रायगढ़ : एन आर इस्पात का विस्तार क्षेत्र में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएगा : राज्य का दूसरा सबसे बड़ा mou जिले के लिए उपलब्धि
एन आर इस्पात का विस्तार क्षेत्र में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएगा : राज्य का दूसरा सबसे बड़ा mou जिले के लिए उपलब्धि
रायगढ़:- देश में औद्योगिक जिले की पहचान बना चुके रायगढ़ जिले में हाल ही के दिनों में एक नया अध्याय लिखा गया। यह दिन राज्य के उद्योग इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज किया गया। इस बार ऐसी उपलब्धि को हासिल करने वाले कोई दूसरे राज्य के नामचीन उद्योगपति नही बल्कि स्थानीय सफल उद्यमी हैं। जिनका सरल सहज और मृदुभाषी व्यवहार किसी से छुपा नही है। संजय अग्रवाल n r इस्पात आज किसी परिचय के मोहताज नही है। वे सफल उद्यमी होने के साथ सक्रिय सामजसेवी भी है।
गौरतलब हो कि बीते दिनों एन आर ग्रुप के संजय अग्रवाल ने छत्तीसगढ सरकार से प्रदेश के दूसरा सबसे बड़ा उद्योग स्थापना के लिए समझौता किया था। इस दौरान वन विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ भी उपस्थिति रहे। यहां 4700 करोड़ निवेश के समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया गया। उद्योगपति संजय अग्रवाल की इस उपलब्धि से रायगढ़ वासी बेहद उत्साहित हुए थे। खासकर युवा वर्ग में इस बात की प्रसन्न्ता थी,कि उन्हें स्थानीय स्तर पर ही बेहतर रोजगार का अवसर मिल सकेगा।
राज्य सरकार के साथ हुए इस बड़े औद्योगिक करार को लेकर युवाओं के अलावा स्थानीय व्यपारियों में बड़ा उत्साह देखने को मिला था। उनकी माने तो उक्त उद्योग करार से न केवल जिले के 3 हजार बेरोजगार युवाओं को रोजागार मिलेगा,बल्कि छोटे और मझोले व्यपारियों को भी व्यपार बढ़ाने के नए अवसर मिलेंगे।
सफल उद्यमी होने के साथ सामाजिक कार्यों में भी आगे हैं संजय अग्रवाल..
उद्यमी संजय अग्रवाल अपने समकालीन उद्योगपतियों में सबसे सफल कहे जाने वाले युवा उद्योगपति है।वे उद्यमिता के अलावा समाजिक कार्यों में भी बेहद सक्रिय रहते हैं,उनकी पहल से हाल में ही रायगढ़ शहर के पुराने अशर्फी देवी चिकित्सालय के जीर्णोद्घार के लिए 60 से 70 लाख रु की राशि खर्च की गई है। इसके अलावा आपने उद्योग हादसों में घायलों हुए श्रमिको के बेहतर इलाज के लिए ट्रामा सेंटर निर्माण के हेतु भी बड़ी प्रदान की गई है। वही संजय अग्रवाल अग्रोहा धाम के सम्मानित ट्रस्टी है भी है। आप लम्बे समय तक आयरन एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे हैं।
बढ़ेगी स्थानीय स्तर पर रोजगार और व्यपार की संभवानाएं
मेकेनिकल इंजिनियर और स्थानीय शिक्षित बेरोजगार युवक हेमचरण गुप्ता का कहना है कि *अगर कंपनी प्रबन्धन थोड़ी सी पारदर्षिता दिखाए तो कम्पनीकी स्थापना और विस्तार से आसपास के आधा दर्जन से अधिक गांव गौरमुड़ी, देलारी, लाखा, गदगांव, सराईपाली, तराईमाल, तुमीडीह, गेरवानी,भुईकुर्री, सामारूमा के शिक्षित और अशिक्षित युवाओं के लिए रोजगार की संभावनाएं काफी बढ़ेंगी। यही नही गांव के छोटे कारोबारी भी लाभान्वित होंगे। बशर्ते कम्पनी प्रबन्धन उनकी ई आई ए रिपोर्ट में लिखी महवपूर्ण शर्त प्रभावित लोगों को परिवार से किसी एक नौकरी दिए जाने के वायदे को निभाये।
इधर गौरमुडी के वयोवृद्ध ग्रमीण रामाधार कहते है कि *वनोपज और खेती हमारे जीवन पालन का महतवपूर्ण हिस्सा रही है हम सालों से इसी के जरिये अपना परिवार पालते आये हैं। कम्पनी के विस्तार की खबर से हम आशंकित है कि यहां का पर्यावरण और हमे रोज-रोटी देने वाले वन क्षेत्र प्रभावित होंगे। खेती और मवेशी पालन का काम वैसे भी उद्योग स्थापना के बाद से दुष्प्रभावित हुआ है। ऐसे में हमारे क्षेत्र के युवाओं को रोजगार नही मिला तो उनकेआ भविष्य बर्बाद हो जाएगा।
यहां घ्यान देने योग्य बात यह भी है कि जिले के जानकार पर्यावरण प्रेमी और सामाजिक कार्यकर्ता भी उद्योग जगत का इतिहास देखकर कम्पनी के विस्तार के विरोध में लामबंद हो चुके है। उनका कहना है कि जो कम्पनी झूठे ई आई ए रिपोर्ट और छद्म तरीको का इस्तेमाल कर प्रशासन के भ्रष्ट और गैरजिम्मेदार अधिकारियों के शह पर उद्योग का विस्तार करने जा रही है वह अपनी नैतिक,सामाजिक और आदर्श उद्यमी का व्यवहार कैसे निभाएंगी.??
तमाम सवालों का जवाब जानने के लिए हमने उद्यमी संजय अग्रवाल से बात की तो *उन्होने बताया कि सबकी चिंताएं अपनी जगह जायज हैं,परन्तु तब और अब के माहौल में काफी बदलाव आ चुका है। आज उद्यमी पैसे कमाने के अलावा अपनी सामाजिक और उद्यम जिम्मेदारी को बखूबी समझने लगा है। वह उसे निभाने की पूरी कोशिश भी करता है। बस आपको उसके प्रति थोड़ी पाजेटिव सोंच रखनी है। खासकर आपके बीच का उद्योगपति,जिसे आपके साथ हमेशा रहना है। आदर्श उद्यम जिम्मेदारियों में पर्यावरण की सुरक्षा एन आर ग्रुप की पहली प्राथमिकता है वहीं स्थानीय लोगो की अपेक्षाओं में खरा उतरना उनकी समस्याओं और जरूरतों का ध्यान रखना हमारी दूसरी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होगी। मैं बस इतना कहना चाहूंगा कि आप हम पर भरोसा रखिये हम जिले में अब तक के उद्योग नीति से अलग और नवीन परिपाटी लिखने जा रहे हैं।।