स्थानीय जनप्रतिनिधि जनपद सदस्य प्रताप सिंह मरावी स्कूल का औचक निरीक्षण करने पहुंचे जहां प्रधान पाठक ही शराब के नशे में सोता पाया गया
छत्तीसगढ़
कोरबा- पोड़ उपरोड़ा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत करिमाटी स्थित शासकीय प्राथमिक शाला के प्रधान पाठक रामनारायण अक्सर शराब के नशे में धुत होकर स्कूल में सोते रहते हैं ।
इस मामले का खुलासा उस वक़्त हुआ जब स्थानीय जनप्रतिनिधि जनपद सदस्य प्रताप सिंह मरावी स्कूल का औचक निरीक्षण करने पहुंचे जहां प्रधान पाठक ही शराब के नशे में सोता पाया गया ।
शासकीय स्कूलों की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए राज्य सरकार अपने कर्तव्यों का परिपालन बखूबी रूप से कर रही है । बच्चों की शिक्षा दीक्षा और गुणवत्तापूर्ण अध्यापन में किसी तरह की कोई खामी ना रह जाए इसलिए सरकार ने सातवां वेतनमान भी लागू कर दिया है । लेकिन स्कूल की व्यवस्था को सम्भालने वाले जिम्मेदार अध्यापक ही ऐसी हरकतों को अंजाम दे रहे हैं जिससे शासकीय विद्यालयों के संचालन पर ही सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं ।
शराब खोरी के कारण आज शासकीय स्कूल बदनाम हो चुका है। आये दिन शराब के नशे में स्कूल जाने वाले शिक्षकों की जानकारी मीडिया के माध्यम से जिला प्रशासन को हो रही है । आज ग्राम पंचायत करिमाटी के प्रधान पाठक ही शराब के नशे में धुत होकर स्कूल पहुचे हुए थे । बताया जा रहा है कि प्रधान पाठक शराब के नशे में इतने मदहोश थे कि अपने कक्ष में सोने के दौरान पेंट में ही लघुशंका कर बैठे । इतना ही नहीं स्कूल के उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर तक करना उनके लिए दूभर हो गया था ।
स्कूल में बच्चे अपने आप ही पठन पाठन का कार्य कर रहे थे । सरकार शासकीय स्कूलों के शिक्षकों को सुविधा देने के लिए लगातार प्रयास करती आ रही है । पर कुछ शिक्षकों के कारण सरकारी स्कूल बदनाम हो चला है । ऐसे शिक्षकों के कारण अन्य शिक्षक भी संदेह के घेरे में आ रहे है ।
अमूमन ऐसे मामलों में यही देखने में आता है कि शिक्षा विभाग द्वारा ऐसे शिक्षकों को नोटिस जारी कर जवाब तलब करने की औपचारिकता निभा दी जाती है । मामला गंभीर हो तो ज्यादा से ज्यादा कुछ दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया जाता है और फिर बाद में मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है । अब जब इस शिक्षक का मामला सामने आ गया है तो ऐसे में जिला शिक्षा विभाग क्या कार्यवाही करता है ये देखने वाली बात होगी।