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भड़ली नवमी का शुभ मुहूर्त कल इसके बाद 25 नवंबर से शुरू होंगे विवाह और मांगलिक कार्य….. बिना पंचांग देखें निपटा लें शुभ कार्य, इसके बाद शुरू हो जाएगें चार्तुमास

नयी दिल्ली 28 जून 2020। आषाढ़ शुक्लपक्ष की नवमी तिथि को भड़ली नवमी कहते हैं। इस दिन को विवाह और अन्य मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त माना जाता है। इस साल भड़ली नवमी शुभ मुहूर्त 29 जून सोमवार को है। इस दिन गुप्त नवरात्रि का समापन भी होता है।29 जून 2020 का दिन बहुत ही शुभ है. इस दिन भड़ली नवमी है. मान्यता है कि इस दिन कोई भी शुभ कार्य बिना पंचांग देखे ही किया जा सकता है. आज के दिन शादी विवाह, मुंंडन, नामकरण संस्कार आदि किए जा सकते हैं. लेकिन इस दिन के बाद शुभ कार्य नहीं किए जा सकेंगे.

1 जुलाई से चार्तुमास आरंभ हो रहे हैं. चार्तुमास के चार महीनों तक कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. इन चार में भगवान का स्मरण किया जाता है. हिंदू धर्म में चार्तुमास का विशेष महत्व बताया गया है. इन चार माह में व्यक्ति को अनुशासित जीवनशैली का पालन करना चाहिए.

पंचांग के अनुसार 29 जून को नवमी की तिथि है. इस नवमी को भड़ली नवमी भी कहा जाता है. चर्तुमास से पहले यह आखिरी शुभ तिथि मानी गई है. जिसमें किसी भी शुभ कार्य को किया जा सकता है. इसके लिए पंचांग की भी मदद लेने की जरूरत नहीं पड़ती है. आषाढ़ी मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को गुप्त नवरात्रि का अंतिम दिन भी माना गया है.

29 जून की नवमी का महत्व
29 जून की नवमी का विशेष महत्व है. इस दिन सोमवार है. सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है. चार्तुमास लगने के बाद जब भगवान विष्णु पाताल लोक में अपने शयन कक्ष में विश्राम के लिए प्रस्थान कर जाते हैं तो सृष्टि की बागडोर भगवान शिव के हाथों में आ जाती है.

आज है अबूझ मुहूर्त
अबूझ मुहूर्त वे शुभ मुहूर्त कहलाते हैं जिनमें पंचांग देखने की आवश्यकता नहीं पड़ती है. पंचांग के अनुसार वसंत पंचमी, फाल्गुन शुक्ल पक्ष की दूज फुलेरा दूज, राम नवमी, जानकी नवमी, वैशाख पूर्णिमा, गंगा दशमी, भड़ली नवमी और अक्षय तृतीया की तिथि को अबूझ मुहूर्त माना गया है.

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