कुपोषण से मुक्ति में बढ़ेगा एक और कदम, साईं ट्रस्ट संस्था निभाएगी सहभागिता
शहर से लेकर ग्रामीण स्तर पर तैयार किया जा रहा डेटबेस
सामग्री वितरण कार्य में बेरोजगारों को रोजगार भी देगा साईं ट्रस्ट
संतोष दीवान- रायपुर(CGNEWS365.COM)/ 20 दिसंबर 2021- आदिवासी बाहुल्य जिलों वाला छत्तीसगढ़ राज्य कुपोषण के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए हर संभव कोशिशें कर रहा है। आदिवासी जिलों में पिछड़ेपन एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की कमी के कारण कुपोषण की दर अपेक्षाकृत अधिक है। सरकार की कोशिशों ने कुपोषण की दर में कमी तो लाई है लेकिन अभी भी एक बड़ा वर्ग कुपोषण की मार झेल रहा है। ऐसे में समाज सेवी संस्था साईं ट्रस्ट उड़ीसा ने भी कुपोषण से जंग लड़ने का बीड़ा उठाया है। कहा जा सकता है कि छत्तीसगढ़ में आने वाले समय में कुपोषण के आंकड़े में कमी देखने को मिल सकती है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि उड़ीसा के अलग-अलग इलाकों में समाज सेवा के क्षेत्र में कार्य कर रही साई ट्रस्ट अब छत्तीसगढ़ राज्य में काम करने जा रही है। साई ट्रस्ट उड़ीसा के सीएमडी दीपक कुमार बराड़ के 10 वर्षों की कड़ी तपस्या के बाद अब उनकी सहयोगी संस्था ने कुपोषण की जंग को केवल जागरूकता से आगे बढ़ आहार वितरण की योजना पर काम शुरू कर दिया है। कड़ी मेहनत के बाद उड़ीसा के 30 जिलों में सफलतम बेबी फूड प्रदाय करने के बाद अब साई ट्रस्ट छत्तीसगढ़ के 11 लाख शिशुओं को निःशुल्क बेबी फूड प्रदाय करने जा रही है। इससे गर्भवती माताओं व बच्चों को डब्लूएचओ से प्रमाणित ब्रांडेड पैकेट फूड प्रदाय किया जाएगा। संस्था के सीएमडी दीपक कुमार बराड़ ने छत्तीसगढ़ के लिए अनिल श्रीवास को स्टेट हेड का जिम्मा सौंपा है। सीएमडी दीपक कुमार ने बताया हमारे मार्गदर्शन में 25 दिसंबर से अनिल श्रीवास के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के सात जिलों से इस योजना की शुरूवात की जा रही है जिसमें 6 माह से तीन साल के बच्चों को सेरेलेक, लैक्टोजेन, जुनियर हॉरलिक्स, डेक्सोलेक सहित अन्य ब्रांडेड उत्पाद निःशुल्क प्रदाय किए जायेंगे।
0 उड़ीसा के 30 जिलों में काम कर रहा साईं ट्रस्ट
छत्तीसगढ़ से पहले साईं ट्रस्ट संस्था ने उड़िसा से तीस जिलों में इसका वितरण जारी रखा हुआ है जिसके काफी बेहतर परिणाम सामने आ रहे है। संस्था का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में उच्च गुणवक्ता के उत्पाद का निःशुल्क वितरण कर कुपोषण के खिलाफ सरकार की जारी जंग में अपनी भागीदारी सुनिश्चित किया जाना है। क्योंकि साई ट्रस्ट के सीएमडी दीपक कुमार बराड़ का मानना है कि सुपोषित रहेंगे शिशु तो मजबूत होगा देश का भविष्य।
0 तैयार हो रहा है डेटाबेस, बेरोजगारों को रोजगार भी मिलेगा
साईं ट्रस्ट उड़ीसा के छत्तीसगढ़ हेड अनिल श्रीवास ने बताया कि सीएमडी दीपक कुमार बराड़ के मार्गदर्शन में योजना क्रियान्वयन के लिए डेटाबेस तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है और जल्द ही आंकड़े हमारे पास होंगे। इसके आधार पर सामग्री वितरण का कार्य सुनिश्चित किया जाएगा। संस्था प्रत्येक माह 10 तारीख तक मांग, 15 तक सप्लाई व 25 तारीख तक वितरण सुनिश्चित करने का लक्ष्य निर्धारित कर रही है। सीएमडी दीपक कुमार बराड़ ने बताया कि इस कार्य में किसी भी तरह की अड़चन ना आए और वितरण की श्रृंखला टूटने ना पाए इसके लिए कोऑर्डिनेटर और वितरक की भी नियुक्ति की गई है। ग्रामीण क्षेत्र में जीपी कॉर्डिनेटर रहेंगे, ब्लॉक कॉर्डिनेटर के अलावा डिस्ट्रिक लेवल पर भी टीम होगी। इससे पहले हमने बेहतर समन्वय हेतु रायपुर में ही राज्य कार्यालय स्थापना कर रखी है ताकि ग्राउंड लेवल में किसी तरह की दिक्कत न हो सके। हमारी संस्था के अलावा इस योजना में अन्य कोई एनजीओ व ग्रुप शामिल नहीं है। हमने एक तय कार्यक्रम के तहत तय कर रखा है कि सामग्री वितरण कार्य में सहयोग करने वाले युवाओं को बेहतर मानदेय भी प्राप्त होगा। इस तरह सबको प्रत्येक वितरण पर निश्चित मानदेय देकर रोजगार से जोड़ा जाएगा। ऐसे में केवल इस योजना से करीब 10 हजार बेरोजगारों को रोजगार भी हासिल हो सकेगा। हमारा यकीन है कि साई ट्रस्ट कुपोषण से लड़ने के साथ बेरोजगारी दूर करने में भी सहायक होगी।