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क्या IG साहब के निर्देशों का उल्लंघन कर रहा है थाना तारबाहर ? बंटी-बबली के खिलाफ जुर्म दर्ज करने में क्या गुरेज ?

बिलासपुर।थाना तारबाहर बिलासपुर में, राजेश सेठ,रजनी सेठ के विरुद्ध अपराध दर्ज करने को लेकर प्रार्थिया प्रियंका सिंह द्वारा दायर क्रिमनल रिट पिटीशन पर हाई कोर्ट द्वारा थाना तारबाहर बिलासपुर से जबाब तलब करने पर पिछले एक सप्ताह से सेटिंग,बयान,जांच का खेल चल रहा है ! जबकि सूत्र बताते है कि IG साहब के ताजा निर्देश है कि भूमाफियाओ के खिलाफ भी IPC की अन्य आपराधिक धाराओं सहित गुंडा एक्ट के तहत कार्यवाही की जाये !

राजेश सेठ,रजनी सेठ के खिलाफ पूर्व में भी 3 FIR दर्ज हो चुकी है, FIR नम्बर 151, एवँम 158 थाना तारबाहर बिलासपुर में एवँम FIR नम्बर 01/2020 थाना अजाक बिलासपुर में, अभी प्रार्थिया प्रियंका सिंह द्वारा हाई कोर्ट बिलासपुर में दायर रिट भी ठीक उसी तरह का और उसी बिल्डिंग से सम्बंधित मामला है जिंनमे पूर्व में 3 FIR राजेश सेठ,रजनी सेठ के खिलाफ दर्ज हो चुकी है ! तो वर्तमान प्रियंका सिंह प्रकरण में राजेश सेठ, रजनी सेठ के खिलाफ FIR दर्ज करने में थाना तारबाहर बिलासपुर द्वारा इतना हिला-हवाला ओर जांच एवँम सेटिंग की आशंकाओं को बेवजह जन्म क्यो दिया जा रहा है, समझ से परे है ! ये सेटिंग का ही परिणाम था कि इससे पूर्व थाना तारबाहर में तत्कालीन थाना प्रभारी और हाल ही में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा थाने में ही खाकी को शर्मसार करने वाला वीडियो वायरल हो रहे वीडियो के आधार पर लाइन अटैच आरक्षक अरविंद सिंह की मध्यस्थता में अहम किरदार निभाने की बात की शिकायत पीड़ित ने की थी और राजेश सेठ,रजनी सेठ के खिलाफ FIR दर्ज नही किया l इतना ही नही राजेश सेठ,रजनी सेठ को बिलासपुर से फरार होने का समय दिया गया । शातिर ठग की फरारी की वजह से पुलिस को राजेश सेठ को नोयडा से गिरफ्तार करने में अत्यधिक परेशानी हुयी थी ! तत्कालीन सायबर सेल प्रभारी कलीम खान और थाना प्रभारी प्रदीप आर्य की ततपरता और सूझबूझ के करते मास्टरमाइंड राजेश सेठ को सलाखों के पीछे पहुचा कर पीड़ितों को इंसाफ मिलने का भरोसा भी दिलाया ।

सूत्र बताते है कि पिछले एक सप्ताह से राजेश सेठ,अपने खिलाफ FIR दर्ज नही होने के लिये थाना तारबाहर से सेटिंग की जुगत में है ! जिसमे बड़े लेन-देन की संभावना है ! इसी बड़े लेन-देन की सूचनाओ की वजह से राजेश सेठ अपने पोस्ट डेटेड चेक का बकाया भुगतान नही कर पा रहा है !

जिस शिकायत पर थाना तारबाहर में IPC-420,34 के तहत राजेश सेठ,रजनी सेठ के खिलाफ अपराध दर्ज हुआ था । लगभग उसी तरह की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज नही करने को लेकर जिसप्रकार प्रार्थी को थाने और अदालत के चक्कर लगवाए जाए वो साफ साफ इंगित कर रहे है कि तारबाहर पुलिस आरोपी को बचाने की जुगत में क्यों जुटी हुई है ? क्यों प्रार्थी को तमाम दस्तावेज होने के बाद भी समझौता करवाने को विवश कर रही है ? तारबाहर थाने में दर्ज fir पर कई महीनों केंद्रीय जेल में बिताने पर आरोपी राजेश सेठ को भी कोर्ट ने पीड़ित शीतला त्रिपाठी को पोस्ट पेड़ चेक दिलवाने के बाद ही जमानत आदेश जारी किया था । ऐसे में पुलिस पर सवाल उठना तो लाजमी है की क्या वाकई राजेश सेठ बड़ी रकम खर्च कर थाना तारबाहर बिलासपुर में अपने खिलाफ FIR दर्ज नही होने देगा ? या थाना प्रभारी तारबाहर बिलासपुर महोदय, IG साहब के निर्देशों के अनुरूप राजेश सेठ के खिलाफ IPC की धाराओं सहित ( इस बंटी-बबली की जोड़ी, राजेश सेठ रजनी सेठ जो कि दोनों बिल्डर्स एवँम ऐसे भूमाफिया है जिनके खिलाफ सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे ओर अवैध निर्माण के प्रमाणित दस्तावेजो के साथ जुर्म दर्ज है!) । बाउजूद उसके तारबाहर पुलिस द्वारा इनके खिलाफ मामला दर्ज करने में रुचि नही दिखाना समझ से परे है । जबकि एसएसपी दीपक झा ने भी स्पष्ठ कर दिया है कि पुलिस का काम है कार्यवाही करना समझौता करवाना नही । अब देखना होगा कि पुख्ता दसातवेज होने के बाद भी आरोपी के ऊपर मेहरबान तारबाहर पुलिस कब निष्पक्ष जांच कर पीड़ित को इंसाफ दिलवाती है !