कटघोरा: बड़े पैमाने पर बेशकीमती पेड़ो को किया जा रहा धराशाई,वन विभाग के आला अधिकारियों को भनक तक नही…
कटघोरा: बड़े पैमाने पर बेशकीमती पेड़ो को किया जा रहा धराशाई,वन विभाग के आला अधिकारियों को भनक तक नही
कटघोरा: बहुचर्चित कटघोरा वन मंडल के आला अधिकारियों को शायद वन में हो रही क्रियाकलापों की जानकारी मुहैया नही हो पाती,अन्यथा ये उन अवैधानिक कार्यो पर विभागीय कार्यवाही की कील ठोक देते।पूर्व में भी कई मामलों पर वन विभाग ने बड़ी बड़ी कार्यवाही पेश की है।फिर चाहे वो अवैध कब्जे की बात हो या पेड़ कटाई के मामले हो।हालांकि उन कार्यवाहियों के बावजूद भी विभाग का कोई खास असर भू माफियाओं या अवैधानिक कार्यो में लिप्त लोगो पर नही हुआ।इसी का नतीजा है कि आज भी कटघोरा वनमंडल के अंतर्गत बेशकीमती हरे भरे पेड़ो की खुलेआम कटाई हो रही है लेकिन विभाग के आला अधिकारियों को भनक तक नही लग रही है।
कटघोरा वनमंडल के अधीनस्थ कुछ रेन्जो में अवैध कब्जाधारियों का इस कदर बोलबाला है कि वे हरे भरे बेशकीमती पेड़ो की कटाई करने में जरा भी संकोच नही करते हैं,जानकारों की माने तो वे ऐसा कर सकते हैं क्योंकि विभागीय अधिकारियों को पेड़ो की कटाई से कोई फर्क नही पड़ता है।कहीं कहीं पर तो दर्जनों बेशकीमती पेड़ो को खुलेआम धरासाईं कर दिया जा रहा है जहां से विभाग अधिकारियों का रोजाना आवागन लगा रहता है पर उन्हें शायद धरासाई हुए पेड़ नजर नही आते,जो विभागीय अधिकारी उन पेड़ो के जानकारी जुटाने की जहमत तक नही करते।आखिर विभागीय अधिकारी ऐसे मामलों पर अंधे क्यो हो जाते हैं?
पिछले कुछ सालों पूर्व कटघोरा वनमंडल के अंतर्गत एत्मानगर रेंज में सैकड़ो पेड़ो के कटाई का मामला गरमाया था,जिसमे कई अधिकारी जांच की रडार पर खड़े हो गए थे,बावजूद विभाग के अधिकारियों ने सबक नही सीखा और आज भी कई इलाकों में बेशकीमती पेड़ो की कटाई होने के सबूत साफ बया कर रहे हैं कि कहि विभाग के आला अधिकारियों की मिलीभगत तो नही जो अधिकारी अंधे बन उदासीन बैठे हैं।बता दे कि चाहे वनभूमि हो या निजी भूमि अगर उसमे पेड़ो की कटाई करनी है तो जिले के डीएम से परमिशन की आवश्यकता होती है जहां परमिशन मिलने पर ही पेड़ो को काटना सम्भव हो पाता है, उसमे भी किसान द्वारा यथोचित तथ्य पेश किए जाएंगे तभी परमिशन संभव हो पाता है अन्यथा परमिशन के लिए किसान को सालों चक्कर काटने पड़ जाते हैं पर उन्हें परमिशन नही मिल पाता।पर देखा जा रहा है कटघोरा वनमंडल के अंतर्गत कुछ इलाकों में दर्जनों हरे भरे पेड़ो को धरासाई किया जा रहा है जो प्रथम दृष्टया ही संदेहास्पद नजर आता है अब इन पेड़ों की कटाई में विभाग के आला अधिकारियों की कितनी मिलीभगत है ये तो कह पाना संभव नहीं है लेकिन जानबूझ कर अंधा बनने का ढोंग करना अधिकारियों की कार्यशैली जरूर बया कर रहा है।