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कोरबा: द्वेषपूर्ण पुलिसिया कार्यवाही के विरोध में ग्लोबल जर्नलिस्ट एंड मीडिया एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को सौपा ज्ञापन….

कोरबा: द्वेषपूर्ण पुलिसिया कार्यवाही के विरोध में ग्लोबल जर्नलिस्ट एंड मीडिया एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को सौपा ज्ञापन….

 

 

कोरबा/कटघोरा:-जिला कोरबा में पत्रकारों पर पुलिस का द्वेषपूर्ण रवैया समझ से परे है जो आएदिन समाचारदाता कही ना कहीं पुलिस की अनैतिक कार्यवाहियों का शिकार हो रहा है।बीते दिनों जिला कोरबा के अधीनस्थ थाना पाली में एक समाचारदाता पुलिस की षडयंत्र रूपी कार्यवाही का शिकार हो गया,जहां मामला केवल आपसी वाद विवाद का था जिसका निपटारा पुलिस की समझाइश से बेहद आसानी हो सकता था लेकिन पुलिस ने महज विवाद के मामले पर सीधे समाचारदाता पर मामला पंजीबद्ध कर दिया, जो ये साबित करता है कि पुलिस के पास कानून की ताकत है वो किसी को भी अपने लपेटे में ले सकती है।

पुलिस की इसी कार्यवाही के विरोध में ग्लोबल जर्नलिस्ट एंड मीडिया एसोसिएशन द्वारा प्रदेश के मुखिया के नाम कटघोरा तहसीलदार को ज्ञापन सौपा गया है,जिसमे संघ के पदाधिकारियों सहित बड़ी संख्या में सदस्यगण मौजूद रहे। ग्लोबल जनर्लिस्ट एंड मीडिया एसोसिएशन के पदाधिकारियों सहित बड़ी संख्या में सदस्य उपस्थित होकर पुलिस की द्वेषपूर्ण कार्यवाही के खिलाफ प्रदेश के मुखिया के नाम कटघोरा तहसीलदार सोनित मेरिया को ज्ञापन सौपा है, जिसमे पुलिसिया कार्यशैली का वर्णन कर जिम्मेदार पुलिस अधिकारी के खिलाफ निष्पक्ष जांच कर निलंबन की मांग की गई है।

उक्त मामला मीडियाकर्मी से जुड़ा था बावजूद पुलिस अधिकारी ने मामले की जांच किये बगैर सीधे मीडियाकर्मी पर एफआईआर दर्ज कर दिया गया। जो पुलिसिया कार्यवाही की मनोदशा को साफ साफ चरितार्थ करता है बता दे कि पिछले शनिवार को थाना पाली प्रभारी अनिल पटेल द्वारा पाली समाचारदाता कमल महंत पर घर मे घुस कर मारपीट व गाली गलौच करने का मामला पंजीबद्ध किया गया था, दरअसल कमल महंत व प्रार्थिया एक ही मोहल्ले में एक दूसरे के पड़ोसी है,प्रार्थिया द्वारा घर निर्माण में प्रयुक्त होने वाले रेत व गिट्टी को सड़क पर बेतरतीब ढंग से रखा गया था,जिसका विरोध समाचारदाता कमल महंत के द्वारा किया,

यह बात पर प्रार्थिया को नागवार गुजरी और प्रार्थिया द्वारा इसकी शिकायत थाना पाली में कर दिया गया।अब महज आपसी विवाद के आवेदन पर सीधे मामला पंजीबद्ध हो जाना समझ से परे जबकि उक्त मामले पर पुलिस समझाईश देकर मामले का निराकरण कर सकती थी,पर प्रार्थिया के शिकायत आवेदन पर पुलिस ने सीधे मामला पंजीबद्ध कर दिया,तो चलिए आपको अवगत कराते हैं आखिर पुलिस ने समाचारदाता पर शिकायत आवेदन पर मामला पंजीबद्ध क्यो किया..?

दरअसल समाचारदाता कमल महंत द्वारा पाली पुलिस की निष्क्रियता को उजागर कर खबर प्रकाशित की थी जो अवैध कोयले से जुड़ी खबर थी, जिसमे थाना प्रभारी अनिल पटेल को ठेस पहुँची थी,इस बीच थाना में कमल महंत के खिलाफ शिकायत देख थाना प्रभारी खुशी के मारे फुले नही समाए और इन्होंने इस अवसर को गवाना नही समझा और उक्त मामले की बिना जांच किये कमल महत के खिलाफ सीधे एफआईआर दर्ज कर दिया गया।इस दौरान मजे की बात यह रही कि पुलिस ने कमल महंत को शनिवार के दिन रिमांड पर लिया जहां उसकी जमानत हो पाना संभव नहीं थी,

आखिरकार समाचारदाता को एक दिन षड्यंत्र रूपी कार्यवाही के फेर में जेल जाना पड़ गया।पुलिस की यह सोची समझी साजिश साफ साफ बया कर रही है कि अगर कोई समाचारदाता पुलिस के कारनामो को उजागर करेगा तो उसे जेल की हवा खानी पड़ सकती है।अब ऐसे में विभाग के उच्चाधिकारियों को अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के कार्यशैलीयो को संज्ञान में लेने की आवश्यकता है,ताकि पुलिस की प्रतिष्ठा धूमिल होने के बजाय प्रशंसनीय बनी रहे।