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पावन पर्व रामनवमी”: ‘आये हम सब भगवान श्रीराम के गुणों का अनुशरण करें — वीरेंद्र सिंह बघेल प्रवक्ता…

पावन पर्व रामनवमी”: ‘आये हम सब भगवान श्रीराम के गुणों का अनुशरण करें — वीरेंद्र सिंह बघेल प्रवक्ता

 

 

जीपीएम: कांग्रेस प्रवक्ता वीरेंद्र सिंह बघेल ने प्रदेशवासियों को 10 अप्रैल को प्रभु श्रीराम के पावन जन्मदिवस “ रामनवमी ” पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी है।इस पावन अवसर पर प्रदेश वासियों,जिलेवासियों के मंगलमय जीवन और सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना की है। कांग्रेस प्रवक्ता वीरेंद्र सिंह बघेल ने कहा की भगवान राम के गुणों को लिखने का सामर्थ्य तो मुझमें नही है ‘पर कोशिस कर रहा हूं ‘ बचपन में जब दूरदर्शन में रामायण सीरियल आता था ‘तब समझने की उम्र नही थी ‘कही ना कही लम्बे समय तक मैं नास्तिक था मुझे लगता था दुनिया में कुछ नही है ‘पर एक ऐसा समय आया जब मुझे एहसास हुआ कि दुनिया के जितने सार ज्ञान है वो ‘ हमारे ग्रन्थ में वेदों में रामायण महाभारत में ही है ‘ जिसको पढ़ने से देखने से हम सब का ज्ञान यही प्राप्त कर सकते है

कुमार विस्वास देवकीनंदन ठाकुर जया किशोरी जिनको मैं सुना हूं जिन्होंने भगवान राम की कथा को एक अलग ही और आधुनिकता से समझाया है सब की अपनी पसंद हो सकती है चलिये रामनवमी में भगवान राम के गुणों को समझते है भगवान राम विषम परिस्थितियों में भी नीति सम्मत रहे। उन्होंने वेदों और मर्यादा का पालन करते हुए सुखी राज्य की स्थापना की। स्वयं की भावना व सुखों से समझौता कर न्याय और सत्य का साथ दिया। फिर चाहे राज्य त्यागने, बाली का वध करने, रावण का संहार करने या सीता को वन भेजने की बात ही क्यों न हो।

सहनशीलता व धैर्य भगवान राम का विशेष गुण है। कैकेयी की आज्ञा से वन में 14 वर्ष बिताना, समुद्र पर सेतु बनाने के लिए तपस्या करना, सीता को त्यागने के बाद राजा होते हुए भी संन्यासी की भांति जीवन बिताना उनकी सहनशीलता की पराकाष्ठा है। भगवान राम ने दया कर सभी को अपनी छत्रछाया में लिया। उनकी सेना में पशु, मानव व दानव सभी थे और उन्होंने सभी को आगे बढ़ने का मौका दिया। सुग्रीव को राज्य, हनुमान, जाम्बवंत व नल-नील को भी उन्होंने समय-समय पर नेतृत्व करने का अधिकार दिया। दोस्त केवट हो या सुग्रीव, निषादराज या विभीषण। हर जाति, हर वर्ग के मित्रों के साथ भगवान राम ने दिल से करीबी रिश्ता निभाया। दोस्तों के लिए भी उन्होंने स्वयं कई संकट झेले।

अगर हम सही मायने में सोचे तो भगवान राम ने ही सेकुलरिज्म की सही परिभाषा हम सब को समझाये है ‘एक अच्छा भाई ‘एक अच्छा पति ‘ एक अच्छा मित्र ‘ एक अच्छा दुश्मन ‘एक अच्छा स्वामी ‘ एक अच्छा न्याय प्रिय राजा’ जिसमें ‘सभी लोग एक साथ समाहित हो जाये वो भगवान राम है

हजारों वर्षो तक अगर लोग रामराज्य का उदाहरण दे ‘हम सब को समझ जाना चाहिये भगवान राम हम सब के दिल में है ‘अगर दुनिया का सबसे आबादी वाला मुस्लिम राष्ट इंडोनेशिया बोले कि राम हमारे पूर्वज थे’ तो हम सब को समझ जाना चाहिये उनके कर्म और गुण हम सब को मार्गदर्शन करते रहेंगे

प्रदेश के मुखिया माननीय भूपेश बघेल ने भगवान राम के लिये वो कार्य कर दिखाया ‘ जो बीजेपी की 15 साल की सरकार में नही हुआ वनवास काल के दौरान भगवान राम छत्तीसगढ़ में जिस मार्ग से गुजरे थे, उसे राज्य सरकार ‘राम वन गमन पर्यटन परिपथ’ बनाते हुए धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित कर रही है. परियोजना के अंतर्गत 75 स्थानों का चिन्हांकन किया गया है. प्रथम चरण में नौ स्थानों को विकसित करने का काम शुरू किया गया है. सबसे पहले माता कौशल्या की जन्मभूमि चंदखुरी में स्थित कौशल्या माता के मंदिर का जीर्णोद्धार और मंदिर परिसर का सौंदर्यीकरण किया गया है

जय श्री राम और सीता राम बोलने में लोग अलग अलग अंतर बोलते है पर मुझे लगता है जय श्री राम का घोष युद्ध में विजय के लिए किया जाता है। और जय सिया राम भक्ति, जाप, भजन के रूप में किया जाता है। जय सियाराम में जो सौम्‍यता और सर्वहितकारी भाव है, वह इसमें नहीं समझ आता. इसके अलावा यह सीता जी के महत्‍व को भी कहीं न कहीं कम करता है. उन्‍हें लगता है कि ‘जय सियाराम’ मर्यादा पुरुषोत्‍तम राम के सौम्‍य व्‍यक्तित्‍व और कोमलता का ज्‍यादा बेहतर तरीके से प्रतिनिधित्‍व करता है.

सब की अलग अलग राय हो सकती है ‘आप सभी को भगवान रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं….