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मरवाही वनमण्डल में परिवारवाद हावी: वनमण्डल के दोनों SDO कार्यालय पिता-पुत्र-पुत्री के हवाले, एक ही परिवार का नियम विरुद्ध कब्जा..

मरवाही वनमण्डल के दोनों SDO कार्यालय पिता-पुत्र-पुत्री के हवाले..एक ही परिवार का नियम विरुद्ध कब्जा..

 

 

पिता खुद दोनो एसडीओ कार्यालय के प्रभार में और पुत्र पुत्री को एक एक कार्यालय में पदस्थ

गौरेला पेंड्रा मरवाही: मरवाही वनमण्डल अंतर्गत दो SDO कायार्लय पेंड्रा एवम गौरेला है जिसमे पेंड्रा एसडीओ कार्यालय में राममोहन यादव सहायक ग्रेड-2 लभगभ 15 वर्षो से पदस्थ है अपने इस लम्बे पोस्टिंग का राममोहन यादव ने जमकर अधिकारियो की आव भगत कर फायदा उठाया …यादव ने सबसे पहले अपने पुत्र योगेश यादव उर्फ सोनू यादव को कम उम्र से पढ़ाई के दौरान दैनिक श्रमिक के रूप में गौरेला एसडीओ कार्यालय में लगवाया जिसका कलेक्टर दर में लगभग 3 वर्षो तक अवैध रूप से भुगतान कराया गया..।

इसी प्रकार राममोहन यादव ने गौरेला एसडीओ कार्यालय का प्रभार लेने में सफल रहे लगभग पाँच वर्षों से गौरेला एसडीओ कार्यालय का वर्तमान में प्रभार में रह पिता- पुत्र मिलकर कार्य का सम्पादन कर रहे है ऐसा मामला शायद छत्तीसगढ़ में कही हो इसी प्रकार एसडीओ संजय त्रिपाठी कार्यकाल में अपने पुत्री को भी कम्प्यूटर ऑपरेटर बनाने में सफल रहे अगर यह कहे तो अतिशयोक्ति नही होगी कि गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला में सायद कोई योग्य श्रमिक नही थे जिसकी वजह से परिवार वाद किया गया… ।

इसी प्रकार वायरलेस आपरेटर पुरषोत्तम कश्यप भी मरवाही वनमण्डल में 15 वर्षो से नियम विरुद्ध कब्जा जमाए बैठा है जिसने भी अपने पुत्र एवम एक अपने रिश्तेदार को दैनिक वेतनभोगी के रूप में लगवाने में सफल रहा ..वही अपने मूल पद में न कार्य कर स्टेनो का कार्य कर रहा है जिस संबंध में लिपिक संघ ने इसे हटाने माँग भी किया गया पर अधिकारियो का संरक्षण की वजह से ये आज भी बना हुआ है.।

गौरतलब है की वन मंडल में परिवार वाद को न चलाकर अगर किसी योग्य व्यक्ति को कार्य पर लगाया जाता तो कार्य की श्तिथि काफी अच्छी होती परंतु वनमण्डल में केवल परिवार वाद हावी है और जनप्रतिन्धी सांत है इस मामले में हमने कुछ दिन पहले खबर के माध्यम से वनमण्डलाधिकारी को अवगत कराया गया था परंतु आज तक किसी प्रकार की कार्यवाही का ना होना अपने आप में प्रश्न चिन्ह लगाता है ?