभगत से 45 दिनो के भीतर ही बहाल कर दिया गया था। इसे ही लेकर नारायण प्रसाद शर्मा ने अधिवक्ता रामावतार मिश्रा व शीतल सोनी और प्रवीन सोनी के माध्यम से जनहित याचिका दायर कर दोषी अफसरों से वसूली करने और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। इस मामले में शनिवार को चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में शासन के वकील ने फिर उचित जवाब न देकर समय मांगा, तो हाईकोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई। अगली सुनवाई 6 दिसम्बर को निर्धारित की गई है।