खबर का असर: सामाजिक बहिष्कार जैसे कुरीति को प्रसाशनिक अफसरों ने कराया खत्म, पटेल परिवार को मिला न्याय
संतोष दीवान- 8319498938
कोरबा(CGNEWS365.COM)/ 23 अप्रैल 2022-सामाजिक बहिष्कार: कलेक्टर आदेश के बाद भी जाँच के लिए नही पहुंचे अधिकारी, पिता को बेटी की शादी की चिंता, अभी भी जरूरत का सामान लेने जाते हैं गांव से बाहर नामक शीर्षक से 22 अप्रैल को CGNEWS365.COM ने प्रमुखता से खबर वायरल किया था खबर वायरल होने के तीन घंटे बाद प्रशासनिक अधिकारी ग्राम रोगदा पहुंचकर पंचायत भवन में दोनो पक्षों को बुलाकर बैठक की गई, बैठक में अधिकारियों ने ग्रामीणों को सामाजिक बहिष्कार जैसी कुरीति के दुष्परिणाम के बारे में समझाया जिसके बाद ग्रामीणों ने सामाजिक बहिष्कार के मौखिक निर्णय को वापस लिया और भेदभाव न रखते हुए मिलजुलकर रहने की बात कही।
सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहे रोगदा के पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने जनचौपाल में कलेक्टर द्वारा दिए गए निर्देश के 10 दिन बीत जाने के बाद भी एसडीएम द्वारा पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की सुध नही ली जा रही थी जिसके बाद सोशल मीडिया में जैसे ही खबर वायरल हुई अधिकारियों के कान खड़े हो गए और तपती धूप में दोपहर 3 बजे एसडीएम, तहसीलदार, टीआई, पटवारी ग्राम रोगदा पहुंचे और विवाद का केंद्र बिंदु पट्टे की भूमि पर निर्मित तालाब में किसी को भी मछलीपालन न कर पूरे गांव की निस्तारी के लिए सहमति बनी। वर्तमान में तालाब में मौजूद मछलियों को ग्रामवासियों व पटेल परिवार के बीच 50 -50 फीसदी बंटवारा करने की बात कही गई है। पटेल परिवार ने बताया कि उनके पट्टे की 24 डिसमिल ज़मीन तालाब में समाहित है बैठक में एसडीएम ने पटेल परिवार को तालाब में मछली पालन की अनुमति देने की बात कही तो ग्रामीणों ने इनकार कर दिया इस पर पटेल परिवार ने भी मछली नही पालने की बात पर सहमति जताई, जिसके बाद सामाजिक बहिष्कार का मौखिक निर्णय ग्रामवासियों ने वापस ले लिया। पर अभी भी इस परिवार की 24 डिसमिल तालाब में समाहित ज़मीन का किस तरह निर्णय होगा यह अभी भी सवाल बना हुआ है परिजनों का कहना है कि अधिकारियों को इसका भी निर्णय जल्द करना चाहिए जिससे उनको जीवकोपार्जन में समस्या उत्पन्न न हो। मामले की सुलह होने के बाद अब समस्त ग्रामवासी 8 मई को पटेल परिवार में आयोजित होने वाले शादी में शामिल होंगे।
आपको बता दें सामाजिक बहिष्कार की घटना करतला विकासखंड के ग्राम पंचायत रोगदा की है यहां हेमलाल पटेल पिता स्व. पन्डू पटेल पिछले 8 वर्षों से अपने पट्टे में मिली भूमि खसरा नम्बर 269 रकबा 0.105 हेक्टेयर पर बनाए गए तालाब में मछली पालन कर अपने परिवार का जीविकोपार्जन करता था। यह कार्य ग्रामवासियों को नागवार गुजरा और उन्होंने सरपंच पर दबाव बनाते हुए हेमलाल पटेल की निजी तालाब को शासन की मनरेगा योजना अंतर्गत दिए जाने का दबाव बनाया। आजीविका के लिए एक मात्र साधन होने की वजह से हेमलाल ने इसे शासन को देने से इंकार कर दिया। इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने हेमलाल पटेल का सामाजिक बहिष्कार कर पिछले 3 माह से हुक्का पानी बन्द कर दिया था।