govthigh paid adsLatest Newsmiddle position adsmy adsUncategorized

2 बच्चे के शव को कब्र से निकाला गया:सांप के काटने से हुई थी मौत, परिजन चीर-फाड़ नहीं चाहते थे इसलिए ऐसे ही किया था अंतिम संस्कार; PM के लिए भेजा गया

भिलाई में सांप के काटने से 2 बच्चों की मौत के बाद उनके शव को दफना दिया गया। जिसे अब कब्र से निकलवाया गया है। एसडीएम और तहसीलदार की मौजूदगी में दोनों शवों को कब्र से निकाला गया और फिर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। पीड़ित परिजन अपने बच्चों के शवों का चीर-फाड़ नहीं कराना चाहते थे, इसलिए बिना मर्ग जांच के ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया था। मंगलवार को एसडीएम और तहसीलदार ने उन्हें समझाया और कानूनी प्रक्रिया का पालन करने का हवाला देकर शवों को कब्र से निकालने में सहयोग के लिए परिजनों को राजी किया। मामला नंदिनी थाना क्षेत्र का है।

नंदिनी टीआई लक्ष्मण कुमेटी ने बताया कि वार्ड-6 निवासी टेकराम साहू व उसकी पत्नी 21 अक्टूबर की रात दो बच्चे हिमांशू साहू (4 वर्ष) और शाहिल (8 माह ) के साथ एक ही बिस्तर पर सोए हुए थे। तड़के 4.30 बजे छोटा बच्चा शाहिल अचानक रोने लगा। मां फौरन उठी और लाइट जला कर देखा तो बिस्तर से जहरीला सांप बाहर निकल रहा था। उसने तुरंत टेकराम को जगाया। उन्होंने देखा कि उस जहरीले सांप ने उनके दोनों बेटों को डस लिया था।

इससे शाहिल ने एक घंटे बाद ही दम तोड़ दिया। वहीं हिमांशू क हालत गंभीर थी। जिसके बाद परिजन उस वैद्य के पास लेकर गए थे। वैद्य ने उन्हें अस्पताल भेजा। वहां उसकी स्थिति गंभीर होने पर बच्चे को जिला अस्पताल दुर्ग रेफर किया गया। जिला अस्पताल में भी राहत नहीं मिली तो डॉक्टरों ने उसे पंडित जवाहर लाल नेहरु चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र सेक्टर-9 रेफर किया। यहां ले जाते समय हिमांशु ने भी दम तोड़ दिया। इसके बाद टेकराम ने अपने दोनों बच्चों को दफनाकर उनका अंतिम संस्कार किया। उसका कहना है कि यदि वह मर्ग कायम कराते तो पीएम में उनके बच्चों का चीर-फाड़ करते जो वह देख नहीं पाते।

पीड़ित परिवार को दिया गया 8 लाख रुपए मुआवजा

बिना पीएम बच्चों का अंतिम संस्कार किए जाने की जनकारी होने पर धमधा एसडीएम बृजेश सिंह, तहसीलदार राजेन्द्र चंद्राकर तीन सदस्यीय डॉक्टरों की टीम लेकर मंगलवार दोपहर घटना स्थल पहुंचे। परिजन बच्चों के शव को निकालने के लिए तैयार नहीं हो रहे थे। पुलिस की मौजूदगी में परिजनों को समझाया गया। कई घंटों की समझाने के बाद परिजन राजी हुए। इसके बाद दोनों गड्ढों को खोदकर बच्चों के शव को बाहर निकाला गया और तहसीलदार के सामने उनका मर्ग पंचनामा कराया गया। जिसके बाद शवों को पीएम के लिए भेजा गया है। एसडीएम ने अकाल मृत्यु की वजह से शासन की योजना अंर्तगत दोन बच्चों की मौत पर 4-4 लाख रुपए का मुआवजा परिजनों को दिया गया है। कुल मिलाकर परिजनों को 8 लाख रुपए मुआवाजा दिया गया है।