रेडी टू ईट में भ्रष्टाचार: सिम्स भर्ती घोटाला, अवैध खनन , महिला बाल विकास विभाग, अटल यूनिवर्सिटी समेत कई बड़े विभागों के अधिकारी लोकायोग की जद में, लेकिन कार्रवाई किसी पर नहीं हुई
महिला बाल विकास विभाग, अटल यूनिवर्सिटी समेत कई बड़े विभागों के अधिकारी लोकायोग की जद में, लेकिन कार्रवाई किसी पर नहीं हुई
लोकायोग में शहर के चर्चित मामलों की जांच जारी है। शिकायतों के पांच साल हो चुके हैं, पर नतीजे नहीं आए। यही कारण है कि सबकुछ उलझा पड़ा है। किसी प्रकरण में चिट्ठीबाजी चल रही तो किसी मामले में अधिकारी संबंधित बड़े अफसरों को लोकायोग की चिट्ठी का जवाब देना भी उचित नहीं समझ रहे। महिला बाल विकास विभाग, सिम्स, अटल यूनिवर्सिटी सहित अन्य जगहों के अफसरों से पूछताछ जारी है। लोग इंतजार कर रहे हैं कि कब भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी, भर्ती घोटाले और दूसरे ऐसे मामलों में जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई हो। सवाल उठने लगा है कि आखिर क्यों कार्रवाई अटकी है और कब होगी?
जानिए, कौन से मामलों के नतीजे बाकी, अधिकारियों से चल रही पूछताछ
रेडी टू ईट: 1.38 करोड़ के भ्रष्टाचार की शिकायत रेडी टू ईट बांटने के नाम पर एक शख्स ने 1 करोड़ 38 लाख की गड़बड़ी पकड़ी। सिर्फ पेंड्रा ब्लॉक में 33 माह के दौरान पांच स्व सहायता समूह ने 1372.80 क्विंटल गेहूं बचत कर 38 लाख 90 हजार की गड़बड़ी की है। मरवाही में आठ स्व सहायता समूह ने मिलकर 38सौ 35.36 क्विंटल गेहूं बचाया है। इसकी कुल राशि 80 लाख 52 हजार के करीब है। शिकायत लोक आयोग के सचिव से की गई है।
सिम्स में भर्ती की जांच निष्कर्ष तक नहीं पहुंची
सिम्स में फर्जी भर्ती मामले पर लोकायोग में जांच चलती रही। डॉक्टर और अफसर हर बार जांच रिपोर्ट में गलत जानकारी दें रहे हैं। 6 साल बाद भी लोक आयोग किसी नतीजे तक नहीं पहुंच सका। स्पेशल इंवेस्टिगेशन मामले में तीसरी जांच शुरू हुई। सीनियर डॉक्टर, फिर कलेक्टर। दोनों ने अपनी रिपोर्ट भेज दी। दस्तावेजों में गड़बड़ी के चलते हर बार मामला जांच तक सीमित होकर रह गया है।
एयू में उत्तरपुस्तिका में गड़बड़ी की शिकायत
अटल यूनिवर्सिटी में छात्रों को परीक्षा के दौरान दी जाने वाली उत्तरपुस्तिका में एक करोड़ का घोटाले करने के आरोप लगा। शिकायतकर्ता ने लोकायोग में जानकारी देकर जांच की मांग की। ठेकेदारों से खरीदी के दौरान कमीशनखोरी के लिए घटिया क्वालिटी की आंसरशीट खरीदी। लोकायोग ने कलेक्टर को जांच के निर्देश दिए थे। पूर्व के अधिकारियों ने मामले में गड़बड़ी के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।
एसईसीएल कर्मचारी के साथ उपपंजीयक ने की गड़बड़ी
कोरबा के किशोर कुमार अग्रवाल ने उपपंजीयक सहकारी संस्थाएं कोरबा के खिलाफ एसईसीएल कर्मचारी के साथ मिलकर भ्रष्टाचार करने की शिकायत की है। लोकायोग ने रायपुर के पंजीयक से जांच प्रतिवेदन देने की बात लिखी है। 10 फरवरी 2021 को पेशी की तारीख तय की थी। इससे पहले शिकायत के संबंध में जांच प्रतिवेदन और दूसरे दस्तावेज पेश करने के निर्देश दिए थे।
अवैध खनन, कमीशनखोरी और दूसरे मामले रुके हुए
कलेक्टर के पास लोकायोग और दूसरे स्थानों से कुछ गंभीर मामले पहुंचे हैं। शिक्षा विभाग में कमीशनखोरी, एक चर्च के खिलाफ तत्कालीन जिला शिक्षा विभाग के डीईओ से सांठगांठ, अफसरों द्वारा प्रशासनिक आतंकवाद फैलाने और एसडीएम संतोष देवांगन सहित वन विभाग अफसर सुनील बच्चन के खिलाफ अवैध खनन कराने की शिकायत है। ये सारे मामले महीनों पुराने हैं।
एक ही बिजली बीपी नंबर से कई राइस मिल संचालित
लोकायोग ने वर्ष 2017-18 में एक ही बिजली के बीपी नंबर से एक से अधिक राइस मिल का संचालन किया। 30 राइसमिलर्स ने गड़बड़ी की थी। मामले पर नागरिक आपूर्ति निगम अधिकारियों से जवाब मांगा। संचालक अभिनव अग्रवाल ने पत्र को आगे बढ़ाते हुए कलेक्टर को जानकारी दी। बताया कि मामले की जांच लोकायोग कर रहा है, इसलिए कस्टम मिलिंग के लिए राइस मिलों के पंजीयन और इनकी नीति के संबंध के अलावा इस पूरे प्रकरण में जांच प्रतिवेदन बनाकर भेजने के निर्देश दिए गए। मामले की जांच जारी है।
मैं फाइल देखकर ही कुछ बता पाऊंगी
मुझे इन सारे मामलों से जुड़े फाइलों पर गौर करनी पड़ेगी। इसके बाद ही किसी विशेष प्रकरण में कुछ बता पाना संभव होगा। मुझे आज ही शिकायत शाखा का प्रभार मिला है। इसकी इन प्रकरणो की ज्यादा जानकारी नहीं है। -मोनिका वर्मा, डिप्टी कलेक्टर, प्रभारी, शिकायत शाखा