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Marwahi: वनमण्डल में अधिकारियों के नाक के नीचे भूपेंद्र साहू की मनमानी जारी, नियमों को ताक पर रख किया लाखो का हेर-फेर….

अधिकारियों की नाक के नीचे भूपेंद्र साहू की मनमानी जारी नियमो को ताक पर रख कर किया लाखो का हेर – फेर

 

 

Marwahi: वन मण्डल में हर नए दिन के साथ पूर्व समय मे किये गए भ्रष्टाचार की परतें एक एक करके खुलते जा रही है हम बात कर रहे है वह मण्डल कार्यालय में पदस्थ कर्मचारी भूपेंद्र साहू की जिनके ऊपर पूर्व प्रभारी डीएफओ राकेश मिश्रा के साथ साथ पूर्व प्रभारी डीएफओ एवं वर्तमान एसडीओ मरवाही संजय त्रिपाठी की ऐसी कृपा रही जिसके चलते भूपेंद्र साहू के द्वारा नियमों को ताक में रख कर खुलकर भ्रष्टाचार की गतिविधियों को अंजाम दिया गया विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार भूपेंद्र साहू के द्वारा पूर्व प्रभारी डीएफओ रहे राकेश मिश्रा के समय शाहिल इंटर प्राइजेज बिलासपुर के साथ आपसी सांठगांठ करके लगभग 32 लाख रुपयों का चेक बिना बिल – बाउचर के ही ऊक्त फर्म के नाम पर चेक काटते हुए भुगतान कर दिया गया था जबकि वह राशि खोडरी वन परिक्षेत्र को एलाट हुआ था इस मामले की जानकारी लगते ही खोडरी वन परिक्षेत्र के रेंजर के द्वारा तात्कालिक डीएफओ से मामले का शिकायत किया गया तब कार्यवाही के डर से उक्त फर्म के द्वारा प्राप्त किए गए राशि को वन मण्डल मरवाही के डीएफओ के विभागीय अकाउंट में पुनः वापस किया गया

अब सवाल ये उठता है कि यदि एक कर्मचारी के द्वारा इतने बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया गया था और उसकी जानकारी भी पूर्व समय के दो दो प्रभारी डीएफओ राकेश मिश्रा एवं संजय त्रिपाठी को थी तो फिर इन दोनों प्रभारी डीएफओ के द्वारा भूपेंद्र साहू के ऊपर कार्यवाही क्यों नही किया गया साथ ही कार्यवाही करने के बजाए दोनों पूर्व प्रभारी डीएफओ के द्वारा लगातार भूपेंद्र साहू पर कृपा बनाए रखना एवं उनको नियम विरुद्ध तरीके से कैंपा शाखा प्रभारी बनाया जाना इस ओर इशारा करता है कि भ्रष्टाचार में लिप्त भूपेंद्र साहू का उपयोग दोनों पूर्व प्रभारी डीएफओ के द्वारा भी जमकर किया गया लेकिन अब इस मामले के सामने आने के बाद देखना ये होगा कि क्या सीसीएफ राजेश चंदेले एवं पीसीसीएफ राकेश चतुर्वेदी के द्वारा वन मंडल मरवाही की निष्पक्ष जाँच करवाकर दोषियों पर उचित कार्यवाही किया जाएगा या फिर मरवाही को भ्रष्टाचारियों का चारागाह बना रहने दिया जाएगा 

मरवाही में निष्पक्ष जाँच तो तभी सम्भव हो सकेगा जब पूर्व प्रभारी डीएफओ एवं वर्तमान एसडीओ मरवाही संजय त्रिपाठी को अन्यत्र ट्रांसफर करके जाँच कराया जाए ताकि उनके द्वारा जाँच को किसी भी तरीके से प्रभावित न किया जा सके इसके साथ ही मामले की गंभीरता को देखते हुए भूपेंद्र साहू को तत्काल वन मण्डल कार्यालय से किसी अन्य वन परिक्षेत्र में पदस्थ कर दिया जाए ताकि उनके द्वारा विभागीय दस्तावेजों से किसी प्रकार का छेड़छाड़ न किया जा सके साथ ही भूपेंद्र साहू के द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की समुचित जाँच करते हुए उचित कार्यवाही करने में भी विभाग को देर नही करना चाहिए जिससे विभाग के ऊपर आम जनता का विश्वास कायम बना रहे..