बीजेपी नेता का सियासी तंज : छत्तीसगढ़ के सीएम को रेल टिकट भेजकर देवजी भाई ने कहा-राजस्थान में दलित युवक की हत्या हुई…वहां भी जाए…और
जयपुर : भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक देवजी भाई पटेल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को राजस्थान की ट्रेन का टिकट भेजा है। इसके साथ एक पत्र भी पूर्व विधायक ने मुख्यमंत्री बघेल को भेजा है। इसमें लिखा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को राजस्थान जाना चाहिए, वहां एक दलित युवक की हत्या का मामला सामने आया है। परिवार से संवेदना जताते हुए मुख्यमंत्री बघेल को वहां भी 50 लाख का मुआवजा देना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी नेता का ये सियासी तंज इस वजह से है, क्योंकि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है।
ट्विटर पर टिकट और अपना पत्र साझा करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे जानकारी है आप चार्टर्ड प्लेन से चलते हैं पर मैं अपनी हैसियत के अनुसार आपकी राजस्थान यात्रा की व्यवस्था कर पाया हूं। प्रार्थना है आपकी यात्रा मंगलमय हो। हाल ही में लखीमपुर खीरी घटना के बाद लौटे CM बघेल विपक्ष के निशाने पर हैं। भाजपा नेता बस्तर के सिलगेर में कुछ महीनों से जारी आदिवासियों के आंदोलन को सरकार द्वारा नजर अंदाज किए जाने और उस आंदोलन में मारे गए ग्रामीणों को मुआवजा नहीं देने पर घेर रहे हैं !
हाल ही में राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में एक दलित युवक की पीट पीटकर हत्या करने का वीडियो सामने आया था। इस मामले में तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने शनिवार 9 अक्टूबर को यह जानकारी दी। पीलीबंगा थाना अधिकारी इंदर कुमार ने बताया कि इस संबंध में मुकेश, ओमप्रकाश और हंसराज सहित तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है और अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस की दो टीमें गठित की गई हैं। मृतक का नाम जगदीश है। घटना की जांच जारी है।
लखीमपुर खीरी हिंसा के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पीड़ित परिवारों को 50 लाख की सहायता देने का ऐलान किया था। पूर्व विधायक देवजी भाई ने अब सवाल पूछा है कि यह 50 लाख क्या कांग्रेस पार्टी के कोष से दिए जा रहे हैं। सिलगेर में मारे गए ग्रामीणों को 50 लाख क्यों नहीं दिए गए। बस्तर के सिलगेर में कई दिनों से पुलिस कैंप के विरोध में ग्रामीण प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान पुलिस की गोलीबारी में चार ग्रामीणों की मौत हुई थी। इस मामले में मुख्यमंत्री ने साफ किया कि आदिवासियों ने किसी भी तरह की मुआवजा लेने से इनकार कर दिया था इसलिए सरकार ने उन्हें कोई मुआवजा नहीं दिया था।