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मरवाही वनमंडल: भ्रष्टाचार को अंजाम देने के लिए पूर्व प्रभारी डीएफओ द्वारा सहायक ग्रेड 3 भूपेंद्र साहू को बनाया गया कैम्पा शाखा प्रभारी..

मरवाही वनमंडल: भ्रष्टाचार को अंजाम देने के लिए पूर्व प्रभारी डीएफओ द्वारा सहायक ग्रेड 3 भूपेंद्र साहू को बनाया गया कैम्पा शाखा प्रभारी..

 

 

Marwahi: डीएफओ कार्यालय में कैम्पा शाखा का कार्यभार एक अकाउंटेंट स्तर के कर्मचारी का होता है! लेकिन मरवाही वनमण्डल की बात ही अलग है यहां नियम कायदे नही बल्कि अधिकारियों की मनमानी चलती है यहां पर एक सहायक ग्रेड 3 के पद पर पदस्थ कर्मचारी भूपेंद्र साहू को पूर्व प्रभारी डीएफओ द्वारा आदेश जारी कर कैम्पा शाखा का प्रभार दिया गया है जो कि शासन के नियमो के पूर्णतः विरुद्ध है इसी का फायदा उठाते हुए प्रभारी डीएफओ बने संजय त्रिपाठी ने भी इस लिपिक का जमकर उपयोग अपने फायदे के लिए किया गया भूपेंद्र साहू द्वारा खोडरी वन परिक्षेत्र के लिए मजदूरी एवं मरम्मत हेतु आबंटित हुई राशि को समाग्री सप्लायर फर्म से मिलीभगत कर पूरी राशि ही खत्म कर दिया गया जिससे खोडरी वन परिक्षेत्र में अधूरे कार्यो को पूर्ण नही किया जा सका है और साथ ही काम करने वाले लोग अपने भुगतान के लिए दर दर की ठोकरें खा रहे है उनकी व्यथा सुनने वाला कोई जिम्मेदार नही है मामले की शिकायत प्राप्त होने पर हमारे द्वारा पूर्व रेंजर महिपाल से सम्पर्क किया गया तो उनके द्वारा बताया गया कि मै रिटायर हो चुका हूं आपको कोई भी जानकारी बाबू ही बताएंगे हमारे द्वारा तात्कालिक खोडरी परिक्षेत्र के लिपिक रहे बाबू से जब सम्पर्क किया गया तो उनके द्वारा बताया गया कि 

सभी के बिल प्रस्तुत किये गए थे लेकिन कैम्पा शाखा में पदस्थ कर्मचारी भूपेंद्र साहू के द्वारा पूरे राशि को डिवीजन स्तर पर बुक कर दिया गया है मेरे द्वारा उच्य अधिकारियों को उक्त संबंध में अवगत करा दिया गया है किंतु किसी प्रकार की सुनवाई नहीं की गई

यदि विभागीय अधिकारी चाहें तो जितने भी कर्मचारियों का संबंध इस मामले से है सभी को सामने बैठा कर पूरी जाँच की जाए तो सारी सच्चाई सामने आ जायेगी अब इस मामले के सामने आने के बाद एक गंभीर सवाल यह उठता है कि क्या इतने बड़े स्तर पर हो रहे अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के बाद भी पीसीसीएफ राकेश चतुर्वेदी और वन मंत्री की नजर आज तक मरवाही वन मण्डल में नही पड़ी क्योंकि आज तक भूपेंद्र साहू जैसे दोषी कर्मियों पर कार्यवाही तो दूर जाँच भी नही होना ये दर्शता है की ऐसे लोगो की पकड़ काफी ऊपर तक बन चुकी है लेकिन नए डीएफओ के मरवाही वन मण्डल में आने से आम जनमानस के साथ ही साथ ईमानदार कर्मचारियों के मन मे एक उम्मीद सी जगी है कि यदि अधिकारियों के द्वारा उनको दबाव मुक्त कार्य करने दिया जाए तो मरवाही वन मण्डल में हो रहे भ्रष्टाचार पर उनके द्वारा जरूर लगाम लगाया जा सकेगा जिससे वन विभाग के साथ साथ छत्तीसगढ़ सरकार की छवि भी आम जनता एवं कर्मचारियों के मन मे अच्छी बनेगी इसलिए वन विभाग को इस मामले में गंभीरता से विचार करके उचित फैसला लेने की भी आवश्यकता है।