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कोरबा : किसानों के विरोध से सहमी सरकार ,नकटीखार सहित 4 नए उपार्जन केंद्रों की दी सौगात ,334 किसानों ने दादरखुर्द जाकर धान नहीं बेचने का किया था ऐलान ,मंत्री कोटे में खुला दादरखुर्द नहीं हुआ विलोपित ,इस साल 53 उपार्जन केंद्रों के माध्यम से किसान बेचेंगे धान 

किसानों के विरोध से सहमी सरकार ,नकटीखार सहित 4 नए उपार्जन केंद्रों की दी सौगात ,334 किसानों ने दादरखुर्द जाकर धान नहीं बेचने का किया था ऐलान ,मंत्री कोटे में खुला दादरखुर्द नहीं हुआ विलोपित ,इस साल 53 उपार्जन केंद्रों के माध्यम से किसान बेचेंगे धान

कोरबा/रितेश गुप्ता : अन्नदाता किसानों के आगे केंद्र से लेकर राज्य सरकार झुक गई। एक तरफ जहां प्रधानमंत्री ने तीनों कृषि कानून को वापस लेने का ऐलान कर दिया वहीं छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के 10 गांवों के 334 किसानों के आगे राज्य सरकार भी झुक गई। बिना प्रस्ताव किसानों के दबाव को देखते हुए नकटीखार में धान उपार्जन केंद्र की सौगात दी दी। 4 नए उपार्जन केंद्रों सहित नकटीखार में भी 1 दिसंबर से धान खरीदी होगी। लेकिन महज 6 किसानों के लिए मंत्री कोटे में दादरखुर्द में खोले गए धान उपार्जन केंद्र को विलोपित नहीं किए जाने की वजह से 2 किलोमीटर में ही 2 उपार्जन केंद्र हो गए। लिहाजा चंद किसानों के लिए पूरे दो माह कर्मचारी धान के आवक के इंतजार में बैठेंगे।

यहाँ बताना होगा कि जिले से इस साल किसानों की सुविधाओं को मद्देनजर रखते हुए 7 नए उपार्जन केंद्र का प्रस्ताव खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग छत्तीसगढ़ शासन को भेजा गया था। जिसमें से शासन ने 4 उपार्जन केंद्रों को स्वीकृति प्रदान कर दी। जबकि 3 विभिन्न कारणों की वजह से स्वीकृत नहीं हो पाए। जिन 4 नए उपार्जन केंद्रों की सौगात मिली है उनमें चर्चित नकटीखार उपार्जन केंद्र भी शामिल है। सोनपुरी समिति के अंतर्गत गत वर्ष महज 6 किसानों के लिए मंत्री कोटे में बिना प्रस्ताव के उपार्जन केंद्र की स्वीकृति दे दी गई थी। जिसका पुरजोर विरोध किया गया था।लाखों की लागत से चबूतरा ,खाद गोदाम निर्मित होने 10 गांव के 334 किसानों की मांग के बावजूद नकटीखार को नजरअंदाज कर दिया गया। जिसकी वजह से इस साल नकटीखार सहित 10 गांवों ढेलवाडीह ,बुंदेली ,करूमौहा ,गोढ़ी पंडरीपानी ,रिसदी ,झगरहा ,डूमरडीह एवं झगरहा के 334 किसानों ने इस साल शहर दारदखुर्द जाकर धान बेचने से इंकार कर दिया था । यही नहीं पूर्व गृहमंत्री रामपुर विधायक ननकीराम कंवर अपने क्षेत्र के किसानों की समस्या के लिए मुखर हुए थे। उन्होंने नाराजगी जताते हुए खाद्य सचिव को नकटीखार में धान उपार्जन केंद्र खोले जाने प्रस्ताव भेजा था। यही नहीं किसानों क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के साथ ब्लाक कांग्रेस कमेटी कोरबा ग्रामीण के अध्यक्ष ने भी राजस्व मंत्री से मिलकर उपार्जन केंद्र नकटीखार में कराए जाने पहल करने की गुहार लगाई थी। लेकिन ठोस आश्वासन नहीं मिला था।मीडिया ने किसानों की इस मांग को प्रमुखता से उठाया था।मीडिया की खबर रंग लाई,आखिरकार खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम ने कोरबा में 4 नए उपार्जन केंद्रों की सौगात दे दी। जिसमें नकटीखार भी शामिल है। जिससे किसानों में हर्ष व्याप्त है। नकटीखार के अलावा रंजना ,नुनेरा एवं तुमान भी नए उपार्जन केंद्र बने हैं। जिससे अब जिले के 41 समितियों में उपार्जन केंद्र 49 से बढ़कर 53 हो गए ।सभी नए धान उपार्जन केंद्रों में कलेक्टर श्रीमती रानु साहू के नेतृत्व एवं दिशा निर्देशानुसार उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं बसंत कुमार ,खाद्य अधिकारी जे के सिंह,जिला विपणन अधिकारी जान्हवी जिल्हारे,नोडल अधिकारी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक सुशील कुमार जोशी के समस्त तैयारियों को दुरुस्त कराने में शिद्दत से जुटे हैं।

प्रस्ताव चचिया की स्वीकृति दे दी रंजना की,किसान 40 किलोमीटर का लगाएंगे फेरा

नए उपार्जन केंद्रों के लिए प्रस्ताव मंगाने के बाद भी आखिर शासन स्तर के अधिकारी अपने ही मन की करते हैं। जिले में कोरकोमा से चचिया, अखरापाली समिति से मुढाली एवं नवापारा से बेहरचुआं को उपार्जन केंद्र बनाए जाने का प्रस्ताव भेजा गया था। पर तीनों को नजरअंदाज कर जवाली समिति से रंजना को उपार्जन केंद्र बना दिया गया। अब इसके पीछे भी किसी जनप्रतिनिधियों की भूमिका है या नहीं यह तो आने वाले वक्त में ही पता चलेगा। पर अधिकारी कर्मचारी हैरान हैं। बेहरचुआं में उपार्जन केंद्र खोले जाने से अकेले वहीं 15 से 20 हजार क्विंटल धान की आवक होती। वहीं चचिया के किसानों को 40 किलोमीटर का सफर तय धान बेचने कोरकोमा आना पड़ता है। इस बार भी स्वीकृति नहीं मिलने से से किसान हैरान हैं।

2 किलोमीटर में 2 उपार्जन केंद्र , नियमों की उड़ी धज्जियां, अधिकारी परेशान

जिले में महज 2 किलोमीटर के अंदर 2 उपार्जन केंद्र की सौगात दे दी गई है। सोनपुरी समिति के अंतर्गत दादरखुर्द में गत वर्ष उपार्जन केंद्र की स्वीकृति मिली थी जिसे वास्तव में नकटीखार को मिलना था। किसानों जनप्रतिनिधियों के दबाव पर मीडिया में प्रकाशित खबरों पर संज्ञान लेते हुए शासन ने नकटीखार को भी उपार्जन केंद्र बना दिया है। जबकि उसका प्रस्ताव अभी नहीं भेजा गया था। कायदे से नकटीखार को उपार्जन केंद्र बनाकर दादरखुर्द को विलोपित करना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया।जबकि शासन के नीति के अनुसार धान उपार्जन केंद्रों में मध्य 10 किलोमीटर का अंतर होना चाहिए। जिसे देखते हुए इस साल महज 6 किसानों के लिए 2 माह किसानों को बैठना पड़ सकता है। हालांकि कौन से उपार्जन केंद्र के अंतर्गत कौन से ग्राम और किसान आएंगे अभी यह तय नहीं हुआ है।

०1 दिसम्बर 2021 से धान खरीदी की होगी शुरुआत ।

० जिले में 41 समितियों के 53उपार्जन केन्द्रों पर होगी खरीदी।

०अब तक लगभग 38 हजार 222 किसानों ने कराया पंजीयन।

०अब तक 5 हजार 631 नए किसान हुए पंजीकृत।

० एक लाख 54 हजार मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदी का अनुमान।

०वर्तमान में उपलब्ध बारदाना दो हजार 603 गठान, 13 लाख एक हजार 226 नग बारदाना।

अवैध धान की आवक और बिक्री रोकने के लिए जिले में 15 चेकपोस्ट बने। एसडीएम और तहसीलदारों की अध्यक्षता में जांच दलों का गठन। उपार्जन केन्द्र स्तर पर निगरानी समितियां भी बनीं।

समितिवार नए उपार्जन केंद्र एक नजर में

समिति – नए उपार्जन केंद्र

सोनपुरी – नकटीखार

जवाली – रंजना

पाली -नुनेरा

जटगा – तुमान