जड़गा वन परिछेत्र के कर्मियों ने सामूहिक स्थानांतरण व ठेकेदार पद्धति वाली बात को किया खारिज,वनपरिक्षेत्राधिकारी को लिखा पत्र बताया हमने नही की शिकायत
कटघोरा वन मण्डल इन दिनों सुर्खियों का विषय बना हुआ है।इस परिछेत्र के कर्मचारियों का बेबुनियादी तर्क वितर्क समझ से परे नजर आता है यहाँ जड़गा कर्मियों ने बीते दिनों सामूहिक स्थानांतरण मांग पत्र कटघोरा वनमंडलाधिकारी,मुख्य वनसंरक्षक बिलासपुर व वन कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष को प्रेषित किया था।जिसमे इस बात का ज़िक्र किया गया है कि परिछेत्र जड़गा में ठेका पद्धति से कार्य कराया जाता है और कार्य गुणवत्ता विहीन होने पर छेत्र के कार्यो का ठीकरा कर्मचारियों पर फूटता है।ठेकेदारों द्वारा वनकर्मी की बातों को भी दरकिनार किया जाता है।
जड़गा छेत्र के कर्मचारी संघ के अध्य्क्ष मंगल सिंह व बाकी कर्मियों ने इन बातों को सिरे से खारिज कर दिया है उन्होंने बताया कि ऐसा कुछ भी नही है आवेशपूर्वक व बहकावे में आकर ऐसा एक प्रपत्र कर्मचारियों की ओर से प्रेषित हो गया था। संघ की ओर से पूर्व में की गई शिकायत पर वनपरिक्षेत्राधिकारी को लिखित आवेदन प्रस्तुत किया गया है जिसमे संघ द्वारा बताया गया है कि वे उस शिकायत पत्र को खारिज करते हैं।पूर्व में दिए प्रत्र में कोई सत्यता नही थी वह महज एक आवेश पूर्ण पत्र था।जड़गा वनपरिक्षेञ में हमारे द्वारा ही कार्यो को गति दी जाती है और इस परिछेत्र मे किसी प्रकार का विवाद नही है।
“घर का भुला शाम को घर लौट आये तो वह भुला नही कहलाता,,जड़गा वनपरिक्षेत्र में कर्मचारियों का इस तरह अपनी बातों को पेश करना अपने आप मे एक मिसाल है।अपने छेत्र में ये जिस तरह से कार्यो को करते हैं आज इन्ही की देन है जो यह छेत्र हराभरा होने के साथ सौन्दर्यता से परिपूर्ण है।कभी कभी उच्च अधिकारियों की बातों से नाराजगी,तो कभी कर्मचारियों के कार्यों से खुशी यही तो जड़गा वनपरिक्षेञ की मिशाल है जो समय रहते बड़े बड़े विवादों को भी सुलझा लेते हैं।
कटघोरा वन मण्डलाधिकारी शमा फारूकी ने भी जड़गा वनपरिक्षेञ में काफी फील्ड विजिट किया है।जिसमे इन्होंने यहाँ कर्मचारियों के कार्यो की हमेशा सराहना की है।विभाग में सभी की एक महत्वपूर्ण भूमिका रहती है और सभी अपने कार्यो को बेहद निष्ठा से वहन कर रहे हैं।