वन विभाग का दोहरा चरित्र आया सामने कहीं हुआ तत्काल कार्यवाही तो कहीं मिला है अभयदान…सरकार की छवि हो रही धूमिल..
वन विभाग का दोहरा चरित्र आया सामने कहीं हुआ तत्काल कार्यवाही तो कहीं मिला है अभयदान
मरवाही: वन मण्डल पिछले काफी समय से ही सुर्खियों में बना हुआ है इसका कारण यहाँ पदस्थ रहे पूर्व रिटायर डीएफओ राकेश मिश्रा से लेकर पूर्व प्रभारी डीएफओ एवं वर्तमान एसडीओ संजय के साथ साथ पूर्व एसडीओ के पी डिंडोर तक रहे हैं
हाल ही में वन मण्डल मरवाही में हुए मनरेगा घोटाले की गूँज छत्तीसगढ़ के विधानसभा तक सुनाई दी थी जिसके बाद वन विभाग के द्वारा तत्काल बीट गार्ड से लेकर डिप्टी रेंजर, रेंजर समेत तात्कालिक एसडीओ तक को निलंबित कर दिया गया है एक ओर वन विभाग की इस कार्यवाही ने जँहा पूरे प्रदेश में सुर्खियाँ बटोरी तो वंही दूसरी ओर अब ये सवाल भी उठने लगा है कि जब एक घोटाले में नाम आने के बाद इतने बड़े स्तर पर कार्यवाही सम्भव है तो फिर उसी वन मण्डल में पूर्व प्रभारी डीएफओ एवं वर्तमान एसडीओ संजय त्रिपाठी के द्वारा लगातार किये जा रहे रहे भ्रष्टाचार की तमाम शिकायतों के बाद भी न ही कोई ठोस जाँच हो सका न ही उनपे कार्यवाही हुआ वन विभाग के इस दोहरे रवैये से कहीं न कहीं वन कर्मियों के साथ साथ आम जन मानस के मन मे भी इस कार्यवाही को लेकर सवाल उठने लगा है कि आखिर जब एक साथ इतने बड़े स्तर पर वन कर्मियों पर कार्यवाही हो सकता है तो फिर संजय त्रिपाठी एवं दरोगा सिंह मरावी पर अब तक विभाग की दया दृष्टि क्यों बनी हुई है इसका असर आने वाले विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिल सकता है जहाँ सरकार की छवि को धूमिल करने के लिए विपक्ष के द्वारा इस मुद्दे को एक बड़ा रूप दिया जा सकता है इन सभी संभावनाओं को देखते हुए वन मंत्री को तत्काल ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों की जाँच कराते हुए उनको वन मण्डल से दूर भेजते हुए कार्यवाही करने की जरूरत है ताकि प्रदेश सरकार की साफ स्वक्ष छवि जनता के मन मे बरकरार रहे..!