बिलासपुर : टोल प्लाजा की महिला मैनेजर पर गंभीर आरोप:कर्मचारियों ने कहा-हमसे पैर दबवाती हैं, पिस्टल दिखाकर धमकाया, नौकरी से भी निकाल दिया; पूरी रात धरने पर बैठे तब जाकर हुआ केस दर्ज
अजाक थाने में धरने पर बैठे कर्मचारी
बिलासपुर के रायपुर नेशनल हाइवे स्थित हिर्री थाना क्षेत्र के भोजपुरी टोल प्लाजा की मैनेजर पर वहीं काम करने वाली कर्मचारियों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि मैनेजर उनसे पैर दबवाती हैं। इतना ही नहीं जब कर्मचारी इसका विरोध करते हैं तो मैनेजर उन पर जातिगत गाली गलौज करती हैं। इसके अलावा कर्मचारियों ने मैनेजर पर पिस्टल दिखाकर धमकी देने का भी आरोप लगाया है। वहीं कर्मचारियों का कहना है कि हम इस मामले की शिकायत करने पर उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है।
इससे परेशान होकर कर्मचारी शुक्रवार को बिलासपुर पहुंच कर अजाक थाने के सामने धरने पर बैठ गए। कर्मचारी यहां पूरी रात से लेकर सुबह तक बैठे रहे। शुक्रवार को मैनेजर सुषमा रावत सहित अन्य के खिलाफ शिकायत लेकर दो दर्जन से अधिक कर्मचारी पहुंचे थे। कर्मचारियों में गांव के युवक व युवतियां भी शामिल थे। कर्मचारियों ने बताया कि टोल प्लाजा में आसपास के गांव के करीब 55 युवक युवतियां काम करते थे। जिन्हें नौकरी से बेवजह निकाल दिया गया है। टोल प्लाज़ा के अधिकारी प्रेम प्रकाश पाण्डे और मैनेजर सुष्मा रावत पर उन्होंने मारपीट करने, गाली गलौज करने व बंदूक दिखाकर धमकाने का आरोप लगाया है।
15 दिन से कर रहे थे केस दर्ज करवाने की मांग
इस मामले में FIR की मांग करते हुए इन कर्मचारियों को 15 दिन से ज्यादा समय बीत गया था। फिर भी पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी। कर्मचारियों ने बताया कि उन्होंने घटनास्थल से संबंधित वीडियो फुटेज भी थाने में जमा किया है। फिर भी पुलिस अब तक जांच करने का बहाना बना रही थी। काभी मशक्कत के बाद पुलिस ने शनिवार को मैनेजर के खिलाफ केस दर्ज किया है।
आधी रात समझाइश देने पहुंची सीएसपी
इस मामले की जानकारी पुलिस अफसरों को पूरे दिन नहीं हुई। रात में जब कर्मचारियों के थाना के सामने जमीन में बैठकर भोजन करते हुए वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ, तब अधिकारी हरकत में आए। आजक थाने की प्रभारी डीएसपी व सिटी कोतवाली सीएसपी स्नेहिल साहू, सिविल लाइन सीएसपी मंजूलता ,सिविल लाइन टीआई शनिप रात्रे प्रदर्शनकारी कर्मचारियों को समझाइश देने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कार्रवाई करने का भरोसा भी दिलाया। लेकिन धरने पर बैठे कर्मचारी मामले में कार्रवाई होने के बाद ही घर जाने पर अड़े रहे। भोजपुरी टोल प्लाजा में काम करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि वे बीते 18 महीनों से काम कर रहे हैं। टोल प्लाजा की मैनेजर सुषमा रावत यहां काम करने वाली महिला कर्मचारियों से पैर दबवाती हैं। इसका विरोध करने पर कर्मचारियों को काम से निकाल देने की धमकी दी जाती है। बाद में मैनेजर ने जातिगत आधार पर कर्मचारियों को अपमानित करना शुरू कर दिया। कर्मचारियों ने इसका विरोध किया तो उन्हें बंदूक दिखाकर डराया गया।
पीने के पानी को लेकर भी परेशान करने का लगाया आरोप
कर्मचारियों ने बताया कि टोल प्लाजा के किचन में वाटर फिल्टर लगाया गया है। कर्मचारियों ने एक बार वाटर फिल्टर का पानी पी लिया। इसी बात को लेकर मैनेजर ने कर्मचारी से मारपीट की। इसके बाद दूबारा वाटर फिल्टर का पानी पीने से मना किया। साथ ही बाहर लगे नल से पानी पीने की हिदायत दी। ऐसा नहीं करने पर कर्मचारियों को काम से निकालने की धमकी दी गई।
पुलिस ने दर्ज किया अपराध
इस मामले का वीडियो वायरल होने के बाद कर्मचारियों ने पुलिस अफसरों को भी वीडियो फुटेज दिखाए। इस दौरान पुलिस अफसरों ने उन्हें हिर्री थाना जाकर रिपोर्ट दर्ज कराने की सलाह दी। आखिरकार शनिवार को हिर्री पुलिस ने राहुल कुर्रे की शिकायत पर मैनेजर सुषमा रावत के खिलाफ धारा 323 व 506 के तहत केस दर्ज किया है।