डां रमन सिंह की फिसली जुबान कहा भाजपा सरकार के समय तहसील मे 5 हजार 10 हजार मे काम हो जाया करता था ?
डां रमन सिंह ने आखिर स्वीकार कर ही लिया उनकी सरकार के समय तहसील मे 5 हजार 10 हजार मे काम हो जाया करता था?
बिलासपुर लोकसभा का प्रभारी बनाये जाने के बाद रमन सिंह का दौरा मस्तूरी,बेलतरा विधानसभा मे
डा रमन सिंह कार्यकर्तोओ को रिचार्ज करते हुये हितग्राहियो से मुलाक़ात कर रहे है
(पत्रकार गोविन्द शर्मा की रिपोर्ट)
बिलासपुर:- बिलासपुर लोकसभा का प्रभार डा रमन सिंह के जिम्मे हे जिसमे उनका दौरा इस समय बिलासपुर से लगी विधानसभा मस्तूरी,बेलतरा,मे आमजन से मुलाक़ात कार्यकर्ताओं से मुलाक़ात करना का कार्यक्रम चल् रहा हे उसी।दिशा मे रमन सिंह मस्तूरी मे हितग्राहीयो जिसमे उज्वला योजना,आवास योजना को लेकर हो रही आमजन को तकलीफ जानने अमजनता से मुलाक़ात कर रहे हे ओर इसके साथ ही कार्यकर्त्ताओ ,पदाधिकारियों से मुलाक़ात का सिलसिला पिछले दो विधानसभा मे चल रहा है आज उसका अंतिम पड़ाव बेलतरा विधानसभा के आर आर रिसोर्ट मे हुआ जहा रमन सिंह सभी पदाधिकारियों कार्यकर्ताओं से भेंट मुलाक़ात कर आने वाले विधानसभा की तैयारी को लेकर समीक्षा भी कर रहे हे ऐसा प्रतीत भी हो रहा है ।
डा रमन सिंह की प्रेस वार्ता मे फिसली जुबान-
आज बिलासपुर मोपका स्थित आर आर रिसोर्ट मे पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह की प्रेस वार्ता मे जुबाना फिसल गई एक तरफ रमन सिंह भुपेश बघेल सरकार को आड़े हाथ लेते हुए 4 साल के कार्यकाल मे विकास कुछ नही हुआ है प्रदेश मे कर्जा लेकर भी कार्य नही कराया गया,अपराध बढ़ गया है ताजा उदाहरण बिलासपुर का दिय जहा शूटर के द्वारा हत्या कराई गई इसी प्रकार प्रदेश मे अपराध का ग्राफ बढ़ रहा है ,वही बिलासपुर तहसील मे राजस्व के मसले पर बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह की जुबान फिसल गई ओर भूपेश राज मे तहसील मे अब लाखो रुपये लग रहे तब कही जाकर आमजनता का काम हो रहा है हमारे कार्यकाल मे 5 हजार 10 हजार मे काम हो जाया करता था जिससे ये प्रतीत हो रहा है कि रमन सिंह की सरकार मे तहसील का रेट फिक्स कर दिया गया था जिसका जिक्र आज स्वयं रमन सिंह ने स्वीकार कर कहा ।
प्रेस वार्ता मे वही पुराना रवैया रहा रमन सिंह का:
आज बिलासपुर मे डा रमन सिंह कि प्रेस वार्ता आयोजित कि गई थी जिसमे पत्रकार आर आर रिसोर्ट पहुँचे जहा उन्हे इंतजार करना पड़ा क्योकि डा रमन सिंह कार्यकर्त्ताओ पदाधिकारियो से बंद कमरे मे कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे जहा पत्रकार उनका काफी दर तक इंतजार कर रहे थे वही प्रेस वार्ता डा रमन से 5 से।10 मिनिट मे ही निपट गई,डा साहब का ये रवैया नया नही है जब मुख्यमंत्री हुआ करते थे तो यही रवैया उस समय भी रहा है आज पूर्व हो चुके है लेकिन पत्रकार वार्ता का रवैया वैसा ही है।