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Corona update :चीन में नया वैरिएंट,भारत सरकार ने जारी किए निर्देश, बुलाई बैठक

CORONA ALERT:चीन में नया वैरिएंट,भारत सरकार ने जारी किए निर्देश, बुलाई बैठक

चीन में कोरोना संक्रमण के हालात साल 2020 की याद दिला रहे हैं। स्थिति इतनी खराब है कि यहां अस्पतालों के सभी बेड भरे हैं। मेडिकल स्टोर्स में दवाएं खत्म हो रही हैं। मरीज इलाज के लिए डॉक्टर के सामने गिड़गिड़ाते देखे जा सकते हैं।

चीन के हालातों के मद्देनजर भारत सरकार अलर्ट मोड पर है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया के द्वारा कोविड-19 के मसले पर आज वरिष्ठ अधिकारियों और विशेषज्ञों की बैठक बुलाई गई है। दूसरी तरफ केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी केंद्र शासित राज्यों एवं समस्त प्रदेशों की सरकारों को पत्र लिखकर कोरोना पॉजिटिव वाले मामलों के सैंपल जीनोम सिक्वेसिंग के लिए भेजने के निर्देश दिए हैं ताकि कोरोना के नए वैरिएंट का पता लगाया जा सके।

0 24 घण्टे हो रहे अंतिम संस्कार

खबरों के मुताबिक चीन में बीजिंग के सबसे बड़े श्मशान में 24 घंटे अंतिम संस्कार हो रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसकी वजह चीन में फैल रहा नया वैरिएंट हो सकता है। इसका नाम BA.5.2.1.7, है। साइंटिस्ट्स इसे BF.7 भी कह रहे हैं। चीन में जीरो-कोविड पॉलिसी खत्म होने के बाद अचानक से बढ़े मामलों की वजह यही बताई जा रही है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह ओमिक्रॉन का सबसे खतरनाक म्यूटेशन है।

0 BF.7 है ओमिक्रॉन का सबसे शक्तिशाली वैरिएंट

हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन में फैल रहा BF.7 ओमिक्रॉन का सबसे शक्तिशाली वैरिएंट है। यह पहले संक्रमित हो चुके लोगों, फुली वैक्सीनेटेड लोगों या दोनों को ही बीमार बना रहा है। ये जल्दी ट्रांसफर होता है और लक्षण भी पुराने कोरोना वैरिएंट्स के मुकाबले जल्दी सामने आ जाते हैं।

0 एक मरीज 18 लोगों को संक्रमित करने में सक्षम

BF.7 का रिप्रोडक्शन नंबर (RO) 10-18.6 है। इसका मतलब कि इससे संक्रमित होने वाला एक मरीज औसतन 10 से 18.6 लोगों को एक बार में इन्फेक्ट करने में सक्षम है। आमतौर पर ओमिक्रॉन वैरिएंट का औसतन RO 5.08 पाया गया है। शायद यही वजह है कि चीन में कोरोना केसेस दिनों में नहीं, बल्कि घंटों में दोगुने हो रहे हैं।

0 कमजोर इम्यूनिटी वालों के लिए जानलेवा

BF.7 के लक्षणों में सर्दी-, खांसी, बुखार, गले में खराश, हरारत, उल्टी और डायरिया शामिल हैं। कमजोर इम्यूनिटी वाले मरीजों के लिए यह घातक साबित हो सकता है।