बिलासपुर/रेंजर ने लिखा डीएफओ को पत्र 18 प्रतिशत कमीशन देने की बात वनसंरक्षक बिलासपुर अनिल सोनी को बताया बडा भ्रष्टाचारी 10 प्रतिशत डीएफओ तो सीसीएफ अनिल सोनी 8 प्रतिशत कमीशन मांग रहे वानिकी कार्यो मे ……..?
जांजगीर चांपा-
मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर संभाग कार्यालय से पूरे डिवीजन तक जमकर भष्टाचार …बिलासपुर मुख्य वन संरक्षक अनिल सोनी भष्टाचार में लिप्त …/- वनपरिक्षेञ अधिकारियों से की जाती है कमीशन की मांग…..
छत्तीसगढ़ प्रदेश के न्यायधानी बिलासपुर वन वृत्त के अंतर्गत में सभी प्रकार के निर्माण कार्यों में और क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण के कार्यों में बेहिसाब आर्थिक अनियमितताओं के खेल से पूरी तरह वाकिफ होने के बावजूद भी उस पर किसी भी प्रकार की रोक लगा पाने में वन वृत्त के मुखिया श्री अनिल सोनी की मिलीभगत व संलिप्तता को प्रदर्शित करता हैं…
वनमंडल चांपा मे पदस्थ सक्ति परिक्षेत्र अधिकारी(रेंजर)एम आर साहू ने वनमंडलाधिकारी चांपा को पत्र लिखकर निर्माण कार्य वानिकी कार्यो मे कमीशन खोरी के लिये बाकायदा पत्र लिखा भ्रष्टाचार कर रकम कहा तक पहुचता है बिलासपुर संभाग के मुख्य वन संरक्षक अनिल सोनी तक रकम पहुचाने वाले संभाग के सभी डीएफओ को निर्माण कार्य मे 50 प्रतिशत कमीशन देने की बात बताई यहा बताना लाजमी होगा की चांपा से भी बडा वन मंडल कटघोरा है यहा भी यही आलम है सीसीएफ अनिल सोनी ने यहा तो भ्रष्टाचार की खुली छुट दे रखी है
भ्रष्टाचार का आलम ये हैं कि मजदूरों को किये जाने वाले भुगतान में बिलासपुर वृत अधिकारी अनिल सोनी द्वारा परसेंट वाइज कमीशन की मांग की जाती है जिसमे कुछ प्रतिशत मंत्री ..कुछ उच्च अधिकारियों के नाम को देने के नाम से लिया जाता है….
इसके पीछे की कारणों की बात की जाए तो एक कारण यह भी हो सकता है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश के वन मंत्री की रिश्तेदार कटघोरा वन मण्डल अधिकारी शमा फ़ारूक़ी है जिन पर किसी भी उच्च अधिकारी का कोई वश नही चलता,
दूसरा कारण यह भी हो सकता है कि करोड़ों रुपयों के भ्रष्टाचार के खेल में इन उच्च अधिकारियों की भी पूर्ण सहमति हो और अंशदान के रूप में इन्हें भी अच्छी खासी अतरिक्त आय प्राप्त हो रही हो,*
कारण जो भी हो पर यह बात निश्चित रूप से स्पष्ट है कि कटघोरा वन मण्डल आज के समय मे भ्रष्टाचार का अभेद्य किला बन चुका है, वर्तमान में कटघोरा वन मण्डल में कैम्पा मद, विभागीय मद, नरवा गरूवा घुरवा बाड़ी मद से करोड़ों रुपयों के स्टॉप डेम, तालाब, गेबियन डेम, नाला बंधान, डब्ल्यू बी एम रोड, सी सी रोड , बाउंड्रीवाल, क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण जैसे अनेकों काम का निर्माण कार्य चल रहा है और उसी रफ़्तार से यहां पदस्थ वन मण्डल अधिकारी से लेकर बीट गार्ड तक के कर्मचारियों के द्वारा फर्जी बिल के माध्यम से राशि का गबन किया जा रहा…
जिस सरकारी धनराशि का दोहन इन वन विभाग के उच्च अधिकारीयों तथा कर्मचारियों के द्वारा खुलेआम बिना किसी डर के किया जा रहा है वो धनराशि किसी मुख्यमंत्री या किसी वनमंत्री की नही है बल्कि आम जनता के द्वारा दिए गए टैक्स और मेहनत की कमाई का ही हिस्सा है,
अब देखने वाली बात यह होगी कि छत्तीसगढ़ प्रदेश के न्यायधानी में न्याय हो पाता है या फिर इसी प्रकार अन्याय और धोखाधड़ी का खेल खुलेआम ऐसे ही चलता रहेगा।