रायल्टी के बिना ही काटे गए करोड़ो के चेक , लिपिक ने कैम्पा शाखा में रह शासन को लगाया चुना..
रायल्टी के बिना ही काटे गए करोड़ो के चेक , लिपिक ने कैम्पा साखा में रह शासन को लगाया चुना..
खनिज विभाग का मौन, समझ से परे?
गौरेला पेंड्रा मरवाही-मरवाही वन मण्डल के कैम्पा शाखा में पदस्थ लिपिक भूपेंद्र साहू ने फर्जी चेक काट कर जमकर भ्रष्टाचार किया है भूपेंद्र साहू के द्वारा खनिज विभाग को भी जम के चुना लगाया गया है। बात करे नियमो की तो नियम अनुसार गिट्टी, रेत में बिना रायल्टी प्राप्त किये चेक सप्लायर फर्म को नही दिया जा सकता, परंतुअधिक कार्यो के एक साथ स्वीकृति होने के कारण निविदा प्राप्त फर्मो ने गिट्टी रेत की सप्लाई परिक्षेत्रों के एनीकट स्टाप डेम, डव्लूबीएम रोड हेतु किया।
पर मामला रायल्टी में अटक गया कुछ फर्मो ने चेक रुकने के कारण कमीशन देकर रायल्टी बेक डेट करा कर भुगतान लेने में सफल रहे .. फर्मो के साथ मिलीभगत कर और पचास प्रतिशत मटेरियल का चेक काटने में भूपेंद्र साहू सफल रहा। और तात्कालिक शाखा प्रभारी ए.के.भदोरिया लेखपाल की लगातार अधिकारीयो से शिकायत कर भूपेंद्र साहू ने अपना वर्चस्व शाखा में बना अंधाधुंध फर्जी चेक जारी किया जिस संबंध में भदोरिया का कहना है कि मै साखा प्रभारी केवल नाम के लिए था ..तत्कालीन डीएफओ द्वारा पूरा कार्य भूपेंद्र साहू से करवाया जाता था ।
क्योंकि मेरे द्वारा बिना पूरा दस्तावेज के अपूर्ण बिलो को आपत्ति लगा चेक जारी नही किया जाता था.. जिससे अधिकारी मेरे ऊपर नाराज थे और पूरा कार्य भूपेंद्र साहू से कराने लगे मेरे द्वारा इसके विरोध लिखित में किया और इसके कमीशन खोरी की शिकायत तत्कालीन डीएफओ व थाने में भी किया गया था पर पर्यन्त तक इसके ऊपर कार्यवाही नही किया गया इसका मुख्य कारण भूपेंद्र साहू को अधिकारियो का संरक्षण होना बताया जा रहा है।भदोरिया ने बताया कि इसने मरवाही वन मंडल में नियम विरुद्ध करोड़ो के चेक बिना रायल्टी के कटे है जिसकी जाँच कराने से सब सच्चाई सामने आ जायेगी।
इस संबंध में जिला प्रशासन संज्ञान में लेकर चोरी की गई रायल्टी की राशि संबंधित फर्मों से वसूली किया जाना चाहिए सर्व प्रथम तो जितने सप्लाई के आदेश हुए है उनसे मिलान कर वास्तविक मात्र प्राप्त कर फर्म वाइस रायल्टी हेतु पत्र लिखने चाहिए ! और बिना रायल्टी के चेक काटने के एवज में भूपेंद्र साहू के ऊपर अपराध कायम कर उचित कार्यवाही की जानी चाहिए जिससे भविष्य में शासन को क्षति पहुचाने वाले कर्मचारियों को कुछ गलत करने पर सोचना पड़े ।बता दे की इतना भ्रष्टाचार करने के बाद भी सहायक ग्रेड 3 लिपक सबसे भारी है जो अधिकारी इसके खिलाफ एक्शन तो छोड़ साखा से हटाने की भी नही सोच पाते क्योकि इसका तार सीधे PCCF ऑफिस कैम्पा रायपुर से है । यह बोलना गलत नही होगा की “सैया भए कोतवाल तो अब डर काहे का”।।