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छत्तीसगढ़ : जोगी कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष रामनिवास तिवारी ने कहा -विश्वसनीयता खो चुके भूपेश बघेल सरकार पर किसान भरोसा नही कर रहे हैं “

जोगी कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष रामनिवास तिवारी ने कहा -विश्वसनीयता खो चुके भूपेश बघेल सरकार पर किसान भरोसा नही कर रहे हैं ”

पेंड्रा। आखिर छ.ग. के किसान भूपेश सरकार पर भरोसा क्यो नही कर रहे हैं ? क्या सरकार विश्वनीयता खो चुकी है । ” यह प्रश्न जेसीसी जे के नेताओं ने छत्तीसगढ़ सरकार से पूछा है। जिसमें जेसीसी जे के जोगी कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष रामनिवास तिवारी के द्वारा भूपेश सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इसी साल छ.ग. सरकार ने किसानो के धान बिक्री के लिए रजिस्टर्ड रकबा में फलदार पौधे लगाने पर दस हजार रू . प्रति एकड़ तीन वर्ष तक देने की घोषणा की है, लेकिन अमल अभी तक नही हुआ।घोषणाओ की जमीनी हकीकत आपके सामने है वही रामनिवास तिवारी ने पुछा है की सरकार ने कोदो कुटकी रागी की फसलों को उगाने पर नौ हजार रू प्रति एकड़ देने की घोषणा की पर हकीकत हम सबके सामने है । उन्होंने यह भी पूँछा की सुगंधित किस्मों की धान पर दस हजार रू . प्रति एकड़ अनुदान की घोषणा की थी उसमें कितना अमल हुआ। किसानों ने कितना विश्वास किया- आसुगंधित धान का रकबा बढ़ा या नहीं ? छ.ग. सरकार की उपरोक्त तीन घोषणाओं का कुल धान उत्पादन रकबा पर असर पड़ा या नही यदि रकबा घटा है, तो पिछले वर्ष किसान का एक एक दाना खरीदने पर चौरासी लाख टन खरीदा तो इस वर्ष एक करोड़ टन का उत्पादन कैसे और कहां होगा। कोई नई टेक्नालाजी , खाद , उर्वरक शासन द्वारा सप्लाई की गई हो तो इनका प्रदर्शन विभाग ने कहां – कहां किया है। या पड़ोसी राज्यों की धान खरीदी का कोई नया प्लान बना है। वहीं सोसाइटी ओ के प्रबंधक हड़ताल पर हैं और अब डाटा एंट्री ऑपरेटर भी हड़ताल में चले गए जिसके कारण किसानों का पंजीयन भी नहीं हो पाया रहा है। एथनाल के बहाने शराब माफियाओं को सरकारी एम.एस. पी. में खरीद कर तेरह रू . क्विंटल में बेचने की नई साजिश तो नही है । धान खरीदी के बहाने दस हजार करोड़ का ऋण लेने के लिए एक करोड़ टन उपार्जन का बहाना तो नहीं कर रही है सरकार । ”

1. सन् 2021-22 के लिए छ.ग. की भूपेश सरकार ने धान खरीदी का लक्ष्य एक करोड़ पांच लाख टन घोषित किया है।

प्रश्न ये उठते हैं 1. पिछले वर्ष सन् 2020-21 में चौरासी लाख टन का उपार्जन किया। किसान का एक – एक दाना खरीदने का दावा करके , जिसका उठाव अब तक पूरा नहीं हुआ है। वहीं 13 लाख टन धान खराब हुआ। 2. केन्द्र सरकार ने एफ.सी.आई. के लिए जितना लेना था उतना लिए उसके अलावा धान का एथिनाल बनाने केन्द्र से परमीशन भी मांगा, परंतु यह मांग अभी भी पूरी नहीं हुई है, बल्कि अब भूपेश सरकार ने नंद कुमार बघेल को जल समाधि लेकर धान से एथनाल बनाने की मांग कराया है । 3. बचत धान को शराब माफियाओं के हाथ औने – पौने दाम पर बेचा गया । 4 , केन्द्र सरकार ने उसना चावल लेने से इंकार कर दिया है । अतः उसना की छ : सौ राईस मिलें बंद रहेंगी । आखिर छ.ग. के किसान भूपेश सरकार पर भरोसा क्यो नही कर रहे हैं ? क्या सरकार विश्वनीयता खो चुकी है। “