एसईसीएल में नौकरी पाने साहू ने सतमानी को बना डाला दादा ,तहसीलदार के पत्र के एक सप्ताह बाद भी एसईसीएल ने नहीं दर्ज कराया एफआईआर
एसईसीएल में नौकरी पाने साहू ने सतमानी को बना डाला दादा
तहसीलदार के पत्र के एक सप्ताह बाद भी एसईसीएल ने नहीं दर्ज कराया एफआईआर ,कार्यशैली पर उठ रहे सवाल
कोरबा: लोग नौकरी की चाह में किसी को भी अपना रिश्तेदार पिता-पुत्र दादा बना डाल रहे । कुछ ऐसा ही मामला एसईसीएल कुसमुंडा परियोजना को लेकर सामने आया है जहां कूटरचित दस्तावेजों (बिक्रीनामा में कांट छांट ) के जरिए एसईसीएल में नौकरी के लिए अर्जी दी गई थी । आवेदक ने दीगर जाति के व्यक्ति को अपना दादा दर्शा कर एसईसीएल एवं जिला प्रशासन को धोखे में रखकर नौकरी हासिल करने की साजिश की थी। जिला प्रशासन द्वारा नौकरी संबंधी दस्तावेजों के सत्यापन के दौरान यह गड़बड़ी पकड़ी गई। दर्री तहसीलदार ने एसईसीएल प्रबंधन को प्रकरण में एफआईआर दर्ज कराने आदेशित किया है।
जानकारी अनुसार सहोरिक पिता तीजराम साहू ने गुहाराम पिता बुड़गा को अपना दादा बताते हुए अविभाजित मध्यप्रदेश शासनकाल के दौरान कटघोरा तहसील के ग्राम जरहाजेल स्थित भूमि खसरा नम्बर 22 को 18 जनवरी 1980 को एसईसीएल द्वारा अर्जन किया जाना बताया था। सहोरिक ने 2 साल पूर्व एसईसीएल कुसमुंडा में इसके आधार पर नौकरी की मांग हेतु आवेदन प्रस्तुत किया था। एसईसीएल कुसमुंडा प्रबंधन ने रोजगार संबंधी दस्तावेजों के परीक्षण सत्यापन हेतु प्रकरण राजस्व विभाग को भेजा था । आवेदक द्वारा प्रस्तुत रोजगार संबंधी दस्तावेजों के परीक्षण के दौरान दर्री तहसीलदार सोनू अग्रवाल को प्रकरण संदेहास्पद लगा उन्होंने आवेदक द्वारा प्रस्तुत बिक्रीनामा की मूल प्रति कार्यालय उप पंजीयक कटघोरा से प्राप्त कर मिलान किया। इस दौरान तहसीलदार श्री अग्रवाल भी चकित रह गए। आवेदक सहोरिक पिता तीजराम साहू ने जिस खातेदार गुहाराम पिता बुड़गा को बिक्रीनामा में अपना दादा बताया है वह वास्तव में उसका दादा ही नहीं है। मूल बिक्रीनामा में गुहाराम की जाति सतनामी दर्ज है। इस तरह सहोरिक ने बिक्रीनामा में कांटछांटकर कूटरचना कर सतनामी जाति के खातेदार को साहू बताकर एसईसीएल में लिए नौकरी के लिए अर्जी दी थी। तहसीलदार सोनू अग्रवाल ने प्रकरण में संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने महाप्रबंधक एसईसीएल कुसमुंडा क्षेत्र को पत्र लिखा है।
दादा से 17 साल पहले पिता का हो गया जन्म
एसईसीएल में कूटरचित दस्तावेज़ों के जरिए नौकरी हासिल करने के लिए अर्जी देने वाले आवेदक सहोरिक ने कमाल ही कर दिया। सहोरिक द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज के अनुसार उसके पिता तीजराम साहू का जन्म 1938 में हुआ है जबकि उसके दादाजी गुहाराम पिता बुड़गा (जो वास्तव में साहू नहीं सतनामी जाति का है )का जन्मतिथि 1955 दर्ज है। इस तरह सहोरिक ने फर्जी दादा से 17 साल पहले पिता का जन्म करा दिया।
1 सप्ताह बाद भी एसईसीएल ने नहीं कराया एफआईआर ,उठ रहे सवाल
दर्री तहसीलदार सोनू अग्रवाल ने 26 मार्च को एसईसीएल कुसमुंडा के महाप्रबंधक को पत्र लिखकर प्रकरण में कूटरचित दस्तावेजों के जरिए नौकरी की अर्जी देने वाले आवेदक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने पत्र लिखा था। जिसके एक सप्ताह बाद भी एसईसीएल प्रबंधन एफआईआर दर्ज नहीं करा सका है। ऐसे में एसईसीएल प्रबंधन की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़े हो रहे हैं। इस संबंध में महाप्रबंधक संजय मिश्रा के मोबाइल नंबर 9425531315 में संपर्क कर उनका पक्ष जानने की कोशिश की। कार्यालयीन समयावधि में भी लगातार 3 दिन 31 मार्च , 1 अप्रैल व 4 अप्रैल को कॉल रिसीव नहीं करने से उनका पक्ष नहीं आ सका…!