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पूर्व प्रभारी डीएफओ संजय त्रिपाठी को आखिर खाली करना पड़ा मडना डिपो स्थित बंगला…अब रेस्ट हाउस मडना में कब्जे की तैयारी..

पूर्व प्रभारी डीएफओ संजय त्रिपाठी को आखिर खाली करना पड़ा मडना डिपो स्थित बंगला…अब रेस्ट हाउस मडना में कब्जे की तैयारी..

 

 

गौरेला पेंड्रा मरवाही- मामला मरवाही वनमण्डल का है जहां के पूर्व प्रभारी डीएफओ एवं वर्तमान एसडीओ संजय त्रिपाठी को आखिरकार बंगला खाली करना पड़ा. डीएफओ रहते हुए संजय त्रिपाठी द्वारा डीएफओ बंगले को इतना अधिक लग्जरी बना दिया गया था कि अब नए डीएफओ के आने के बाद भी उनके मन से बंगले का मोह खत्म नही हो रहा है नए डीएफओ आने के बाद भी त्रिपाठी बंगला खाली करने को तैयार नहीं थे..अपने अप्रोच के बल से आज तक उक्त बंगला में एसडीओ त्रिपाठी बने हुए थे !

परंतु वर्तमान डीएफओ के कड़े पत्र के बाद संजय त्रिपाठी को बंगला आखिरकार खाली करना पड़ा .वही विभागीय सूत्रों से मिली खबर अनुसार संजय त्रिपाठी ने बिना स्वीकृति के गुरुकुल स्थित एसडीओ पेंड्रा के बंगले में लाखों रुपए खर्च यह सोचकर किया की कही वर्तमान डीएफओ गुरुकुल में सिफ्ट हो जाए, लेकिन ऐसा नही हुआ और बंगला खाली ही करना पड़ा ?

वही नाम न बताने के शर्त पर बताया गया की एसडीओ संजय त्रिपाठी का मडना का मोह नही छूट रहा जिसकी वजह से इनके द्वारा अब वन विभाग के रेस्टहाउस पर कब्जा किया जा रहा है?

बता दे की वन विभाग का एक मात्र रेस्टहाउस है जिसे त्रिपाठी धीरे धीरे कब्जा करने की फिराक में है जहां इन्होंने अपना सामान रखवाना चालू कर दिया गया है और रेस्ट हाउस के अंदर अपने पसंद अनुसार कमरे का इंटीरियर करवाने मिस्त्री तक लगाया जा चुका है अब देखना यह है कि वर्तमान डीएफओ , संजय त्रिपाठी को एसडीओ के लिए आरक्षित बंगला गुरुकुल गुरुकुल भेज पाते है या त्रिपाठी अपने अप्रोच का फिर फायदा उठा रेस्ट हाउस में कब्ज़ा करने में सफल होते है..?