गौरेला पेंड्रा मरवाही–दानीकुंडी में दर्जनो लोगों ने किया वन विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा, नोटिस भी ,लेनदेन भी..सूत्र
गौरेला पेंड्रा मरवाही–दानीकुंडी में दर्जनो लोगों ने किया वन विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा, नोटिस भी ,लेनदेन भी..सूत्र
जीपीएम: मरवाही वनमंडल में जहां भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है वही अब इसे वन भूमि भी अछूता नहीं रह गया है ..मरवाही वनपरिक्षेत्र के ग्राम दानीकुंडी बस स्टैंड के आगे बाजार के सामने से तिराहे तक वन भूमि में 15 से 20 मकानों का निर्माण कर अवैध कब्जा (अतिक्रमण) किया गया है रोड से लगी वन विभाग की जमीन पर दर्जनों लोगों ने अवैध तरीके से कब्जा कर मकान का निर्माण किया गया है. जंगलो की जमीन में हो रहे अवैध अतिक्रमण को लेकर ग्रामीणों ने कहा कि वर्षों से जंगलो के आस-पास के ग्रामीण क्षेत्र में वन भूमि पर कब्जे का खेल चल रहा है। इस खेल में सीधे-सीधे वन विभाग के अधिकारियों-व वन विभाग के स्थानीय कर्मचारियों की लापरवाही है और वही इसके जिम्मेदार हैं।
विश्वस्त सूत्रों ने बताया की दानी कुंडी ने वन भूमि पर किए गए अतिक्रमण की जानकारी वनमंडल के डीएफओ तक को है ..जिसमे कुछ महीनो पूर्व वन भूमि पर काबिजो को वन विभाग तत्कालीन डीएफओ के द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी कर कब्जा के संबंध में 15दिन के भीतर जवाब देने कहा गया था..सूत्र बताते है की उसमे जवाब के बदले अच्छी खासी राशि का लेनदेन किया गया था . हालाकि नोटिस के बाद भी कार्यवाही का ना होना लेनदेन की पुष्टि करता है ..वही बताया जाता है की कई बार जांच के नाम पर टीम बनी और वन विभाग लीपा-पोती करता रहा है। इसके आसपास की राजस्व भूमि भी अतिक्रमण का शिकार हुई है, जिसमें राजस्व के अधिकारियों द्वारा लगातार कार्यवाही कर अतिक्रमण हटाया जा रहा है..
गौरतलब है कि मरवाही परिक्षेत्र के दानीकुंडी रोड से लगे वन भूमि की जमीन पर पिछले कई वर्षों से अतिक्रमण चल रहा है। अतिक्रमण करने के बाद यहां दर्जनों घर बन गए। लेकिन ताज्जुब की बात तो यह है कि न तो कब्जा हटा और न ही अतिक्रमण पर रोक लगाने की कोई ठोस पहल हुई। आज की स्थिति में धीरे-धीरे लोग वन भूमि पर कब्जा कर ले रहे हैं। जिसके कारण वन विभाग के द्वारा लगाए गए पौधों का अस्तित्व भी खतरे में पड़ता दिखाइ दे रहा है जिसे लेकर एक बार फिर यह मामला सामने आया है,अब देखना है कि प्रशासन के द्वारा क्या कार्यवाही अमल में लायी जाती है।
पर्यावरण प्रेमियों एवम् सामाजिक कार्यकर्त्ताओ ने कहा की अगर इस मामले को लेकर सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा अगर कार्यवाही नही किया जाता है तो मामले को लेकर मुख्यमंत्री महोदय को अवगत करा कर कार्यवाही की मांग की जाएगी। जरूरत पड़ने पर हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की जाएगी…