govthigh paid adsLatest Newsmiddle position adsmy adsUncategorized

छत्तीसगढ़ : पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर ने मुख्यमंत्री बंगले के सामने आमरण अनशन करने का किया ऐलान, जानिए क्या है वजह

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर ने मुख्यमंत्री बंगले के सामने आमरण अनशन करने का एलान कर दिया है। श्रीकंवर इस बात को लेकर खफा है कि देवेंद्र पांडेय के खिलाफ भ्रष्टाचार के पर्याप्त सबूत होने के बावजूद EOW उनके खिलाफ करवाई नही कर रही है। कंवर ने सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है।

रामपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक और प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने EOW पर भ्रष्टाचार के एक मामले में कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगते हुए आमरण अनशन करने की चेतावनी दी है। छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव अमिताभ जैन को लिखे पत्र में ननकी राम कंवर ने कहा है कि आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो EOW रायपुर में देवेन्द्र पाण्डेय, पूर्व अध्यक्ष जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक बिलासपुर और अन्य के विरूद्ध प्रारंभिक जाँच 26/ 2011 पंजीबद्ध है। बीते एक दशक से यह प्रकरण लंबित है। उनके द्वारा पहल करने के बाद 17.11. 2020 को पुलिस अधीक्षक EOW को जाँच हेतु विधिवत अनुमति प्रदान की गई है, परन्तु 10 माह के बाद भी इस प्रकरण में कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

ननकी राम ने बताया है कि हाईकोर्ट बिलासपुर द्वारा रिट याचिका 30 WPM Pil) No-41/2014 में पारित आदेश दिनांक 08.09.2014 के परिपालन मे देवेन्द्र पाण्डेय और अन्य के विरुद्ध उच्च स्तरीय जॉच की गई थी। जाँच मे गंभीर भ्रष्टाचार और अनियमितता की पुष्टि हुई है लेकिन वर्ष 2015 में जाँच रिपोर्ट शासन को प्रस्तुत करने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

विधायक कंवर ने अपने ज्ञापन में मुख्य सचिव से आग्रह किया है कि को- आपरेटिव बैंक बिलासपुर को डूबाने वाले भ्रष्टाचार के आरोपियों पर 15 दिवस के भीतर कार्रवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि समय सीमा के भीतर कार्रवाही नहीं किये जाने पर बाध्य होकर उन्हें रायपुर स्थित मुख्यमंत्री आवास के सामने अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल पर बैठना पड़ेगा, जिसकी जिम्मेदारी राज्य शासन की होगी।

मुख्य सचिव को प्रकरण की जाँच रिपोर्ट सहित विभिन्न आदेशों की छायाप्रति भी भेजी गई है। साथ ही ज्ञापन की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भेजकर उनका ध्यान आकृष्ट कराते हुए लिखा है कि शिकायत की पुष्टि होने के बाद भी कार्रवाई नहीं करने से अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार करने की प्रवृत्ति भी बढ़ रही है।