CG में बदले जा सकते हैं कुछ जिलों के कलेक्टर:CM बोले- कानून-व्यवस्था दुरुस्त रखना केवल पुलिस की जिम्मेदारी नहीं, कलेक्टर्स की भी है
करीब 9 घंटे तक चली कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रदेश भर के कलेक्टर्स को साफ संकेत दिया है कि कानून-व्यवस्था केवल पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है। प्रशासनिक तंत्र को भी सक्रिय भागीदारी निभानी होगी। अफवाहों को रोकना होगा ताकि सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश सफल न होने पाए। बताया जा रहा है, गुरुवार की समीक्षा के बाद कुछ जिलों के कलेक्टर्स को बदला भी जा सकता है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, प्रशासन की सजगता से ही कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर हो सकती है। संचार क्रांति के दौर में एक स्थान की घटना का असर पूरे प्रदेश और देश में होता है। ऐसे में प्रशासन की जिम्मेदारी बहुत अधिक है। छत्तीसगढ़ में कानून-व्यवस्था को बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने कहा- आज के दौर में सूचना ही शक्ति है। ऐसे में सोशल मीडिया की निगरानी जरूरी है। जिला प्रशासन का सूचना तंत्र बहुत मजबूत किया जाना जरूरी है। सोशल मीडिया पर चल रहे गलत तथ्यों का तुरंत काउंटर करना होगा ताकि आम लोगों को तुरंत ही वस्तुस्थिति की जानकारी हो जाए। अफवाह न फैले।
मुख्यमंत्री ने दो टूक कह दिया, विरोध प्रदर्शन से मुझे परहेज नहीं है। लेकिन योजनाबद्ध रूप से माहौल बिगाड़ने की साजिश को सफल नहीं होने दिया जाना है। उन्होंने कहा, हर हाल में सौहार्द्र का वातावरण बना रहना चाहिए। बैठक के बाद प्रेस से बात करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, प्रायोजित तरीके से कुछ जगहों पर माहौल खराब करने की कोशिश हुई है। ऐसा नहीं होने देना है। कलेक्टर्स को कहा गया है कि कानून-व्यवस्था प्रशासन की भी जिम्मेदारी है।
गड़बड़ी करने वालों को चिन्हित करने का भी टारगेट
मुख्यमंत्री ने कहा, राज्य सरकार के कल्याणकारी कार्यक्रमों से आम जनता को मिल रहे लाभ को कुछ लोग बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे कार्यक्रमों से परेशान कुछ लोग राज्य में कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने में लगे हैं। प्रशासन को ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनके मंसूबों को नाकाम करना होगा।
ग्रामीण औद्योगिक पार्क पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा, शहरीकरण के बढ़ते दबाव और शहरों में उपलब्ध संसाधनों के सीमित होने की वजह से अर्थव्यवस्था का विकेंद्रीकरण किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा, सरकार लगातार ग्राम स्तर पर आधारभूत अधोसंरचना, बेहतर स्कूल शिक्षा और आजीविका के नए साधन सृजित करने हेतु संकल्पित है। अब इस दिशा में आगे बढ़ना है इसलिए कलेक्टर ग्रामीण औद्योगिक पार्क बनाने हेतु कमर कस लें।
चिटफंड कंपनियों पर कार्रवाई का हिसाब लिया
मुख्यमंत्री ने चिटफंड कंपनियों पर हुई कार्रवाई का भी हिसाब लिया। एक-एक जिले में इस तरह की कार्रवाइयों की रिपोर्ट ली गई। मुख्यमंत्री ने चिटफंड कंपनियों के विरूद्ध कार्रवाई को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने निवेशकों से मिले आवेदनों का परीक्षण एवं उनके द्वारा कंपनियों में डिपॉजिट राशि का आंकलन करने भी निर्देश दिए। उन्होंने कलेक्टर्स को चिटफंड कंपनियों के एजेंट एवं हितग्राहियों के साथ जिला स्तर पर बैठक कर चिटफंड कंपनियों की परिसम्पत्ति की जानकारी भी तैयार करने के निर्देश दिए।