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शराब के अवैध धंधों पर लगाम लगाने के बजाए वसूली में लगा आबकारी विभाग…

शराब के अवैध धंधों पर लगाम लगाने के बजाए वसूली में लगा आबकारी विभाग..

आबकारी विभाग की लापरवाही की वजह से शराब और गांजे के अवैध कारोबार पर पुलिस करती है ज्यादातर कार्यवाही

रायगढ़:-जिले का सबसे मलाईदार विभाग आबकारी का उड़नदस्ता टीम की इन दिनों को सुर्खियों में बना हुआ है। मामला शराब और मादक पदार्थों के अवैध कारोबार पर लगाम कसने के नही वरण कारोबार में संलिप्त लोगो से रकम उगाही का है। वैसे तो आबकारी विभाग के उड़नदस्ता टीम का यह कारनामा पूरे साल चलता रहता है। परन्तु दिसम्बर से मार्च महीने के बीच की सक्रियता देखते बनती है। उड़नदस्ता टीम में शामिल लोग अवैध शराब पर रेड की कार्रवाई के बजाए इस कृत्य में शामिल लोगों से लाखो रुपये वसूल करने में ज़्यादा ध्यान देते है।

आज रविवार के दिन सुबह करीब 9से 10 बजे के बीच हुई एक ऐसी ही विवादित रेड कार्रवाई की चर्चा अंचल से उठकर जिला मुख्यालय तक चर्चा का विषय बनी हुई है।

जिसके बारे में सूत्रों से मिली जानकारी यह है कि आबकारी उड़नदस्ता टीम ने सारंगढ तहसील मुख्यालय के रेंजरपारा निवासी किसी रामु आकाश और परदेशी के घर छापा मारने गई थी। यहां से टीम ने भारी मात्रा में अवैध शराब का जखीरा बरामद भी किया था। कार्यवाही की घटना को कई लोगों ने अपनी आँखों से देखा भी गया है। लेकिन मामले में उचित दंडात्मक कार्यवाही करने के बजाए उंन्होने लाखो रुपये की अवैध उगाही की और मामला रफा-दफा कर दिया।

स्थानीय सूत्र बता रहे है आबकारी उड़नदस्ता टीम को लीड कर रहे रंजीत गुप्ता ने पकड़े गए शराब तस्करों से करीब 2 लाख रुपये लेकर उन्हें अभयदान दे दिया है.

जबकि आज सारँगढ़ में की गई कार्यवाही के दौरान रामू उर्फ अंतोष से 210 लीटर शराब जप्त कर उसके एवज में एक लाख पचास हजार रुपये लिया गया। वहीं अकाश से 15 लीटर शराब जप्ती की जगह पचास हजार रुपये तथा किसी परदेशी से भी शराब जप्त कर कार्यवाही के एवज में उससे कथित तौर पर अस्सी हजार रुपये लिया गया है

बताया जा रहा है कि रंजीत गुप्ता अपनी विगत कार्यवाहियों को लेकर भी सुर्खियों में बने रहे है। इनके विरुद्ध लैलूँगा और घरघोड़ा के आमापाली के पीड़ित आदिवासी ग्रामीणों ने मारपीट कर अवैध उगाही किये जाने की शिकायत भी की थी। परन्तु विभाग के उच्चाधिकारियों ने श्री गुप्ता पर अपना वरद हस्त कर दिया। दोनों चर्चित घटनाओं में दंडित होने के बजाए गुप्ता जी प्रमोशन पा गए।

बताना लाजमी होगा कि पिछले कुछ महीनों से लगातार आबकारी विभाग की उड़नदस्ता टीम क्षेत्र में सक्रिय होकर अवैध शराब कारोबारियों पर रेड कर रही है परन्तु उन पर लगाम लगाने के बजाए मोटी रकम की लेन देन कर मामला वही का वही निपटा दिया जा रहा है। इस बात की जानकारी विभाग के उच्चाधिकारियों को तक नही पहुंच पा रही है?

विश्वसनीय सूत्रों की माने तो कुछ दिन पूर्व आबकारी उड़नदस्ता टीम के रंजीत गुप्ता ने कुर्रहा से भी 3 लाख रुपये की अवैध वसूली में किया में शामिल रहे है। परन्तु यह भी प्रकाश में आने के बजाए ठंडे बस्ते में चला गया। 

ऐसी तमाम विवादित कार्यवाहियों की वजह से लोग शराब या मादक पदार्थों के अवैध कारोबार की सूचना आबकारी विभाग के बजाए पुलिस को देना ज्यादा पसंद करते है।