शासकीय हाई स्कूल स्याहीमुड़ी में विश्व हाथी दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जेलगांव__शासकीय हाई स्कूल स्याहीमुड़ी में विश्व हाथी दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्राचार्य डॉ फरहाना अली ने विद्यार्थियों को बताया कि प्रतिवर्ष 12 अगस्त को हाथियों के संरक्षण उनके गैरकानूनी शिकार और तस्करी रोकने उनके बेहतर इलाज जंगली हाथियों की संख्या बढ़ाने उनके पुनर्वास और बेहतरी के लिए ज्ञान व सकारात्मक समाधान साझा करने के लिए यह दिन मनाया जाता है। यह भारत का राष्ट्रीय विरासत पशु भी है हाथी दुनिया की सबसे बुद्धिमान प्रजातियों में से एक है और जमीन पर चलने वाला सबसे बड़ा स्तनधारी है । यह एक सामाजिक और समझदार प्राणी है। देश के 14 राज्यों में हाथियों के 30 रिजर्व हैं वर्तमान में मानव हाथी संघर्ष की घटनाएं बढ़ गई हैं। उन्होंने जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ के सरगुजा जशपुर सूरजपुर रायगढ़ और कोरबा जिलों में मानव और हाथियों के बीच संघर्ष में ज्यादातर लोगों की जान गई है हाथियों के झुंड ने अब तक कई एकड़ फसल चौपट की है। हाथियों का झुंड धीरे-धीरे मानव रहवासी क्षेत्र में बढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ में मानव हाथी द्वंद लंबे अरसे से चल रहा है जिसे रोकने के लिए वन विभाग लगातार कोशिश कर रही है। जिसमें प्रमुख रुप से सोलर फेंसिंग मधुमक्खी पालन रेडियो कॉलर हाथी के गले में घंटी लगाने समेत कई उपाय हैं। हाथियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है कि वन विभाग गैर सरकारी संस्थाएं एवं पर्यावरण प्रेमियों के समूह द्वारा संयुक्त जन जागरूकता तथा हाथियों के पुनर्वास के लिए सार्थक प्रयास किया जाना चाहिए। व्याख्याता प्रभा साव ने जानकारी दी कि जंगलों के कटाव खदानों में अंधाधुन ब्लास्ट और रिहायशी इलाकों का बेहिसाब बढ़ाव हाथियों को दूसरे इलाकों में बढ़ने की वजह है । प्राकृतिक जल स्रोतों के सूखने पर फसलों की कटाई के बाद हाथियों के समक्ष चारा पानी की समस्या उत्पन्न हो जाती है भोजन पानी की तलाश में हाथी आबादी क्षेत्र की ओर रुख करते हैं ।हाथियों को आबादी क्षेत्र में आने से रोकने के लिए जंगल में पर्याप्त पानी चारागाह की व्यवस्था की जाना चाहिए जिससे वे जंगल में ही रहे। जीव विज्ञान की व्याख्याता पुष्पा बघेल ने बताया की लगभग 60 फ़ीसदी एशियाई हाथी भारत में रहते हैं। गजराज घने जंगलों में दूसरे प्राणियों के लिए रास्ता तैयार करता है जिससे अन्य वन्यजीवों का विचरण आसान बनाता है। जब हाथी जंगल में चलते हैं तो उनके पैरों से बने गड्ढे से सूक्ष्म जीवों के लिए घर बनता है। इस तरह जैव विविधता संरक्षित करने में हाथियों की बड़ी भूमिका है। वन्यजीव विशेषज्ञ इसे इको सिस्टम इंजीनियर कहते हैं । गर्मी के मौसम में हाथी अपने विशाल दातों से जमीन खोदकर पानी निकालते हैं जिससे दूसरे वन्यजीवों को भी प्यास बुझाने में सहूलियत होती है। विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा स्लोगन पोस्टर के माध्यम से हाथियों के संरक्षण का संकल्प लिया गया। कार्यक्रम में व्याख्याता नरेंद्र राठौर एवं शिक्षिका अलका राजा भोज भी उपस्थित थे।