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कटघोरा : शहर में धड़ल्ले से चल रहा बिना लाइसेंस के अवैध आयुर्वेदिक दवाईयों की बिक्री व निर्माण..

कटघोरा : शहर में धड़ल्ले से चल रहा बिना लाइसेंस के अवैध आयुर्वेदिक दवाईयों की बिक्री व निर्माण..

 

 

एक दवाई के पेटेंट होने की आड़ में चल रहा नकली आयुर्वेदिक दवाइयों का कारोबार.

कोरबा : कटघोरा नगर में आयुर्वेदिक दवाई की आड़ में नकली दवाई निर्माण कर ग्रामीण क्षेत्रों व अन्य जिलों में खपाई जा रही है। इस मामले से ड्रग विभाग बिल्कुल अंजान है। यह कार्य कटघोरा नगर मुख्य मार्ग पर धड़ल्ले से चल रहा है।

बता दें कटघोरा से अम्बिकापुर मार्ग में स्थित जय भगवान की दुकान ( जिंदल हर्बल ) के नाम से प्रसिद्ध दुकान जहां आयुर्वेदिक सामाग्री बेची जाती है। और दुकान के संचालक द्वारा जले का दाग मिटाने की दवाई को स्वयं निर्माण किया है जोकि काफी असरकारक व प्रसिद्ध है। और इस दवाई का पेटेंट रेजिस्ट्रेशन भी है। लेकिन यहां के संचालक महोदय इसकी आड़ में नकली आयुर्वेदिक दवाइयों का निर्माण कर खपाया जा रहा है। जानकारी अनुसार नकली दवाइयों का निर्माण कार्य दुकान के ऊपरी मंजिल पर किया जाता है। और इस कार्य में ग्रामीण क्षेत्र के युवक व युवतियां कार्य कर रही है।

जय भगवान दुकान के संचालक जय भगवान जिंदल जोकि अपने आपको एक बड़ा आयुर्वेदिक वैद्य मानते हैं और बड़ी बड़ी बीमारियों के इलाज का दावा करते हैं। जिसमें साइटिका, कमर दर्द, गाठिया दर्द, जोड़ों का दर्द तथा बांझपन का इलाज कर उनकी दवाइयों को स्वयं निर्माण कर मरीजों को दी जाती है। जबकि जिंदल जी के पास किसी प्रकार का आयुर्वेदिक संस्थान का प्रमाण पत्र नहीं जी। और झूठे तरीके से ग्राहकों को नाड़ी दोष बताकर अपने जाल में फंसाकर नकली दवाई देकर उन्हें लंबे समय तक अपने पास इलाज के लिए बुलाया जाता है। जबकि इनके पास किसी प्रकार का कोई लाइसेंस नही होना बताया जा रहा है।

अंग्रेजी दवा में रंग मिलाकर तैयार की जाती हैं गोलियां

अंग्रेजी दवा डेरिफाईलिन, निमोस्लाइड और एन्टी एलर्जिक दवा सीपीएम को पीस कर पाउडर तैयार किया जाता था। इसके बाद मिलाकर आयुर्वेदिक गोली के रूप में तैयार किया जाता है। यहां साइटिका, कमर के दर्द, गठिया, जोड़ों के दर्द व घुटनों के दर्द के नाम पर दवा तैयार कर बेची जाती है।

आयुर्वेदिक औषधि की आड़ में नकली दवाई बेचने का यह कार्य आज से नही बल्कि कई वर्षों से कटघोरा शहर में चल रहा है। लेकिन इस अवैध कारोबार से ड्रग विभाग बिल्कुल अंजान हैं। साथ ही कटघोरा नगर में कुछ मेडिकल स्टोर्स में नशीली दवाइयों का भी कारोबार बड़ी अच्छी तरह फल फूल रहा है। नशीली दवाइयों की गिरफ्त में शहर की युवा पीढ़ी बुरी तरह फंसती जा रही है। अब देखने वाली बात होगी कि खबर प्रसारित होने के बाद ड्रग विभाग इन अवैध दवाई के कारोबारियों पर क्या कार्यवाही करती है यह अभी देखने वाली बात होगी।