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कोरबा: लचर है राजस्व विभाग का कामकाज , सीएम का होने वाला है प्रवास..

राजस्व न्यायालयों में 5 हजार प्रकरण पेंडिंग, कटघोरा अनुविभाग को छोंड़ निराकरण में सब पीछे 

 

 

Korba: आम जनता की समस्याओं को सुलझाने सरकार तुंहर द्वार कार्यक्रम पूरे प्रदेश में जोर शोर से चल रहा । आकांक्षी जिला में शामिल कोरबा में भी शिविरों का आयोजन हो रहा। बक़ायदा समस्याओं,आवेदनों के निराकरण के दावे भी किए जा रहे पर राजस्व विभाग के मामले में दावे कुछ और ही बयाँ कर रहे।जहां राजस्व न्यायालयों के पुराने प्रकरण लंबित हैं तो वहीं पिछले 3 माह में ही 2 हजार प्रकरण पंजीकृत हो गए। सीएम प्रवास के आसार के बीच राजस्व मंत्री के जिले में राजस्व न्यायालयों में लंबित नए पुराने प्रकरणों का निराकरण राजस्व विभाग के लिए कड़ी चुनौती होगी ।

राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों ने राजस्व विभाग की चिंता बढ़ा दी है। गत वर्ष के मामले इस वर्ष निराकृत हो रहे। गत वर्ष 5 हजार 144 प्रकरण लंबित थे। अप्रैल में करीब 2 हजार नए मामले सामने आए। मई में 1010 मामले और जून में 311 नए मामले दर्ज हुए। इसी तरह अप्रैल तक नए व पुराने कुल 6 हजार 977 प्रकरण निराकृत किए गए। इसी तरह मई में 1 हजार 116 एवं जून में 477 नए मामले निराकृत हुए। वर्तमान में 10 जून की स्थिति में 4 हजार 920 मामले लंबित हैं।

लंबित प्रकरणों की वजह से पक्षकारों व उनके वकीलों को नई तारीख पर तारीख मिल रही है। उन तारीखों पर जब पक्षकार पहुंचते हैं तो कार्यालय के बाहर बोर्ड में लिखा होता है कि अधिकारी आज शासकीय बैठक , शिविर ,दौरे की वजह से बाहर हैं। इस तरह एक बार फिर नई तिथि मिल जाती है। कई मामलों में ये भी शिकायत है कि एसडीएम कोर्ट या फिर तहसीलदार कोर्ट तक पटवारियों आरआई का प्रतिवेदन समय पर नहीं पहुंच रहा। मौके पर जाकर सत्यापन करने में भी राजस्व विभाग गम्भीर नहीं है।इस वजह से मामले लंबित रहते हैं।

समस्या तब और बढ़ जाती है जब सम्बंधित अधिकारी का तबादला हो जाता है । नए अधिकारी नए सिरे से प्रकरण का अध्ययन करते हैं। नई रिपोर्ट तलब की जाती है। इस पक्रिया में मामले राजस्व न्यायालयों में लटके रहते हैं।

निराकरण में कटघोरा अनुविभाग आगे ,नायब तहसीलदार दीपका सिरमौर

अप्रैल से लेकर 10 जून तक कि स्थिति को देखें तो त्वरित गति से राजस्व प्रकरणों के निराकरण के मामलों में नायब तहसीलदार दीपका सिरमौर हैं। इन 3 महीनों के भीतर दीपका में 800 प्रकरणों का निराकरण हुआ। पाली तहसीलदार ने 717 मामले निराकृत किए। इसी तरह कटघोरा तहसील में 606 मामले निराकृत हुए। वहीं तहसीलदार कोरबा इस मामले में चौथे स्थान पर रहे जहां 615 मामले निराकृत हुए । कुल मिलाकर कटघोरा अनुविभाग राजस्व प्रकरणों के निराकरण के मामले में बेहतर गति से कार्य कर रहा।

राजस्व मंत्री ने खुले मंच से राजस्व विभाग को लिया था निशाने पर मूल काम करने की दी थी नसीहत

गौरतलब हो कि 25 मई को शहर के विद्युत गृह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में सरकार तुंहर द्वार कार्यक्रम के तहत आयोजित शिविर में राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल अपने ही राजस्व विभाग की कार्यशैली पर जमकर बरसे थे। उन्होंने कहा था कि राजस्व अमला ट्रक पकड़ने ,आम जनता को परेशान करने के आलतू फालतू कामों को छोंड़कर शासन द्वारा सौंपे गए अपने मूल कार्यों पर ध्यान दें। वसूली के कामों को बंद करें।

अन्यथा जिसकी भी शिकायत आएगी चाहे एसडीएम हो तहसीलदार ,आरआई य्या पटवारी वो 24 घण्टे के भीतर उन्हें सस्पेंड करने आदेशित करेंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में शुरू की गई योजना सरकार तुंहर द्वार का उद्देश्य आवेदन लेकर रद्दी की टोकरी में नहीं डालना है वरन कार्यक्रम की मंशा अनुरूप उसका त्वरित निराकरण ,समाधान करना है। तभी कार्यक्रम की मंशा साकार होगी।

राजस्व मंत्री शायद जिले में राजस्व विभाग के कामकाज की स्थिति से वाकिफ हैं यही वजह है उन्हें खुले मंच से चेतावनी देनी पड़ी। वर्तमान आंकड़े मंत्री के बयानों से काफी हद तक मेल खा रहे।

राजस्व प्रकरण बीते 3 माह की स्थिति एक नजर में

न्यायालय नए मामले निराकृत

कलेक्टर कोरबा 607 – 206

एसडीएम कोरबा 491 -529

एसडीएम पाली -44 -117

एसडीएम कटघोरा 54 -180

एसडीएम पोंडी 20 -140

तहसील कोरबा 463 -615

तहसीलदार बरपाली 282 -459

तहसीलदार दीपका 282 -800

तहसीलदार कटघोरा 269 -606

तहसील भैसमा 247 -468

तहसील पाली 242 -717

तहसील दर्री 142 -341