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धुब्रोता और गार्गी चटर्जी को मिला सम्मान

*चंद्रयान 3 विश्व कीर्तिमान* पुस्तक का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में हुआ दर्ज
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कोरबा : ज्ञान और विज्ञान की बात करें तो आदिकाल से ही भारत विश्व में सर्वोपरी रहा है ।
विज्ञान के मूलभूत आविष्कार इसी धरती पर हुए हैं । वेद और विज्ञान का सहारा लेकर हमारे देश के वैज्ञानिकों ने वह कर दिखाया जो विश्व के बड़े – बड़े महारथी नहीं कर पाए ।उन्होंने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सर्वप्रथम चंद्रयान को उतारकर विश्व में इतिहास रच दिया और भारत का सिर गर्व से ऊंँचा कर दिया ।
विगत 23 जून को रायपुर के वृंदावन हॉल में छत्तीसगढ़ स्वाभिमान संस्थान के तत्वावधान में सम्मान समारोह एवम् पुस्तक विमोचन का कार्यक्रम हुआ । मुख्य अतिथि माननीय बृजमोहन अग्रवाल (संस्कृति मंत्री ,शिक्षा ,संसदीय कार्यमंत्री छ. ग. शासन) अति विशिष्ट अतिथि , राजेश्री महंत राम सुंदर दास जी महाराज (पीठाधीस्वर श्री दुधाधारी मठ , रायपुर एवम् शिवरीनारायण मठ )विशिष्ट अतिथि डॉ. सुशील त्रिवेदी (पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त , छ. ग. शासन) डॉ. उदयभान सिंह ( अध्यक्ष छ. ग. स्वाभिमान संस्थान, भगीरथ) सोनल शर्मा (गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की छ. ग. प्रभारी), शकुंतला तरार , स्नेहलता पाठक, रामेश्वर वर्मा एवम् पुस्तक के संपादक द्वय श्रीमती उर्मिला देवी और डॉ. आशा आजाद (प्रोफेसर, शासकीय महाविद्यालय , कोरबा व कई वर्ल्ड रिकॉर्ड धारी ) आदि की मंच पर उपस्थिति में सभा में उपस्थित देश के कोने-कोने से आए सहभागी रचनाकारों को उपरोक्त पुस्तक में सहभागिता हेतू कुल चार प्रमाणपत्र दिए गए । जो क्रमशः गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड , संस्कृति विभाग छ. ग. शासन द्वारा राज्य स्तरीय सम्मान , छ. ग. स्वाभिमान संस्थान द्वारा प्रशस्ति पत्र एवम् वैदिक प्रकाशन द्वारा प्रशस्ति पत्र ।
*चंद्रयान 3 विश्व कीर्तिमान* पुस्तक एक विश्वस्तरीय पद्य संकलन पुस्तक है जिसे मूर्तरूप देने के लिए कोरबा समेत देश-विदेश के 123 साहित्यकारों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । हिंदुस्तान की इस अभूतपूर्व उपलब्धि की
सभी रचनाकारों ने छंदबद्ध रूप में वर्णन किया है ।
इसमें कोरबा की गार्गी चैटर्जी ने “जीत गए विज्ञान वेद से , जगत सकल हमसे हारा…” एवम् सुश्री ध्रुबोता चैटर्जी ने “अभी तो केवल है शुरुआत , यह अभियान रहेगी जारी…” रचना के माध्यम से अपना योगदान दिया। युवा कवियत्री ध्रुबोत चैटर्जी समस्त रचनाकारों में सर्वकनिष्ठ रहीं ।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में लॉकडाउन के दौरान अपनी माताजी की प्रेरणा एवम् मार्गदर्शन से साहित्य साधना प्रारंभ की । अब तक कई सम्मेलनों में अपनी कविता पाठ कर चुकी हैं। श्रीमती गार्गी चैटर्जी कोरबा की जानी-मानी शिक्षिका है जिन्हे कोलकाता और कोरबा क्षेत्र के कई प्रतिष्ठित स्कूलों एवम कॉलेज में अध्यापन का 25 वर्षो का अनुभव है । उन्होंने कहा कि मुझे स्वयं से ज्यादा अपनी पुत्री को यह सम्मान मिलने पर गर्व अनुभव हो रहा है । यह मेरा द्वितीय वर्ल्ड रिकॉर्ड है । इससे पूर्व मुझे *मैजिक बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड* प्राप्त हो चुका है।

*मांँ-बेटी ने एक साथ गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया।*
मां और बेटी को एक साथ मिला सम्मान।