कवर्धा मामले में IG को पूर्व मंत्री का चैलेंज:मूणत बोले- वहां बैठा IG नेतागिरी करता है, इनता ही शौक है तो वर्दी त्यागकर सड़क पर आ जाओ, दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा
शनिवार को भारतीय जनता पार्टी ने रायपुर शहर में कवर्धा मामले में धरना देकर अपना विरोध जताया। जिसमें पार्टी के तमाम नेताओं के अलावा पूर्व मंत्री राजेश मूणत, विधायक बृजमोहन अग्रवाल भी शामिल हुए। भारतीय जनता पार्टी के नेता सरकार और कवर्धा के प्रशासनिक अफसरों को पूरी हिंसक घटना का जिम्मेदार ठहराते रहे। इस मामले में जांच और जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई की मांग भी की। भाजपा नेताओं ने उन युवकों को रिहा करने की मांग भी की जिन्हें हिंसा और तोड़फोड़ मामले में गिरफ्तार किया गया है।
पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने इस धरना प्रदर्शन के दौरान एक अहम बयान दिया। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि जनप्रतिनिधि जब वहां हिंसा पीड़ित लोगों से मिलने जाते हैं तो प्रशासन उन्हें जाने नहीं देता। खुलेआम तलवारें लहराने वालों को पुलिस गिरफ्तार नहीं करती। सरकार एक खास समुदाय को संरक्षण दे रही है। वहां बैठा IG नेतागिरी करता है, इतना ही नेतागिरी करने का शौक है तो वर्दी त्याग कर सड़क पर आ जाओ नेतागिरी कर लो, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
भाजपा पर हिंसा भड़काने का आरोप
5 दिनों से कुछ मीडिया रिपोर्ट में सामने आए कि दुर्ग रेंज के IG विवेकानंद सिन्हा ने कवर्धा हिंसा मामले में कहा है कि भाजपा ने सुनियोजित तरीके से कुछ लोगों को बुलाकर घटनाओं को अंजाम दिया। इस वजह से IG अब भाजपा के निशाने पर हैं। हाल ही में कवर्धा की दशरंगपुर चौकी में भी पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर और भारतीय जनता पार्टी के नेता शिवरतन शर्मा ने जाकर IG के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने भी कुछ मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह बताया कि IG एक सरकारी अफसर हैं, उन्हें इस तरह की बयानबाजी नहीं करना चाहिए।
मंत्रियों ने भाजपा पर लगाया है दंगे भड़काने का आरोप
अब तक इस मामले में IG पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई है। दूसरी तरफ शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए तीन मंत्रियों कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, वन मंत्री मोहम्मद अकबर और आदिवासी विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने दंगे से जुड़े तथ्य मीडिया के सामने रखे। तीनों मंत्रियों से भाजपा पर दंगा भड़काने का आरोप लगाया। दावा किया कि कवर्धा में भड़की हिंसा के पीछे हाथ भाजपा का है।
क्या है कवर्धा में ताजा हालात
6 दिनों से कवर्धा में तनाव भरा महौल रहा। अब शनिवार को शहर में थोड़ी छूट दी गई। 5 दिनों से बंद इंटरनेट सेवाएं भी शुरू हो गई हैं। इस बीच मुस्लिम समुदाय के लोग शहर के सबसे पुराने दुर्गा पूजा पंडाल में पहुंचे और वहां भगवा तोरण और ध्वज बांधा। 3 अक्टूबर को कवर्धा के लोहारानाका चौराहे से झंडा हटाने के बाद हिंसक घटनाएं बढ़ी थी। विवाद के बाद रविवार शाम 5 बजे से ही बाजार बंद थे। हालात को देखते हुए जिले में धारा-144 लगाई गई, लेकिन इसके बाद रैली, प्रदर्शन हुआ और फिर हिंसा भड़क उठी। इसके चलते जिले में कर्फ्यू लगाना पड़ा। कवर्धा सहित राजनांदगांव और बेमेतरा की भी इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं।