चर्चित पुटुवा स्टाप डेम में HC का फैसला,अस्तित्व को नकारते रहे वन अधिकारियों को झटका…
कोरबा:चर्चित पुटुवा स्टाप डेम में HC का फैसला,अस्तित्व को नकारते रहे वन अधिकारियों को झटका…
कटघोरा: विवादित और भ्रष्टाचारपूर्ण कार्यशैली में विभागीय मंत्री से लेकर विधानसभा को गुमराह करने वाले कटघोरा वनमंडल के अधिकारियों द्वारा जिस 48 लाख के स्टाप डेम के अस्तित्व को नकारा जाता रहा, उस पर हाईकोर्ट ने फैसला दिया है। मंगलवार को आए फैसले में जस्टिस पीपी साहू की बेंच ने निर्देशित किया है कि 90 दिन के भीतर भुगतान निराकृत करें। हालांकि फैसले की विस्तृत जानकारी आना शेष है लेकिन निर्णय से पीड़ित व्यवसायी को राहत मिली है।
बता दें कि पूर्व कटघोरा वन मंडलाधिकारी,जटगा रेंजर के कार्यकाल में निर्मित गुणवत्ताहीन और 2 बार मरम्मत के बाद पूरी तरह बह चुके पुटवा स्टॉप डेम का मामला वन अधिकारियों के गले की हड्डी बना है।जटगा रेंज के पुटवा स्टॉप डेम निर्माण के लिए मटेरियल सप्लायर मुकेश कुमार गोयल ने भुगतान के लिए कई चक्कर काटे हैं। पूर्व डीएफओ शमा फारुखी ने भी जानकारियों को छिपाया। अंततः मुकेश गोयल मामला हाईकोर्ट ले गए। यह गंभीर मामला वर्ष 2019-2021 में कटघोरा वनमंडल के जटगा वनपरिक्षेत्र अंतर्गत कैम्पा मद से स्वीकृति स्टाप डेम से जुड़ा है। कुल 18 डेम में से आर.ए. 194 सोढ़ीनाला क्रमांक 06 में 2019 में ही पूर्ण हो चुका था, वह पहली ही बारिश में बह गया। इसके पश्चात वन विभाग ने उक्त निर्माण कार्य का पुन: मरम्मत कराया लेकिन यह मरम्मत भी काम नहीं आया और डेम पूरी तरह धराशायी हो गया। उक्त निर्माण में लगे मजदूरों और मटेरियल सप्लायर्स की भी राशि अब तक अटकी हुई है।
यहां तक कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में दी गई जानकारी में कटघोरा वनमंडल ने ना सिर्फ स्टॉप डेम की संख्या कम बताई बल्कि सोढ़ीनाला पार्ट-6 स्टॉप डेम को ही जवाब से गायब कर दिया जबकि कार्य का मटेरियल सप्लाई वर्क ऑर्डर जारी हुआ था। जवाब में 17 स्टॉप डेम की जानकारी विधानसभा को दी गई। यह मामला कटघोरा के भाजपा नेताओं ने पहले तो जोर-शोर से उठाया और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भी मुद्दे को उठाया लेकिन बाद में अपरिहार्य कारणों से भाजपाई खामोश बैठ गए और मुद्दा गधे के सिर से सींग की तरह गायब हो गया।