govthigh paid adsLatest Newsmiddle position adsmy adsUncategorizedकोरबा न्यूज़

कोरबा : चार माह पहले मनरेगा के तहत खोदवाए गए 12 लाख के तालाब को सरपंच- सचिव ने सौंप दिया रेल कॉरिडोर निर्माण ठेका कंपनी को, मनमाने खुदाई से पूरे तालाब का स्वरूप गायब..

चार माह पहले मनरेगा के तहत खोदवाए गए 12 लाख के तालाब को सरपंच- सचिव ने सौंप दिया रेल कॉरिडोर निर्माण ठेका कंपनी को, मनमाने खुदाई से पूरे तालाब का स्वरूप गायब

कोरबा/पोड़ी उपरोड़ा: जिले के जनपद पंचायत पोड़ी उपरोड़ा अंतर्गत ग्राम पंचायत बरतराई में रोजगार गारंटी योजना के तहत करीब चार माह पूर्व निर्मित लाखों के तालाब को यहां के सरपंच- सचिव ने मिलकर रेल कॉरिडोर निर्माण के लिए मिट्टी फीलिंग में लगे इरकॉन ठेका कंपनी को मुरुम खोदाई कार्य के लिए दे दिया गया। जहां ठेका फर्म द्वारा किये गए अंधाधुंध खनन कार्य से लाखों के तालाब का पूरा स्वरूप ही गायब हो गया है।

उल्लेखनीय है कि इन दिनों कोरबा जिले के गेवरा से पेंड्रा तक 130 किलोमीटर रेल लाइन का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड कंपनी के माध्यम से आर एम एन इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड नामक फर्म के द्वारा रेलवे ट्रैक निर्माण पर मिट्टी- मुरुम फीलिंग का कार्य किया जा रहा है। जहां ठेका कंपनी द्वारा एक ओर ग्राम बरतराई एवं इसके आसपास क्षेत्र के दर्जनों किसानों को लालच देकर उनके निजी जमीन सहित सरकारी राजस्व जमीन के एक बड़े भूभाग को मनमाने तरीके से खोद बिना रायल्टी के मिट्टी- मुरुम प्राप्त किया गया, तो वहीं ग्राम बरतराई के बोकरामुड़ा में पंचायत द्वारा रोजगार गारंटी योजना के तहत गत चार माह पहले निर्माण कराए गए तकरीबन 12 लाख के तालाब की अंधाधुंध खोदाई कर इसका स्वरूप ही गायब कर दिया गया। इस कार्य के लिए यहां के सरपंच छत्रपाल सिंह एवं सचिव चंद्रिका प्रसाद पोर्ते ने मिलकर उक्त ठेका कंपनी को खनन कार्य के लिए विगत 05 दिसंबर 2021 को बकायदा पंचायत प्रस्ताव भी दिया गया है। ताकि कंपनी द्वारा तालाब से अपनी जरूरत के हिसाब से मिट्टी- मुरुम निकाल सके। तथा ठेका कंपनी ने भी तालाब से इस कदर खनन कार्य को अंजाम दिया है कि जिससे पूरे तालाब का स्वरूप ही गायब हो गया, और जिस उद्देश्य के तहत यहां लाखों का तालाब खोदवाया गया था उसका लाभ यहां की जनता को नही मिल पाया। इस प्रकार शासन के लाखों रुपए की बर्बादी हो गई। बताया जा रहा है कि ठेका कंपनी द्वारा सरपंच- सचिव के जेबें गरम कर चंद महीने पहले निर्मित तालाब से मिट्टी- मुरुम खोदाई की प्रक्रिया अपनाते हुए सरकार को भारी राजस्व की क्षति पहुँचाई गई है और अंधाधुंध खोदाई कर तालाब का स्वरूप ही गायब कर दिया गया है। ऐसे में इसका जिम्मेदार आखिर कौन होगा..?