ऑस्ट्रेलिया में 20 साल की तलाश के बाद मिला ‘जिंदा डायनासोर’, पीता है खून, डरावने हैं दांत
करीब 20 साल से ‘जिंदा डायनासोर’ की तलाश कर रहे ऑस्ट्रेलिया के सीन ब्लॉकसिडजे की तलाश पूरी हो गई है। यह जीव दूसरे जानवरों को खून पीकर जिंदा रहता है और इसी वजह से इसे वैंपायर फिश भी कहते हैं।
ऑस्ट्रेलिया की मार्गरेट नदी में टूअर गाइड का काम करने वाले सीन ब्लॉकसिडजे की 20 साल की तलाश पूरी हो गई है। सीन के हाथ ‘जिंदा डायनासोर’ लगा है जो खून पीता है। इसके दांत इतने खतरनाक हैं कि इंसान पहली ही नजर में दहशत में आ जाए। सीन इतने वर्षों से मार्गरेट नदी को लोगों को दिखाते रहे हैं और इस रहस्यमय जीव की तलाश कर रहे थे। जिंदा डायनासोर कहे जाने वाला यह ईल जैसा जीव पहली बार उन्हें नजर आया है।
सीन ने कई स्थानीय लोगों से इस जीव के बारे में सुना था जो वहां के एक झरने के पास पाया जाता है। इसके बाद उन्होंने ईल की तलाश करने की ठानी। सीन ने कहा कि पिछले एक दशक में किसी ने भी इस जीव को नहीं देखा था। लैमप्रेयस एक प्रकार की मछली है जिसके जबड़े नहीं होते हैं और देखने में ईल जैसी होती है। यह जीव करोड़ों साल में विकसित हुआ है और अन्य जीवों के खून पीने के लिए कुख्यात है।
20 साल तक तलाश करने के बाद सीन को 6 ईल मिले
इसी वजह से इस रहस्यमय जीव को वैंपायर फिश कहा जाता है। सीन ने मिरर से बातचीत में कहा कि यह एक तरह से येति या लोच नेस राक्षस की तलाश करने जैसा है। करीब 20 साल तक तलाश करने के बाद सीन को एक बार में 6 ईल मिल गए। उन्होंने कहा, ‘यह सपने के सच होने जैसा था। मैंने बुजुर्गों से कई बार यह सुना था कि किस तरह से यह खून पीने वाला जीव बड़ी संख्या में स्थानीय झरनों के पास आ जाता था।’
सीन ने बताया कि यह जीव पिछले एक दशक से यहां देखा नहीं गया था। मैं 20 साल से हर दिन इस उम्मीद के साथ जाता था कि आज ईल के दर्शन हो जाएंगे। अब जाकर यह तलाश पूरी हुई है। मैं उसे देखकर बहुत उत्साहित हो गया। इस बात से भी रोमांचक महसूस कर रहा था कि वे अभी भी यहां पर हैं। सीन ने इस जीव को यालगरडुप झरने के पास पाया। ये देखने में लंबे नीले ट्यूब की तरह से थे।
डायनासोर के समय से मौजूद है यह रहस्यमय जीव
सीन ने कहा, ‘वे देखने में ईल की तरह से थे। उनके मुंह डायनासोर की तरह से बेहद खौफनाक थे और नुकीले दांतों से भरे हुए थे। हालांकि वे बहुत ही सुंदर जीव थे और उनकी आंखें नीली थीं और उसमें से चमक निकल रही थी।’ एबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक Lampreys जलवायु परिवर्तन और लवण की मात्रा बढ़ने की वजह से विलुप्तप्राय होने की कगार पर पहुंच गए हैं। सीन कहते हैं कि यह जीव जिंदा डायनासोर की तरह से है और 20 करोड़ साल से मौजूद हैं। हालांकि अब जलवायु परिवर्तन से उनके अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है।