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कटघोरा: रेत खदान मे बडा घोटाला सत्ता पक्ष का नाम लेकर महासमुंद का विक्की ठाकुर कर रहा अवैध वसूली ,अवैध उत्खनन भी जारी , धांधली भी कायम..

कटघोरा: रेत खदान मे बडा घोटाला सत्ता पक्ष का नाम लेकर महासमुंद का विक्की ठाकुर कर रहा अवैध वसूली ,अवैध उत्खनन भी जारी , धांधली भी कायम

 

 

कटघोरा: राज्य सरकार द्वारा बनाए गए नियम को दर किनार कर लगातार रेत चोरों द्वारा अवैध उत्खनन किया जा रहा है दरअसल कटघोरा में कसनिया रेतघाट में ठेकेदार के द्वारा वही धांधली फिर शुरू कर दी गई है। रेत की दर में ठेकेदार के द्वारा तो घाट के बाहर विक्की ठाकुर द्वारा अवैध वसूली की जा रही है ..वही सरकारी दर पर 491 रुपये प्रति ट्रैक्टर रेत रायल्टी पर्ची के साथ प्रदाय करना है लेकिन पर्ची में 491रुपये लिखा जा रहा है और 1000 लिए बिना रेत नहीं दी जा रही है। 491 रुपये में रेत ट्रैक्टर में भर कर देना है और यदि भरकर नहीं दी जाती है तो रेत की कीमत मात्र 288 रुपये है। इसके एवज में सीधे 1000 याने 500 रुपये प्रति ट्रैक्टर लिया जाना समझ से परे है। साथ ही कसनिया रेत घाट से रेत न निकालकर पूछापारा से अवैध तरीके से रेत चोरी की जा रही है जिससे ठेकेदारों को लाखो का फायदा तो शासन को राजस्व की हानि हो रही है 

कसनिया रेत घाट में प्रतिदिन न्यूनतम 50 ट्रेक्टर लगते ही हैं। यहां रेत के उठाव मैं अपना ट्रैक्टर लगाने वाले ट्रेक्टर मालिको ने बताया कि इस तरह की मनमानी पर सुनवाई करने के लिए कोई भी तैयार नहीं है। ट्रैक्टर मालिको ने कहा विक्की ठाकुर महासमुंद (जिले) नामक व्यक्ति द्वारा जिला खनिज अधिकारी के नाम पर अवैध वसुली किया जा रहा है ..

ट्रैक्टर मालिक ने तो यहां तक कहा कि इससे ज्यादा सस्ता तो चोरी की रेत पड़ती है जबकि यहां सरकारी नियम के तहत रेत मिलनी चाहिए जिससे भी 500 रुपये अतिरिक्त लिया जा रहा है। ट्रैक्टर मालिकों और चालकों को विभागों ने परेशान कर रखा है और अब यह विक्की ठाकुर नामक व्यक्ति परेशान कर रहा है। इस तरह की प्रवृत्ति पर रोक लगाना चाहिए।

गौरतलब है कि इन दिनों कटघोरा शहर का कसनिया रेत घाट ही प्रारंभ है जहां से रेत की आपूर्ति सरकारी से लेकर निजी निर्माण कार्यों के लिए हो रही है।लंबी दूरी तय कर आने वाली रेत की कीमत 3000 से 4000 तक पहुंच जाती है। शहर का रेत घाट खोलकर प्रशासन ने राहत तो दी है लेकिन अतिरिक्त वसूली के कारण आम जनता की परेशानी अभी आसमान से टपके खजूर में अटके वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है।